इंदौर ED में फंसे गुटखा किंग किशोर वाधवानी, पत्नी, सीईओ और दबंग दुनिया कंपनी

इंदौर के गुटखा किंग किशोर वाधवानी और उनके साथियों पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। ऐसे में अब ये सभी ED की जांच में फंस गए हैं। जानें क्या है पूरा मामला...

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Sanjay Gupta
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INDORE. मध्यप्रदेश में सबसे बड़े टैक्स डिमांड 2002 करोड़ का नोटिस हाल ही में गुटखा किंग किशोर वाधवानी को मिला था। वहीं, अब किशोर वाधवानी प्रवर्तन निदेशालय (ED) इंदौर में उलझ गए हैं।

सेंट्रल जीएसटी और एक्साइज कमिश्नरेट की कार्रवाई के दौरान ही वाधवानी पर मनी लॉन्ड्रिंग करने का भी मामला आया था। यह मामला समाचार पत्र दबंग दुनिया के नाम पर हुआ था।

इसी मामले में तुकोगंज थाने में भी चार सौ बीसी व अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। इसी FIR को लेकर ईडी ने वाधवानी व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह केस प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत किया गया है।

सभी के खिलाफ ईडी ने की जांच, चालान पेश

ईडी ने दबंग दुनिया के नाम पर हुए मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केस दर्ज करने के बाद जांच की थी। वहीं, अब इसमें स्पेशल कोर्ट ईडी में चालान पेश कर दिया है। इसमें मेसर्स दबंग दुनिया प्रा.लि., ऑफिस 307 और शालीमार कॉर्पोरेट सेंटर साउथ तुकोगंज इंदौर को आरोपी बनाया गया है।

इनके साथ ही किशोर वाधवानी पिता खेमचंद वाधवानी, 65 बी प्रेम नगर इंदौर और पूनम वाधवानी पत्नी किशोर वाधवानी को आरोपी बनाया गया है। इनमें पंकज मजेपुरिया भी शामिल है।

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थाने में यह हुई थी एफआईआर

डीजीसीआई (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन) ने 10 फरवरी 2021 को तुकोगंज थाने में एफआईआर कराई थी। इसमें धारा 420, 467, 468, 471 व 120बी धारा लगाई गई थी। इसमें किशोर वाधवानी का नाम था। बाद में ईडी ने जांच कर उनकी पत्नी पूनम और दबंग दुनिया के सीईओ पंकज मजेपुरिया को भी आरोपी बना दिया।

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ईडी की जांच में यह आया

ईडी और डीजीसीआई की जांच में पता चला कि दबंग दुनिया समाचार पत्र की प्रतियों की बिक्री हर दिन 60 हजार से 1 लाख बताई गई थी, जबकि यह केवल 5 से 8 हजार मात्र थी।

इसके एवज में इनके द्वारा अन्य व्यवसाय से हुई कमाई/काले धन को नकद बिक्री दिखाकर दबंग दुनिया के खाते में जमा किया जाता था।

जांच में यह भी पाया गया कि इनके जरिए विज्ञापनों से फर्जी आय दिखाई जाती थी। साथ ही, कूटरचित टैक्स इनवॉयस बनाए जाते थे। इसके लिए फर्जी लेन-देन भी दिखाया जाता था। इससे यह सरकार और अधिकारियों की पकड़ में न आ सकें।

इन विज्ञापनों को छापा नहीं जाता था, बल्कि इनका उपयोग केवल अपनी काली कमाई को वैध आय बताने के लिए किया जाता था।

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दबंग दुनिया से 11.66 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग

ईडी और डीजीसीआई की जांच में यह सामने आया कि दबंग दुनिया के जरिए वाधवानी और अन्य ने 11.66 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग की है। यह मनी लॉन्ड्रिंग वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 के दौरान की गई थी।

इस अवधि में बताया गया कि दबंग दुनिया की 2.80 करोड़ कापियां बिकी हैं। साथ ही, दो रुपए प्रति कॉपी के हिसाब से 5.73 करोड़ की आय हुई है।

इसी अवधि में विज्ञापन के जरिए 5.93 करोड़ की आय हुई है।

जांच में पाया गया कि घनश्याम दास का 25 लाख का विज्ञापन छपा ही नहीं था। इसके अलावा, मित्र मंडल के नाम से कई फर्जी इनवॉयस जारी किए गए थे। ये सभी इनवॉयस असल में विज्ञापन थे ही नहीं।

इसी तरह सर्कुलेशन में पांच से आठ गुना अधिक बढ़ोतरी दिखाकर इसकी कॉपी बेचकर कमाई होना बताया गया है।

विमल नाम के पान मसाला का परिवहन दबंग दुनिया लिखे वाहनों से किया गया है। साथ ही, इनके कर्मचारियों को प्रेस का आईडी दिया गया है।

जांच में यह भी आया कि एलोरो टोबेको व दबंग दुनिया के कई कर्मचारी आपस में लिंक थे। इस तरह पूरी सांठगांठ कर ब्लैक मनी को व्हाइट में किया गया है।

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