ED, EOW और लोकायुक्त की इस साल इंदौर के भ्रष्टाचारियों पर सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक

इस साल इंदौर में ED, EOW और लोकायुक्त ने भ्रष्टाचारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक की है। इसमें 55 से ज्यादा कार्रवाई की गई है। इनमें रिश्वत लेते अधिकारी भी पकड़े गए हैं।

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Sanjay Gupta
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INDORE. इंदौर ईडी, ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त ने साल 2025 में भ्रष्टाचारियों का जीना मुहाल कर दिया है। एक के बाद एक इतनी सर्जिकल स्ट्राइक हुई कि कई नामी रसूखदार इसमें घिर गए हैं।

इनमें किशोर वाधवानी, धर्मेंद्र भदौरिया, कैलाश गर्ग, गोलू अग्निहोत्री, एलएनसीटी चौकसे ग्रुप जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं। कोई रसूखदार एक एजेंसी से बचा तो दूसरी में फंस गया है। यानी तीनों एजेंसियों ने मिलकर भ्रष्टाचारियों को चारों ओर से घेरकर कार्रवाई की।

इंदौर लोकायुक्त ने भी 47 अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। वहीं पद के दुरुपयोग और अनुपातहीन संपत्ति के मामलों में भी छापे मारकर कुल 55 कार्रवाई की गई है। यानी औसतन हर सप्ताह एक भ्रष्टाचारी पकड़ा गया।

इंदौर ईडी की बड़ी कार्रवाई

इंदौर ईडी ने इस साल शहर के कई बड़े रसूखदारों को रडार पर लिया है।

  • गुटखा किंग किशोर वाधवानी व अन्य के खिलाफ अखबारों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग केस में चालान पेश किया है।

  • कांग्रेस नेता विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री और अन्य ने डिब्बा कारोबार और ऑनलाइन सट्टेबाजी से 404 करोड़ की अवैध कमाई की। इसका खुलासा कर चालान पेश किया गया है।
  • बैंक लोन घोटाले में उमेश शाहरा के यहां कार्रवाई की गई है।

  • 100 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में कैलाश गर्ग की संपत्ति अटैच कर चालान पेश किया गया है।

  • मेडिकल कॉलेज मान्यता घोटाले में ईडी ने इंडेक्स कॉलेज (सुरेश भदौरिया) के यहां जांच की है।

  • इंदौर के चर्चित 71 करोड़ के आबकारी घोटाले में संपत्तियां अटैच कर चालान पेश किया गया है।

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इंदौर EOW की भ्रष्टाचारियों पर स्ट्राइक

इंदौर ईओडब्ल्यू ने इस साल रिकॉर्डतोड़ कार्रवाई की। साल 2024 में जहां केवल चार एफआईआर दर्ज हुई थीं। वहीं 2025 में ईओडब्ल्यू ने 20 एफआईआर दर्ज कीं। तीन छापे मारे गए, चार लोगों को रिश्वत लेते ट्रैप किया गया। साथ ही, आठ मामलों में चालान पेश किए गए है।

  • ईओडब्ल्यू ने धार के प्रबंधक सेवा सहकारी संस्था के नंदकिशोर सोलंकी के यहां छापा मारा था। इस छापे में करीब चार करोड़ की संपत्ति पकड़ी गई थी।
  • नगर निगम इंदौर के सहायक राजस्व अधिकारी राजेश परमार के यहां छापा मारा गया था। इस छापे में करीब दो करोड़ की अनुपातहीन संपत्ति मिली थी।

  • नगर निगम इंदौर के उद्यान अधिकारी चेतन पाटिल के यहां भी करीब दो करोड़ की संपत्ति मिली थी।

  • ईओडब्ल्यू ने पीथमपुर के पटवारी प्रशांत त्रिपाठी को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप किया।

  • महू मंडी समिति के विक्रम चौहान और किशोर नाविक को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया।

  • सांवेर में पंचायत सचिव ओम गुप्ता को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया।

  • इंदौर नगर निगम के सहायक राजस्व अधिकारी पुनीत अग्रवाल और बिल कलेक्टर रोहित साबले को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया।

  • इसके अलावा कॉलोनी धोखाधड़ी, बैंक लोन घोटाले और अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज की गई। इनमें तत्कालीन संयुक्त संचालक टीएंडसीपी विजय सांवलकर और मालवा ट्रेडर्स का नाम शामिल है। इसके अलावा, ऋतुराज सिंह, मोहित गुप्ता (कार्यालय सहायक, मप्र ग्रामीण बैंक) और संतोष सिंह (डीएचएल इन्फ्राबिल्ड्स संचालक) का भी नाम है।

    संजीव जायसवाल, अनिरुद्ध देव, मुर्तजा मालिक (कबीर रियलिटी), मेसर्स केशव प्रोटींस और मेसर्स लाभांशी ट्रेडर्स के संचालक भी इसमें शामिल हैं। साथ ही, डाक-तार गृह निर्माण सोसायटी के तत्कालीन पदाधिकारी और साजिद शेख, राशिद शेख व जावेद शेख का भी नाम है।

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इंदौर लोकायुक्त ने 47 भ्रष्टाचारी पकड़े

इंदौर लोकायुक्त भी कार्रवाई में पीछे नहीं रहा है। इस साल रिश्वत मांगने वाले पूरे 47 लोगों को रंगे हाथों पकड़ा गया है। रिश्वत की राशि 1250 रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक रही है। सबसे ज्यादा भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी धार, झाबुआ और अलीराजपुर जिलों में सामने आए है।

  • सबसे बड़ा मामला रिटायर्ड जिला आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र भदौरिया का रहा है। इनके घर और लॉकर से करीब 10 किलो सोना मिला था। उनकी कुल संपत्ति करीब 30 करोड़ रुपए आंकी गई है।

  • लोकायुक्त ने एक साल में 47 कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा था। रिश्वत के साथ पद के दुरुपयोग के मामलों को जोड़ें तो कुल केस 55 तक पहुंच गए है। यानी औसतन हर सप्ताह एक भ्रष्टाचारी पकड़ा गया है।

  • संपत्ति राजसात के मामलों में कोर्ट में केस लगाए गए। इनमें सात लोगों की 12.14 करोड़ रुपए की संपत्ति राजसात की गई थी। इसमें सबसे ज्यादा आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त जगदीश राठी और उनके परिजनों की तीन करोड़ की संपत्ति है। इसके अलावा, आबकारी अधिकारी नवल सिंह जामोद की 37 लाख की संपत्ति और अश्विन नायक की 76 लाख की संपत्ति शामिल है।

     

  • रिश्वत लेते हुए पकड़े गए लोगों में पटवारी चंद्रमोहन गर्ग और मंडी उपनिरीक्षक महेंद्र सिंह शामिल हैं। इसके अलावा, पटवारी अमरसिंह मंडलोई, सहकारिता विभाग के ऑडिटर एम.एम. श्रीवास्तव और लेखाधिकारी आशाराम भगोरे का भी नाम है।

    आरक्षक राहुल रघुवंशी, दरोगा संजय संगत, एएसआई अनिरुद्ध दुबे और लाइनमैन बंटी परमार भी पकड़े गए। आरक्षक जयवंत सिंह यादव, एएसआई निसार अली सहित अन्य लोग भी शामिल हैं।

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