INDORE. इंदौर में भिक्षावृत्ति मुक्त अभियान के तहत एक कार चालक को भिक्षा देते हुए कैमरे में कैद कर लिया गया। यह घटना स्कीम-78 स्थित बावड़ी हनुमान मंदिर के पास की है। सोमवार सुबह करीब 10.15 बजे, कार चालक ने भिक्षुक को 10 रुपए की भिक्षा दी। मौके पर मौजूद भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल ने घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया।
शाम को लसूड़िया थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत कार चालक के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करवाया गया।
कलेक्टर के आदेश के बाद सख्त हुआ अभियान
कलेक्टर आशीष सिंह ने 2 जनवरी को निर्देश दिए थे कि भिक्षा मांगने और देने वाले दोनों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा। इंदौर में भिक्षावृत्ति रोकने के लिए यह अभियान गत वर्ष शुरू हुआ था। पहले लोगों को जागरूक किया गया, फिर भिक्षुकों को समझाइश दी गई।
अब अभियान के तहत प्रत्यक्ष रूप से अपराध दर्ज किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य इंदौर को भिक्षा मुक्त शहर बनाना है।
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छह महीने की जेल और आर्थिक दंड का प्रावधान
भिक्षा देने और मांगने पर भारतीय न्याय संहिता (BNP) की धारा 223 के तहत छह महीने की जेल या आर्थिक दंड अथवा दोनों की सजा का प्रावधान है।
पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि भिक्षा मुक्त अभियान को प्रभावी बनाने के लिए कानूनी कार्रवाई तेज की जा रही है।
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पहले भी दर्ज हो चुके हैं प्रकरण
इससे पहले 21 जनवरी को खंडवा नाका स्थित हनुमान मंदिर के पास भी एक मामला दर्ज किया गया था। यहां पर एक वाहन चालक ने भिक्षा मांग रही महिला को 10 रुपए दिए थे। भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल ने इस घटना का भी वीडियो बनाकर थाने में मामला दर्ज करवाया था।
इसी प्रकार, महिला सोनाबाई को दो बार समझाइश के बावजूद भिक्षावृत्ति में लिप्त पाया गया। इस पर महिला और उसके पुत्र मुकेश के खिलाफ भी धारा 223 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
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सरकारी निर्देशों के उल्लंघन पर सख्ती
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि भिक्षा देने या लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। पुलिस और प्रशासन ने शहर में भिक्षावृत्ति रोकने के लिए स्थानों पर निगरानी बढ़ा दी है।
अधिकारियों का कहना है कि अभियान के तहत भिक्षुकों को पुनर्वास सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं। साथ ही, नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी परिस्थिति में भिक्षा न दें।
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