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INDORE.मध्यप्रदेश में संभवतः अभी तक का सबसे बड़ा टैक्स डिमांड का फाइनल नोटिस जारी हो गया है। यह नोटिस गुटखा किंग किशोर वाधवानी और अन्य आरोपियों के खिलाफ जारी हुआ है। सेंट्रल जीएसटी एंड एक्साइज कमिशनरेट, इंदौर ने यह नोटिस जारी किया है। इन पर साल 2020 में विभाग ने बड़ी छापेमारी की थी। लंबे कानूनी झगड़े के बाद अब यह फाइनल नोटिस जारी किया गया है।
इन सभी को गया है नोटिस
इसमें मेसर्स एलोरा टोबेको और दबंग दुनिया पब्लिकेशन शामिल हैं। इसके अलावा, किशोर वाधवानी, श्याम खेमानी, अनमोल मिश्रा को भी नोटिस मिला है। धर्मेंद्र पीठादिया, राजू गर्ग और मेसर्स शिमला इंडस्ट्रीज प्रालि को भी नोटिस भेजा गया है। देवेंद्र द्विवेदी, विनायका फिल्टर्ड प्रालि और विनोद बिदासरिया के नाम भी इसमें शामिल हैं।
इनके साथ ही, रमेश परिहार, टीएएन इंटरप्राइजेस, एसआर ट्रेडिंग को भी नोटिस मिला है। निश्का इंटरप्राइजेस, मेसर्स इंक फ्रूट और मेसर्स एमएन इंटरप्राइजेस भी इसमें हैं। इसके अलावा, मेसर्स रानी प्रेस प्रालि, जोहर हसन, एनजी ग्राफिक्स एंड ब्लाक मेकर को भी नोटिस भेजा गया है।
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इतनी राशि का बना टैक्स
यह नोटिस कुल 2002 करोड़ रुपए का है।
इसमें जीएसटी 151 करोड़ का, जिसमें 75.82 करोड़ सेंट्रल जीएसटी, 75.82 करोड़ स्टेट जीएसटी है।
सेस लगा है 1794 करोड़।
एक्साइज ड्यूटी लगी है 76.67 करोड़ रुपए की।
इतने सालों में की गई है यह टैक्स चोरी
यह टैक्स चोरी जुलाई 2017 से 10 जून 2020 के बीच की गई है। जून 2020 में इन सभी ग्रुप पर छापे मारे गए थे।
1 जुलाई 2017 से 17 जुलाई 2017 तक टैक्स चोरी- 24.08 करोड़ की
18 जुलाई 2017 से 6 जुलाई 2019 तक टैक्स चोरी- 1345.73 करोड़ की
जुलाई 2019 से 1 फरवरी 2020 तक टैक्स चोरी- 418.78 करोड़ की
2 फरवरी 2020 से 10 जून 2020 तक टैक्स चोरी- 157.63 करोड़
(इस तरह कुल 1946.23 करोड़ की टैक्स चोरी, 76.67 करोड़ की एक्साइज ड्यूटी चोरी- कुल 2002 करोड़ की टैक्स चोरी का नोटिस)
सुप्रीम कोर्ट आर्डर के बाद आया नोटिस
इस पूरे मामले में वाधवानी और एलोरा ग्रुप ने मामले को अटकाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई की। इसमें हाईकोर्ट से लेकर केस सुप्रीम कोर्ट तक गया था। इसी साल इस मामले में हाईकोर्ट ने आखिरकार याचिकाकर्ता पर दो लाख की पेनल्टी लगा दी थी। साथ ही, कहा कि बेवजह केस अटकाने की कोशिश की जा रही है।
इसके खिलाफ फिर ग्रुप सुप्रीम कोर्ट गए थे। यहां दो दिसंबर 2025 को यह केस खारिज हो गया था। साथ ही, हाईकोर्ट इंदौर के फैसले को सही बताया गया था। इस आदेश के आने के बाद लंबे समय से अटकी टैक्स डिमांड नोटिस जारी हो गई और यह पक्षकारों को जारी कर दी गई है।
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