/sootr/media/media_files/2025/04/24/OT7nYHVkl4AEuivqO924.jpg)
इंदौर कृषि महाविद्यालय (एग्रीकल्चर कॉलेज) के डीन डॉ. भरत सिंह के खिलाफ छात्रों का 21 मार्च से शुरू हुआ विरोध आंदोलन एक महीने से जारी है। इस आंदोलन के दौरान छात्र नेता राधे जाट के खिलाफ थाने में केस भी दर्ज हुआ। इस मामले में कलेक्टर आशीष सिंह ने एडीएम रोशन सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया, जिसकी जांच रिपोर्ट आ चुकी है। इस रिपोर्ट में क्या है इसका द सूत्र एक्सक्लूसिव खुलासा कर रहा है। जांच कमेटी में एसडीएम निधि वर्मा, एसडीएम प्रदीप सोनी, एसीपी कुंदन मंडलोई, और प्रोफेसर एम. सोमानी शामिल थे। उन्होंने यह लंबी-चौड़ी रिपोर्ट कलेक्टर को दे दी है।
इसमें तीन शिकायतें मुख्य तौर पर थीं
1- छात्रों को बाहर निकालने की डीन सिंह की कार्रवाई द्वेषपूर्ण थी।
2- महिला कर्मचारियों को लेकर अलग-अलग शिकायतें थीं, महिला प्रोफेसर को गलत नोटिस दिया, आंतरिक समिति बदली गई और महिला प्रोफेसर की शिकायत पर तेजी से कार्रवाई नहीं हुई।
3- डीन को पद से हटाकर फिर से जांच कराई जाए।
खबर यह भी...इंदौर एग्रीकल्चर कॉलेज में प्रदर्शन के बीच NEYU के राधे जाट पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज
इन मुद्दों पर जांच कमेटी ने यह पाया
1- छात्रों को बाहर निकालने के मुद्दे पर कमेटी ने पाया कि उन्हें एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर हटाया था। इसमें हाईकोर्ट से स्टे की भी बात सामने आई है जिसमें इन छात्रों को ग्वालियर ट्रांसफर करने पर रोक लगी है।
2- महिला प्रोफेसर ने संसाधन की कमी बताई तो उन्हें डीन ने कारण बताओ नोटिस दिया। इस मामले में साबित होता है कि डीन ने पद का दुरुपयोग किया। वहीं एक महिला प्रोफेसर ने आंतरिक शिकायत समिति वरिष्ठता को नजरअंदाज करके बदली। इस शिकायत को भी सही पाया गया। डीन ने ऐसा कोई नियम, नहीं बताया जो उनकी इस कार्रवाई को सही साबित कर सके। एक अन्य महिला प्रोफेसर ने उनकी फोटो सोशल मीडिया पर गलत वायरल होने पर डीन से कहा था कि इसकी शिकायत साइबर सेल में कराएं। लेकिन डीन ने इसकी अनदेखी की। यह उनकी सहकर्मी महिलाओं के प्रति उदासीनता और असंवेदनशील व्यवहार को बताता है।
3- छात्रों के रैगिंग का मामला तो इसमें छात्र यूजीसी नियमानुसार उच्च स्तर पर आवेदन दे सकते हैं।
खबर यह भी...इंदौर में NEYU के राधे जाट पर FIR के बाद छात्रों ने थाने पहुंचकर किया प्रदर्शन
सबसे अहम यह अनुशंसा- डीन को हटाया जाए
वहीं कमेटी ने सबसे अहम अनुशंसा की है कि डीन के ऊपर महिला प्रोफेसर व छात्रों द्वारा लगाए आरोपों की जांच फिर से कराई जाना उचित होगा। इसकी जांच होने तक उन्हें हटाया जाना चाहिए और जांच के दौरान डीन डॉ. भरत सिंह को पद से मुक्त रखा जाना चाहिए।
छात्र नेता राधे जाट के खिलाफ भी शिकायतें
वहीं इस जांच रिपोर्ट के दौरान कॉलेज के छात्रों के नाम से एक लंबा-चौड़ा शिकायती पत्र कलेक्टर को भी दिया गया है। यह छात्र नेता राधे जाट के खिलाफ है। इसमें लिखा गया है कि जाट अपनी राजनीति के लिए एग्रीकल्चर कॉलेज का उपयोग करते हैं। यहां छात्रों को रैगिंग मामले में बचाने के नाम पर प्रोफेसर व अन्य पर दबाव डालते हैं। वह बेवजह कॉलेज के मामलों में दखल देते हैं। उन्हें पुलिस ने भी पीएससी आंदोलन के बाद आदतन अपराधी बताया है। हालांकि जांच कमेटी ने इस मुद्दे पर जांच नहीं की क्योंकि यह मुद्दा डीन और उनकी जांच से नहीं जुड़ा था।
thesootr links
-
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
एनईवाययू के संयोजक राधे जाट | neyu radhe jat | MP News | Indore News | भरत सिंह का बयान