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Photograph: (the sootr)
Indore. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सोमवार 22 दिसंबर रात को इंदौर एयरपोर्ट आगमन पर भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान सीबीआई केस का आरोपी नंबर 25 व इंडेक्स कॉलेज संचालक सुरेश सिंह भदौरिया के वीआईपी लाउंज में जाने के द सूत्र के खुलासे ने बवाल मचा दिया है।
पार्टी में उच्च स्तर पर मामला चला गया है और जिम्मेदारों से जवाब तलब किया जा रहा है। वहीं इस मामले में अब एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है।
भदौरिया और दीप्ति दोनों के नाम नहीं थे सूची में
इस मामले में एक और खुलासा हुआ है कि बीजेपी नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा द्वारा 47 नेताओं को एयरपोर्ट पर प्रवेश के लिए नाम भेजे गए थे। यह तीन सूचियों में नाम गए थे। लेकिन इसमें भदौरिया नहीं था और ना ही इसमें बीजेपी नगर कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष बनी दीप्ति हाड़ा का नाम था।
दीप्ति, भदौरिया के ही विवादित इंडेक्स डेंटल कॉलेज में प्रोफेसर व असिस्टेंट डीन के पद पर है। भदौरिया और दीप्ती दोनों ही साथ में वीआईपी लाउंज में प्रवेश कर गए थे। फिर नड्डा के स्वागत के लिए बीजेपी नेताओं की लगी कतार में भी साथ में खड़े थे।
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फिर किसने बनाया दोनों को वीआईपी
अब सवाल उठ रहा है कि आखिर फिर भदौरिया और दीप्ति दोनों कैसे वीआईपी बनकर लाउंज में प्रवेश कर गए। जबकि बीजेपी नगराध्यक्ष की सूची में दोनों के नाम ही नहीं थे।
इस मामले में नगराध्यक्ष मिश्रा ने भी उच्च स्तर पर और पुलिस व प्रशासन, एयरपोर्ट अथारिटी से आपत्ति ली है। आखिर किसके द्वारा इन्हें वीआईपी बनाकर बैठाया गया अब यह एक बड़ा सवाल बन गया है।
हितानंद भी नहीं थे सूची में
इस मामले में बीजेपी नगराध्यक्ष की सूची में संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा का नाम भी गलती से छूट गया था। उन्हें वीआईपी सूची में नहीं रखा गया, लेकिन जब यह बात एयरपोर्ट पर समझ आई तो मिश्रा ने अधिकारियों से उनका नाम जोड़ने के लिए काफी बहस की। एयरपोर्ट अथारिटी मामला प्रशासन पर डाल रहा था।
वीआईपी सूची में क्योंकि हितानंद का नाम नहीं था तो उनके प्रवेश में भी खासी समस्या रही। हालांकि बाद में महापौर और मिश्रा हितानंद को वीआईपी लाउंज में ले गए। लेकिन इसी तरह वीआईपी सूची में शामिल नेता गोपी नेमा और अंजू माखीजा काे भी रोका गया था। जिन्हें बाद में मिश्रा अंदर लेकर गए।
लेकिन बड़ा सवाल यही है कि बडे नेताओं को और जो सूची में शामिल थे उन्हें ही जब रोक लिया तो फिर भदौरिया और दीप्ति कैसे वीआईपी सूची में जुडे़ और लउंज में पहुंचे। बीजपी नगर पार्टी दफ्तर से उनका नाम ही सूची में नहीं गया था।
पुलिस ने ऐसे भदौरिया को पीछे किया
एयरपोर्ट पर सभी नेता नड्डा के आने का स्वागत करने के लिए लाइन से खड़े हुए, इसमें भदौरिया, दीप्ति व अन्य भी लाइन में थे। लेकिन जब नड्डा के आने का हुआ इसी वक्त एक इंस्पैक्टर रैंक के अधिकारी धीरे से भदौरिया के पास पहुंचे और कहा कि यहां मीडिया जमा है आप पीछे हो जाओ, नहीं तो इश्यू हो जाएगा।
इसके बाद जब नड्डा आए और सभी नेता स्वागत के लिए आगे आए तो भदौरिया पीछे हो गया। भदौरिया के हाथ में कुछ कागज भी थे जो वह नड्डा को देने के लिए आया था। लेकिन पुलिस अधिकारी द्वारा पीछे करने से वह आगे नहीं आ सका।
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क्या बोल रहे मिश्रा-
मिश्रा ने द सूत्र को बताया कि हमारी वीआईपी सूची में भदौरिया का नाम नहीं था। यह कहां से जोड़ा गया इसकी जानकारी नगर संगठन को नहीं है। सूची में संगठन मंत्री हितानंद शर्मा का नाम छूट गया था, वहां नाम जुड़वाने के लिए अधिकारियों से कहा भी गया था, उन्हें अंदर लेकर भी गए थे। लेकिन भदौरिया का नाम हमारी लिस्ट में नहीं था।
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