मध्यप्रदेश में इंदौर पौधारोपण का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है और इसके लिए जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। शहर पौधारोपण महोत्सव के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इस संबंध में गुरुवार को नगरीय विकास मंत्री कैलाशजी विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि यह विश्व का जनभागीदारी का सबसे बड़ा कार्यक्रम है और भारत का सबसे बड़ा पौधरोपण आयोजन है।
24 घंटे में 11 लाख पौधे रोपकर बनाएंगे वर्ल्ड रिकॉर्ड
इंदौर के रेवती रेंज पर 24 घंटे में 11 लाख पौधे लगाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा। इससे पहले यह रिकॉर्ड असम के नाम था, जहां पर 9.25 लाख पौधे लगाए गए थे। पौधारोपण के इस महाअभियान में 100 संगठनों के 50 हजार से ज्यादा लोग हिस्सा लेंगे। इसमें प्रत्येक समाज के आराध्य देव और प्रत्येक संस्था के आदर्श के नाम पर वनों का नाम किया जाएगा। इस मौके पर डॉक्टरों की टीम, समन्वयक, पार्षदगण, युवामोर्चा, बीएसएफ, सेना प्रशिक्षण स्कूलों के स्वयंसेवकों की टीम, एनएसएस और एनसीसी के कैडेट्स, कॉलेज छात्र धार्मिक, सांस्कृतिक और गैर सरकारी संगठन के लोग तैनात रहेगें जो व्यवस्था संभालने के साथ व्यवस्थित तरीके से पौधारोपण में मदद करेंगे। पौधारोपण के लिए 10 हजार से अधिक कटर, पानी के डिब्बे, फावड़े, सहायक उपकरण, टीशर्टस, कैप्स आदि नागरिकों को वितरित किए जाएंगे। इसके साथ प्रत्येक दो घंटे में 5 से 10 हजार लोगों की टीम रिप्लेस होगी। रेवती रेंज के अंदर 10 हजार पौधारोपण क्षमता वाले 100 से अधिक व्यक्तिगत ब्लाक में समन्वय के लिए 1 हजार लोगों की टीम बनाई है।
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पौधारोपण के समय गीत-संगीत की व्यवस्था की गई है
रेवती रेंज में पिछले तीन सप्ताह से पौधों लाए जा रहे हैं। रेवती रेंज में अस्थाई नर्सरी स्थापित की गई है और इसके अलावा शहर के उद्यान स्थानों में भी नर्सरी स्थापित की गई है। इन पौधों के रखरखाव के लिए एक टीम बनाई है। रेवती रेंज पर 50 हजार लोगों के लिए स्वादिष्ट ताजे भोजन और पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। इस स्थान पर लगातार 48 घंटे तक ताजा भोजन तैयार किया जाएगा। पौधारोपण अभियान में लगे लोगों के उत्साहवर्धन के लिए गीत-संगीत की व्यवस्था की गई है, जहां देशभक्ति के गीतों से माहौल गुंजायमान रहेगा। जिससे लोग जोश के साथ पौधारोपण अभियान को सफल बनाएंगे। वर्ल्ड रिकॉर्ड की तैयारी एक दिन पहले 13 जुलाई की शाम 6 बजे शुरू हो जाएगी। इस तैयारी में गड्ढे खोदना शुरू कर दिए जाएंगे जो 14 जुलाई सुबह 6 बजे तक होंगे। इसके बाद पौधारोपण गिनीज बुक के मापदंडों के मुताबिक 14 जुलाई को सुबह 6 बजे से प्रारंभ किया जाएगा। गुरुवार को पौधारोपण करने वाली सभी संस्थाओं को उनसे संबंधित झोन का निरीक्षण करवाया गया। वर्ल्ड रिकार्ड की टीम ने रेवती रेंज का निरीक्षण कर लिया है और उसने व्यवस्थाओं को तयशुदा मापदंडों के अनुकूल पाया है।
पौधों में पानी की आपूर्ति ड्रिप सिंचाई और ओवरहेड टैंक से की जाएगी
पौधारोपण के लिए रेवती रेंज क्षेत्र को 9 जोन में विभाजित किया गया है। 9 जोन जो 100 सबजोन में बंटा हुआ है, इसमें 1 लाख 21 हजार बड़े पौधे और 4 लाख 50 हजार छोटे पौधे लगाए जाएंगे। छोटे पेड़ 5 से 6 फीट के रहेंगे, जिनका सर्वाइकल रेट 90 प्रतिशत से ज्यादा है। पौधारोपण के बाद उसके रखरखाव की योजना भी तैयार की गई है। पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता रहे इसके लिए रेवती रेंज में तीन प्राकृतिक जल संरचनाएं तैयार की गई है। जिससे इन पौधों को लगातार जल आपूर्ति होती रहेगी। पौधों को पानी की आपूर्ति ड्रिप सिचाई, बोरिंग और ओवरहेड टैंक के जरिए की जाएगी। इस अभियान में नगर निगम के उद्यान विभाग के 500 से ज्यादा कर्मचारी रेवती रेंज में मोर्चा संभाले हुए हैं। सभी 100 सबजोन में नगर निगम की पानी की टीम, स्वच्छता की टीम, उद्यान विभाग की टीम जनभागीदारी के साथ समाज के साथ पौधारोपण में मदद का काम करेंगे। बड़ी संख्या में वाहन आएंगे इसके लिए पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था की गई है।