इंदौर के अग्रवाल समाज में कलह, अध्यक्ष सहित पूरी कार्यकारिणी अवैध होने के आरोप

श्री अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति में जो शहर व मध्यप्रदेश के बड़े लोग शामिल हैं उनमें प्रमुख संरक्षक विनोद अग्रवाल (अग्रवाल ग्रुप), संरक्षक गिरीश अग्रवाल, प्रमुख परामर्शदाता प्रेमचंद गोयल, प्रमुख सलाहकार संतोष गोयल आदि शामिल हैं।

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Vishwanath Singh
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इंदौर में कुलीनों की संस्था श्री अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति विवादों के घेरे में आ गई है। इसके अध्यक्ष सहित पूरी कार्यकारिणी पर अवैध होने के आरोप लगे हैं। यह खुलासा तब हुआ, जबकि एक सदस्य ने अग्रवाल समाज के लोगों के बीजेपी की तिरंगा यात्रा में शामिल होने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई। उसके बाद विवाद इतना बड़ा कि इसमें समाज के वर्तमान अध्यक्ष से लेकर पूर्व अध्यक्ष व पदाधिकारी भी कूद पड़े। फिर क्या था सभी ने मिलकर अध्यक्ष सहित पूरी कार्यकारिणी के ही अवैध होने के आरोप लगा डाले और माना भी कि संस्था के संविधान के मुताबिक चुनाव नहीं हुए। फिर एक पक्ष ने कोर्ट जाने की धमकी दे डाली। उसके बाद अध्यक्ष सहित संस्था के अन्य लोग बुधवार को प्रमुख संरक्षक और मप्र के सबसे अमीर व्यक्ति विनोद अग्रवाल के पास पहुंचे।

यह प्रमुख लोग हैं इस संस्था में

श्री अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति में जो शहर व मध्यप्रदेश के बड़े लोग शामिल हैं उनमें प्रमुख संरक्षक विनोद अग्रवाल (अग्रवाल ग्रुप), संरक्षक गिरीश अग्रवाल, प्रमुख परामर्शदाता प्रेमचंद गोयल, प्रमुख सलाहकार संतोष गोयल, चेरयमेन सदस्यता व उत्सव समिति अरविन्द बागड़ी, प्रमुख समन्वयक संजय बांकड़ा, प्रमुख समन्वयक सेवा प्रकल्प किशोर गोयल, निवृतमान अध्यक्ष गोविन्द सिंघल, पूर्व अध्यक्ष राम ऐरन, गणेश गोयल, पीडी अग्रवाल (महू), कुलभुषण मित्तल (कुक्की) शामिल हैं।

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ये है अग्रवाल समाज की केंद्रीय समिति

 

अग्रवाल समाज की इस कार्यकारिणी पर उठे सवाल

श्री अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति में अध्यक्ष राजेश बंसल (पंप), उपाध्यक्ष नारायण अग्रवाल (420 पापड़), महामंत्री पवन सिंघल (क्रेन), महिला उपाध्यक्ष पुष्पा किशन गुप्ता, संयोजक नवीन बागडी, सहमंत्री अरविन्द अग्रवाल (वेल्यूअर), कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल (इंजि.), सह संयोजक प्रयोग गर्ग हैं। वहीं, कार्यकारिणी में दिनेश बंसल (जूनी इन्दौर), रितेश मित्तल (बारदान), महेश अगवाल (वेल्युअर), मनोज अग्रवाल (अन्नपूर्णा) संदीप गोयल (ऑटो), नितिन अग्रवाल (एयरपोर्ट), राजेश मित्तल (मालवा मिल), संजय बद्रुका (प्रापटी), केके गोयल (कान्ट्रेक्टर), शरद गोयल (जनपद) और महिला कार्यकारणी पिंकी रवि अग्रवाल, राधा राजेन्द्र अग्रवाल व प्रज्ञा निलेश अग्रवाल शामिल हैं।

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अगस्त 2022 को रात 2 बजे चुनाव परिणाम घोषित हुए थे। तब इस तरह से मना था जश्न

 

मध्यप्रदेश के ये बड़े लोग भी जुड़े हैं

संस्था के सलाहकार मंडल में अविनाश अग्रवाल (ओएस्टर), संजय अग्रवाल (नखराली ढाणी), नितिन अग्रवाल (महू), प्रवेश अग्रवाल (सोम्या ग्रुप), विनोद सिंघानिया, जगदीश अग्रवाल (बाबाश्री), प्रकाश अग्रवाल (मोमबत्ती), मदन अग्रवाल (गरोठ), नीतिन अग्रवाल (अपेक्स) के अलावा संरक्षक एवं मार्गदर्शक टीकमचंद गर्ग (केटी), दिनेश मित्तल (मित्तल कॉर्प.), पवन सिंघानिया (मोयरा), सुभाष अग्रवाल (बजरंग आईल), विष्णु बिंदल निलेश अग्रवाल (सजन प्रभा), ओमप्रकाश बंसल (पंप), सीताराम मित्तल (नीमच वाला), बालकिशन छाबछरिया (बल्लु भैया) भी जुड़े हैं।

अग्रवाल समाज के 7 हजार लोगाें की संस्था, 140 से ज्यादा संगठन

इंदौर में अग्रवाल समाज की जनसंख्या लगभग 1 लाख है। वहीं, समाज की प्रमुख संस्था मानी जाने वाली श्री अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति में वर्तमान में करीब 7 हजार सदस्य हैं। वहीं, इस संस्था के बैनर तले समाज के ही अलग–अलग करीब 140 से ज्यादा संगठन समाजहित में काम कर रहे हैं। 

विनोद अग्रवाल बोले समाज के कार्यक्रमों में आना बंद कर दूंगा

केंद्रीय समिति में हो रही गड़बड़ियों को लेकर उद्योगपति विनोद अग्रवाल भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने चिमनबाग मैदान पर सार्वजनिक मंच से कहा था कि संस्था में संविधान के अनुसार काम करें। सारा हिसाब–किताब व्यवस्थित करें। ऐसा नहीं किया तो मैं अग्रवाल समाज के कार्यक्रमों में आना बंद कर दूंगा। इसके बावजूद सदस्यों ने नहीं सुनी और फर्जीवाड़ा जारी रखा।

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विनोद अग्रवाल के साथ फिर हुई बैठक

अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति के चुनाव कराए जाने को लेकर बुधवार को एक बार फिर उद्योगपति विनोद अग्रवाल के साथ कुछ सदस्यों की बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि संविधान के मुताबिक सारे दस्तावेजों को ठीक किया जाए और फिर चुनाव करवाए जाएं। ऐसा बताते हैं कि ज्वाइंट सेक्रेटरी अरविंद वैल्यूअर ने इसकी जिम्मेदारी ली और 3 महीने में चुनाव करवाने का वादा किया। गौरतलब है कि अक्टूबर 2024 में भी चुनाव को लेकर सदस्यों ने आपत्ति ली थी। तब भी विनाेद अग्रवाल को इन्हीं लोगों ने भरोसा दिलाया था कि 3 महीने में सबकुछ ठीक करके चुनाव करवा लिए जाएंगे। उस बात को भी 8 महीने हो गए, लेकिन अभी तक चुनाव नहीं करवाए हैं।

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बीजेपी की तिरंगा यात्रा से शुरू हुआ पूरा विवाद

असल में यह पूरा विवाद बीजेपी द्वारा इंदौर में बड़ा गणपति चौराहे से निकाली गई तिरंगा यात्रा और राजपूत समाज की तिरंगा यात्रा की खबर से शुरू हुआ था। इसको लेकर जितेंद्र अग्रवाल ने राजपूत समाज के लिए लिखा था कि एक छोटे से समाज ने अपनी तिरंगा यात्रा निकालकर समाज के स्वाभिमान का परिचय दिया है। इसके विपरीत अग्रवाल समाज ने केवल एक राजनीतिक दल (बीजेपी) का अनुसरण कर उसको तोक–ताक की नीयत से समाजजनों को झोंका और आकाओं की नजर में अपने अपने नंबर बढ़वाए। उस पार्टी से केवल एक पार्षद का टिकिट के अलावा कुछ भी जुटा नहीं सके।

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यहां से शुरू हुआ विवाद

 

अध्यक्ष बोले, पूर्व अध्यक्षों ने की गड़बड़ी

इसके बाद श्री अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति के वर्तमान अध्यक्ष राजेश बंसल ने लिखा कि समिति के चुनाव 7 अगस्त 2024 को विधिवत रूप से घोषित हो गए थे। सभी 21 प्रत्याशियों के नामांकन जमा हो गए थे, किंतु रजिस्ट्रार महोदय के यहां आज तक पूर्व अध्यक्षों ने ना तो ऑडिट रिपोर्ट पेश की और ना ही पुराने संविधान से चुनाव करवाए। इसका दोषी क्या वर्तमान अध्यक्ष या केंद्रीय समिति के पदाधिकारी व कार्यकारिणी है। जबकि मेरे एवं मेरे पदाधिकारी, कार्यकारिणी द्वारा 85 लाख रुपए की एफडी देकर चुनाव घोषित कर दिए। पूर्व अध्यक्षों से निवेदन है सार्वजनिक मंच या समाज के किसी कार्यक्रम में वर्तमान केंद्रीय समिति की बॉडी को चुनाव नहीं करवाने का दोषी बताएं और पहले अपने कार्यकालों का लेखा-जोखा समझें। अग्रवाल परिषद के शपथ विधि समारोह में भी एक पूर्व अध्यक्ष द्वारा केंद्रीय समिति के चुनाव नहीं करवाने के लिए टीका टिप्पणी करी गई। वह भी पहले स्वयं अपने को देखें, उनके समय से ही अगर यह सब कानूनन हुआ होता तो आज यह नौबत नहीं आती।

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फिर अध्यक्ष ने भी सुनाई खरी-खरी

 

संजय गोयल बोले संस्था अध्यक्ष अवैध

इसके बाद संजय गोयल ने लिखा कि मैं, राजू राधे राधे और प्रतीक चमन सिंघल ने चुनाव घोषित होने के बाद दसियों बार चुनाव अधिकारियों, अध्यक्ष, सचिव व समस्त पदाधिकारीगण को मौखिक और लिखित रूप में साधारण सभा करवाने और वर्तमान संविधान अवैध होने के बारे में अवगत करवाया। यह भी कहा कि नामांकन फीस इतनी अधिक है कि एक आम अग्र बंधु चुनाव लड़ने की सोच ही नहीं सकता। यह भी कहा कि आप चुनाव को कुछ समय के लिए आगे बढ़ा दो। ताकि साधारण सभा बुलवाकर संविधान में संशोधन करवा सकें। परंतु कुछ लोगों की पद लोलुपता और हठधर्मिता के चलते अप्रिय परिस्थितियों का सामना पूरे समाज को उठाना पड़ा।

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फिर शुरू हुई पोल खुलना

 

पूर्व अध्यक्ष सिंघल ने चुनाव नहीं करवाने के लगाए आरोप

इसके बाद पूर्व अध्यक्ष गोविंद सिंघल ने लिखा कि वर्तमान अध्यक्ष राजेश बंसल ने सही लिखा और सही कहा। हमारे पूर्व अध्यक्ष ने चुनाव करवाने की जवाबदारी ली थी। जिसको आज एक साल होने जा रहा है। इस समाज का क्या होगा। कुछ देर बाद उन्होंने वो मैसेज डिलीट भी कर दिए।

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इन सवालों के जरिए घेरा अध्यक्ष व कार्यकारिणी को

संजय गोयल ने यह प्रमुख प्रश्न भी उठाए। जिसमें पूछा कि चुनाव करवाने के पहले साधारण सभा क्यों नहीं करवाई गई? नामांकन फीस इतनी अधिक क्यों रखी गई? सोसाइटी ने जब पुराने संविधान के आधार पर चुनाव करने का आदेश दे दिया था, तो चुनाव करने की जल्दबाजी क्यों की गई?

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ये सवाल उठाए

 

कोर्ट के आदेश का भी नहीं हुआ पालन

समाज के प्रतीक सिंघल ने द सूत्र को बताया कि श्री अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति के चुनाव संविधान के मुताबिक कराए जाने को लेकर हम पिछले साल हाईकोर्ट गए थे। वहां से आदेश हुए थे, उसके बाद रजिस्ट्रार भोपाल, इंदौर और अध्यक्ष सहित सभी को नोटिस जारी किए गए थे। इसमें कहा गया था कि संविधान के मुताबिक चुनाव करवाए जाएं। अगस्त 2024 में चुनाव हो जाने थे, लेकिन 10 महीने हाे गए अभी तक कोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं किया गया।

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भोपाल रजिस्ट्रार में क्या हुआ वह बताया

 

अध्यक्ष चुनाव से नहीं बन सकता, फिर भी बना रहे

समाज के संजय धन्नालाल गोयल ने द सूत्र को बताया कि श्री अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति 1992 में बनी थी। उसके संविधान के मुताबिक केवल 7 पदों पर चुनाव होना था, जिसमें अध्यक्ष के पद का चुनाव ही नहीं हो सकता। वार्षिक सदस्य नहीं बनाए जा सके। इसके बावजूद पिछले 15 साल में मनमर्जी करते हुए 21 सदस्य बना लिए और रिकॉर्ड भी रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा नहीं करवाया। पिछले साल जब हमने सूचना के अधिकारी में जानकारी निकाली तो सारे घोटाले सामने आ गए। संस्था में जो भी परिवर्तन किए गए उसको लेकर रजिस्ट्रार कार्यालय में कोई जानकारी नहीं दी गई। यहां तक की ऑडिट तक नहीं करवाया। हमने लिखित में आग्रह किया कि साधारण सभा बुलवाई जाए और संशोधन किया जाए। उस पर कोई अमल नहीं किया तो हम हाई कोर्ट चले गए।

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फिर कहा- कृपया पोल ना खोलें

 

अभी तक के चुनाव संविधान पर नहीं समाज के विश्वास पर हुए

इस मामले में श्री अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति के वर्तमान अध्यक्ष राजेश बंसल से जब द सूत्र ने सवाल किए तो उनका कहना था कि संस्था के दस्तावेजों को अपडेट किया जा रहा है और संविधान संशोधन आदि की कार्रवाई रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी में चल रही है। अगले लगभग 15 दिनों में कार्रवाई पूरी हो जाएगी। पूर्व अध्यक्षों ने संविधान का पालन कर चुनाव नहीं करवाए। अभी तक जो भी चुनाव हुए हैं वह विश्वास पर होते आए हैं। आगामी दो महीनों में चुनाव संबंधी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। संभवत: अगस्त 2025 को चुनाव कराए जा सकते हैं।

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संविधान अवैध चुनाव अग्रवाल समाज इंदौर