इंदौर जिले को एक जनवरी से भिक्षावृत्ति मुक्त घोषित किया गया है। भीख देने वाले और मांगने वाले दोनों पर ही प्रतिबंधात्मक धारा लगी है। अब संभवतः देश में पहली बार हुआ है कि भीख मांगने वाले के साथ ही भीख देने वाले भी केस दर्ज हुआ है। एक युवक को 10 रुपए भीख में देना भारी पड़ गया।
यह हुआ केस
भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल अधिकारी फूल सिंह ने बताया कि 21 जनवरी की सुबह सवा दस बजे खंडवा नाका स्थित हनुमान मंदिर पर भीख मांग रही महिला को वाहन एमपी 09 एसजी 4361 के चालक ने भीख में 10 रुपए दिए। दल ने इसका वीडियो बनाया और इस आधार पर भंवरकुआं थाने में गुरुवार को केस दर्ज करा दिया। जिला कलेक्टर ने प्रतिबंधात्मक धारा 163 में आदेश दिए हैं, इसके उल्लंघन पर धारा 223 बीएनएस में केस किया गया।
इधर भीख मांगने पर केस
वहीं सोनाबाई लगातार भंवरकुआं चौराहे पर भीख मांग रही थी, दो बार उसकी ओर से पुत्र मुकेश ने शपथ पत्र दिया। लेकिन फिर वह तीसरी बार पकड़ी गई। इस पर उसके पुत्र पर प्रतिबंधात्मक धारा उल्ल्घंन पर केस दर्ज किया गया।
अभी तक 22 लोगों को मिली नकद राशि
वहीं भीख मांगने और देने वालों की सूचना देने पर एक हजार रुपए का नकद पुरस्कार भी कलेक्टर द्वारा दिया जा रहा है। इस कड़ी में अभी तक 22 लोगों को एक-एक हजार रुपए दिए जा चुके हैं। यह क्रम लगातार जारी है। जानकारी देने के लिए 9691494951 पर संपर्क कर सकते हैं।
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