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Photograph: (the sootr)
indore. इंदौर के भागीरथपुरा कांड में गंदे पानी से अब तक सामने आ चुकी चार मौतों ने राजनीतिक तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय दो दिन से अस्पताल और अपनी विधानसभा एक के प्रभावित एरिया में दौरा कर रहे हैं, तो वहीं पूरा इंदौर नगर निगम का अमला लगा है।
अब इस मामले में कांग्रेस भी मैदान में उतर चुकी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी मंगलवार शाम को भोपाल से इंदौर पहुंचे और अस्पताल में मरीजों से मिले। वहीं इस दौरान निगम को घेरा।
हमारे पार्षद कराएंगे एफआईआर: पटवारी
पटवारी ने कहा कि गंदे पानी से डायरिया, बीमारियां होती है लेकिन मौत नहीं होती है। यह पानी जहरीला था, इसलिए मौत हुई। इसकी जांच होना चाहिए। तीन-तीन मौत हुई है, लोग अस्पतालों में भर्ती है, इसका दोषी कौन है। यह महापौर और निगमायुक्त की जिम्मेदारी है। हमारे कांग्रेस निगम नेता प्रतिपक्ष और पार्षद महापौर और निगमायुक्त के खिलाफ केस दर्ज कराएंगे। इसके लिए हमने उन्हें बोला है, वह थाने में आवेदन करें।
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2200 करोड़ के बाद भी जहरीला पानी
पटवारी ने कहा कि जल प्रबंधन पर इंदौर नगर निगम द्वारा 2200 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। इसके बाद भी जहरीला पानी। यह सभी भ्रष्टाचार का नतीजा है। इंदौर से हर महीने प्रति घर से 300 रुपए जलकर लिया जा रहा है। ट्रिपल ईंजन की सरकार है, इसके बाद भी जहरीला पानी।
महापौर कहां व्यस्त रहते हैं यह तो पूछो
पटवारी ने आगे कहा कि महापौर व्यस्त कहां रहते हो, यह तो इंदौर की जनता पता लगाए और उनसे पूछे। आखिर इंदौर नगर निगम के ठेकेदारों में किसकी हिस्सेदारी है, किस दल के लोग हिस्सेदारी कर रहे हैं वह भी बिना पैसों वाली हिस्सेदारी। यह कैसा इंदौर बन रहा है।
मास्टर प्लान सालों से नहीं आ रहा है, अवैध कॉलोनी बस रही है, सडकें खराब है फिर टोल वसूला जा रहा है। जो पार्षद दस साल पहले छोटी दुकानों से आए थे। आज उनकी संपत्ति पता लगा लो कितने अमीर हो गए हैं। इंदौर वाले इन्हें वोट देते हैं इसके बदले में शहर को क्या मिला है।
पटवारी का आरोप अस्पताल में लग रहा है पैसा
पटवारी ने अस्पताल में मरीजों से मिलने के बाद और भागीरथपुरा में लोगों से मिलने के बाद दावा किया कि सरकारी दावे गलत है। अस्पताल में मरीज को तब डिस्चार्ज किया जा रहा है जब उनसे बिल की राशि भरवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि ज़मीनी हकीकत में पीड़ित परिवार 50 हजार रुपए तक के बिल उधार लेकर अस्पताल में जमा कर रहे हैं, तब जाकर उन्हें छुट्टी मिल पा रही है।
चार लोगों की जान जा चुकी है,150 से अधिक लोग अस्पतालों में भर्ती हैं, और सरकार मुफ्त इलाज का झूठा प्रचार कर पीड़ित परिवारों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही। शर्म आनी चाहिए, जो लोगों की मौत पर भी संवेदनशीलता दिखाने के बजाय इसे इवेंट बनाकर वाहवाही बटोरने में लगी है।
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अधिकारियों का काकस बन गया है
प्रदेशाध्यक्ष कांग्रेस यहीं नहीं रुके, उन्होंने अधिकारियों पर भी जमकर आरोप लगाए और काह कि पूरा काकस बना हुआ है। इसी के जरिए भ्रष्टाचार हो रहा है। कांग्रेस तो लड़ाई लड़ रही है लेकिन इंदौर की जनता को भी हमारी मदद करना होगी।
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