इंदौर आजादनगर थाने का सब इंस्पैक्टर ले रहा था 1 लाख रुपए की रिश्वत, लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा

इंदौर लोकायुक्त ने आजादनगर थाने के सब इंस्पेक्टर को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। केस में मदद करने के बदले यह रिश्वत की राशि ली जा रही थी।

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Sanjay Gupta
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इंदौर लोकायुक्त ने आजादनगर थाने के सब इंस्पेक्टर को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। एक फरियादी की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। आरोपी सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र राजपूत ने फरियादी के पिता को हत्या के केस में मदद करने के एवज में डेढ़ लाख की रिश्वत मांगी थी। इसकी पहली किश्त के रूप में 1 लाख की रिश्वत ले रहा था।

इस तरह हुई कार्रवाई

महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के आदेश पर लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय की टीम एद्वारा यह कार्रवाई की गई। फरियादी संतोष कुमार पिता रामचंद्र तोमर उम्र 35 वर्ष, प्रबंधक, एक्स कैप्टन सिक्योरिटी सर्विस, मकान नंबर 04, केदार नगर, स्कीम नंबर 51, संगम नगर के पास इंदौर ने लोकायुक्त एसपी को शिकायत की थी। इसके आधार पर आरोपी धर्मेंद्र राजपूत पिता ज्ञानसिंह राजपूत, उम्र 46 वर्ष, पद- उप निरीक्षक, पुलिस थाना आजाद नगर, जिला इंदौर, निवासी पर कार्रवाई की गई।

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इस तरह मांगी जा रही थी रिश्वत

आवेदक संतोष तोमर के पिता सिक्योरिटी कंपनी के संचालक हैं। पुलिस थाना आजाद नगर में दर्ज प्रकरण नंबर 504/2025 में आवेदक या आवेदक के पिता रामचंद्र सिंह तोमर को हत्या के आरोप में झूठा फंसाने की धमकी देकर आरोपी धर्मेंद्र राजपूत द्वारा आवेदक से रिश्वत की मांग की गई। आवेदक द्वारा पैसे नहीं देने पर आवेदक के पिता को उक्त प्रकरण में आरोपी बना दिया गया। आवेदक के पिता की अग्रिम जमानत होने के बाद आरोपी ने आवेदक को थाने पर बुलाया और प्रकरण में आगे कोई कठोर कार्रवाई नहीं करने एवं पिता की मदद करने के एवज में डेढ़ लाख रुपए की मांग की।

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इस तरह एसपी ने बनाई टीम

आवेदक की शिकायत पर एसपी सहाय ने 15 सितंबर को ट्रैप दल का गठन किया और आरोपी धर्मेंद्र राजपूत, उप निरीक्षक, पुलिस थाना आजाद नगर को आवेदक से 1 लाख रुपए रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7 के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है। ट्रैप दल में कार्यवाहक निरीक्षक सचिन पटेरिया, का.वा. सउनि मो. रहीम खान, आरक्षक विजय कुमार, आरक्षक शैलेन्द्र सिंह बघेल, आरक्षक कमलेश परिहार, आरक्षक मनीष माथुर, आरक्षक चेतन सिंह परिहार, आरक्षक श्रीकृष्ण अहिरवार, चालक शेरसिंह ठाकुर थे। इंदौर के आजाद नगर का यह मामला अब चर्चा का विषय बन गया है। इंदौर लोकायुक्त की कार्रवाई से यह मामला सामने आया है। 

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सब इंस्पैक्टर ने सीपी संतोष सिंह के नाम को हवा में उड़ाया

इस पूरे मामले में सब इंस्पैक्टर की फरियादी संतोष को धमकाने की करीब 6 मिनट की आडियो सामने आई है। इसमें वह जमकर धमका रहा है और मां-बहन की गालियां दे रहा है। जब फरियादी ने कहा कि मेरे पास यह रिकार्डिंग हैं और मैं संतोष सिंह जी (पुलिस कमिशनर) के पास जाउंगा तो फिर उसने धमकी दी। यानी एसआई साहब सीपी से भी नहीं चमकते हैं। 

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इस तरह हुई आडियो पर बात...

सब इंस्पैक्टर- संतोष कहा है तुम्हारे पिता जी, आप आकर स्टेटमेंट करा जाओ। आपने कहा था पिताजी को लेकर आओगे लेकिन नहीं आए।

फरियादी- सर पिताजी कहां है मुझे नहीं पता है, मेरे स्टेटमेंट तो आप तीन बार ले चुके हैं। आप भी जानते हैं आपने किस तरह पिता जी को फंसाया है।

सब इंस्पैक्टर- झूठ बोल रहे हो तुम, फंसाने की बात कोर्ट में बोलना, मैं अपनी वैधानिक कार्रवाई कर रहा हूं, मैं उन्हें से कहीं से भी पकड़ लाउंगा, लेकिन फिर दिक्कत यह रहती है कि समझ नहीं पाओगे तुम, मैं फिर तुमसे कोई बात नहीं कर पाउंगा। 

फरियादी- आप लोगों ने जिस तरह से पिता जी से फंसाया है, यह उम्मीद नहीं थी आपसे

सब इंस्पैक्टर- बात का वजन होना चाहिए. यहां आकर बताओ मुझे, कुछ नहीं फंसाया है। ज्यादा होशियर मत बन, जूतेृ-जूते मारूंगा। समझा रहा हूं, ज्यादा होशियर बन रहा है। कहीं से भी फिर नेतागिरी करवा लेना. ऐसी लगेगी कि जिंदगी भर ध्यान रखेगा। सामने आकर बात कर… (गालियां देता है)

फरियादी- आप कैसे बात कर रहे हैं मैं सर बोल रहा हूं, यह सभी रिकार्डिंग मैं संतोष सिंहजी के पास लेकर जाता हूं।

सब इंस्पैक्टर- रिकार्डिंग (फिर गालियां देता है… रख अपने पास, मैं बताता हूं तेरा पिता मुलजिम है।

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