इंदौर के 56 दुकान के सामने की मास्टर प्लान की सड़क को बंद कर वहां बैठक व्यवस्था बनाने के विरोध में हाईकोर्ट पहुंचे शॉपिंग मॉल के व्यापारियाें की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। याचिका में ट्रैफिक जाम की समस्या का हवाला देकर सड़क को पुन: शुरू किए जाने की बात कही गई थी। इस पर हाईकोर्ट ने आपने आदेश में कहा है कि ट्रैफिक की समस्या आज कहां नहीं है। अगर गार्डन और बैठक व्यवस्था को उजाड़कर ट्रैफिक शुरू किया गया तो अराजकता फैल जाएगी।
शॉपिंग मॉल के व्यापारी करेंगे सुप्रीम कोर्ट का रुख
छप्पन दुकान के सामने व्यवसायिक मल्टी/शॉपिंग मॉल के दुकानदारों की याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है, जिसमें छप्पन दुकान के सामने बनाए बगीचे व बैठक व्यवस्था को उजाड़कर फिर ट्रैफिक शुरू करने की मांग की गई थी। हाई कोर्ट ने याचिका कहा कि ट्रैफिक जाम की समस्या आज कहां नहीं हैं? छप्पन के सामने बगीचा, बैठक व्यवस्था को हटाकर फिर से ट्रैफिक शुरू किया तो अराजकता फैल जाएगी। कोर्ट के आदेश से निराश व्यापारियों ने कहा कि वे अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे और आगे की कार्यवाही जारी रहेगी।
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कोर्ट मित्र से मांगी थी मौके की वास्तविक स्थिति
हाई कोर्ट ने 2 नवंबर 2023 को कोर्ट मित्र के द्वारा मौके की वास्तविक स्थिति देखकर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। रिपोर्ट में कुछ फोटोग्राफ पेश किए गए। छप्पन के सामने बिल्डिंग वन सेंटर के बेसमेंट क्षेत्र में पार्किंग स्थल है। निरीक्षण के समय वहां कुछ वाहन भी खड़े पाए गए। निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार भवन में प्रवेश करते समय न्यू पलासिया/चैन सिंह का बगीचा क्षेत्र से प्रवेश एक बाधा है। भवन में पार्किंग स्थल है तो वाहनों के उचित प्रवेश तथा निकास के लिए सुरक्षा गार्डों को नियुक्त करके इसे ठीक किया जा सकता है।
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व्यापारियों ने ये लगाए आरोप
व्यापारियों ने आरोप लगाए हैं कि कोर्ट द्वारा नियुक्त व्यक्ति द्वारा गलत रिपोर्ट बनाई गई। उस दिन स्मार्ट सिटी के लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से अपनी गाड़ियां वन सेंटर के पार्किंग में लगाईं और फोटो ले लिए। इसी दौरान बंद पड़े बेरीगेट खुलवाए गए। रिपोर्ट बनाने वाले के सामने बेरीगेट नहीं खुल रहे थे तब भी उसने खुले हुए बेरिकेट का फोटो लेने के लिए इंतजार किया। जो भी हमारे मुख्य मुद्दे थे, उसका जिक्र तक नहीं किया गया।
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मास्टर प्लान की सड़क को कर दिया बंद
कोर्ट में व्यापारियों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि इंदौर के मास्टर प्लान में भी 56 दुकान के सामने वाली सड़क है। उसके बावजूद इसे बंद कर दिया गया है और फिर उस पर बैठक व्यवस्था करते हुए गार्डन भी बना दिया गया। इसका लाभ केवल 56 दुकान के व्यापारियों को हो रहा है, जबकि असल में यह आम रास्ता है। इस सड़क से गुजरने का आम आदमी का अधिकार कैसे छीना जा सकता है।
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ट्रैफिक जाम दुनिया के लिए कोई नई बात नहीं
हाई कोर्ट ने फैसले में कहा कि ट्रैफिक जाम दुनिया के लिए कोई नई बात नहीं है और इसे बहुत संक्रामक माना जाता है। अगर वाहनों को एमजी रोड से 56 दुकान क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है तो अराजकता फैल जाएगी। अभी जब एमजी रोड से 56 दुकान में वाहनों को जाने की अनुमति नहीं है, तो कई वाहन एमजी रोड पर रुकते हैं या पार्क किए जा रहे हैं। इससे जाम लगता है। यहां के जाम का आसपास के बड़े क्षेत्र पर असर होता है। नगर निगम द्वारा उक्त जगह बैरिकेडिंग का निर्णय सुविचारित और सार्वजनिक हित में लिया गया है। इसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है। निगम की ओर से अधिवक्ता कमल ऐरन ने पैरवी की थी।