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INDORE. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री के खिलाफ चालान पेश कर दिया है। इसके साथ ही उनके करीबी तरुण श्रीवास्तव के खिलाफ भी चालान दाखिल किया गया है। यह चालान इंदौर ईडी स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में पेश हुआ है।
यह मामला अवैध डब्बा व्यापार और ऑनलाइन सट्टेबाजी के गिरोह से जुड़ा है। इस गिरोह की गतिविधियां इंदौर, मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई और दुबई में चल रही थीं। इस पूरे कारोबार से 404 करोड़ रुपए की कमाई की गई थी।
ईडी ने इस तरह शुरू की थी जांच
ईडी ने इंदौर पुलिस की एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। यह एफआईआर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धाराओं 319(2) और 318(4) के तहत दर्ज की गई थी। जांच में आरोपियों का मुंबई के एन.एम. जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज केस से भी संबंध पाया गया था।
यह केस आईपीसी की धाराओं 419, 420, 465, 468, 471, महाराष्ट्र जुआ निषेध अधिनियम और आईटी एक्ट की धाराओं 66(सी) और 66(डी) के तहत था। जांच में फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटें और हवाला का पूरा सिस्टम सक्रिय होने का पता चला था।
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गोलू को बताया मुख्य संचालक
ईडी की जांच में आया कि विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री इस नेटवर्क का मुख्य संचालक है। इसकी सहायता तरुण श्रीवास्तव ने की थी। यह दिन-प्रतिदिन के वित्तीय संचालन और फर्जी खातों को संभालते थे।
गोलू, तरुण के साथ यह भी शामिल
इस नेटवर्क में गोलू, तरुण के साथ-साथ श्रीनिवासन रामासामी ने फर्जी ट्रेडिंग और MT5 सर्वरों को कॉन्फिगर किया था। इसके अलावा, समानांतर सट्टेबाजी नेटवर्क में धवल देवराज जैन ने भूमिगत प्लेटफॉर्म LotusBook247 का संचालन किया।
धर्मेश रजनीकांत त्रिवेदी ने ऑफशोर इकाई iBull Capital का प्रबंधन किया। निधि चंदनानी ने दुबई स्थित संरचनाओं के माध्यम से केश फ्लो और हेरफेर में सहायता की।
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404 करोड़ कमाया
ईडी को जांच में यह पता चला कि ग्राहकों को नकली ट्रेड दिखाए गए थे। V Money और 8Stock Height जैसे प्लेटफॉर्म पर ये ट्रेड बिना किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज से किए गए थे। वहीं, LotusBook247 और 11Starss जैसे सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म गुमनाम खातों और एन्क्रिप्टेड संचार के जरिए चलाए जा रहे थे।
इन प्लेटफॉर्म्स का संचालन नकद-आधारित था। जांच में हेरफेर किए गए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों और अनियमित व्हाइट लेबल एप्लिकेशन से प्राप्त 404.46 करोड़ रुपए की आपराधिक आय का पता चला है। इसके बाद, ईडी ने 34.26 करोड़ रुपए की संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क की गई थी। इसमें 28.60 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां, 3.83 करोड़ रुपए की चल संपत्तियां और 1.83 करोड़ रुपए बैंक या डीमैट खातों में थे।
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ईडी ने 4.77 करोड़ की घड़ियां भी की जब्त
तलाशी के दौरान 5.21 करोड़ रुपए से अधिक नकद, 59.9 किलोग्राम चांदी की छड़ें जब्त की गईं। इसके साथ ही 100 ग्राम सोने की छड़ भी जब्त की गई। ईडी ने 1.94 करोड़ रुपए के आभूषण और 4.77 करोड़ रुपए की लग्जरी घड़ियां भी जब्त कीं।
इसके अलावा, 41 लाख से ज्यादा की क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग्स को फ्रीज कर दिया गया। ये संपत्तियां गिरोह के सदस्यों के जरिए अपनी गैरकानूनी गतिविधियों के माध्यम से कमाई गईं।
गोलू पर दिसंबर 2024 में हुआ था छापा
ईडी मुंबई ने जुलाई 2025 में डिब्बा कारोबारियों और ऑनलाइन सट्टेबाजों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई की लिंक इंदौर के कांग्रेस नेता विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री से जुड़ी थी। गोलू पर दिसंबर 2024 में इंदौर में ईडी ने छापे मारे थे।
इसके बाद लसूडिया थाने में 9 जनवरी 2025 को एफआईआर भी हुई थी। इसी छापे और एफआईआर के आधार पर ही मुंबई में ईडी ने छापे मारे और डिब्बा कारोबार और दुबई लिंक पर बड़ी कार्रवाई की थी।
गोलू ने 5 फीसदी हिस्सेदारी में लिए इसके एप
दिसंबर 2024 में गोलू अग्निहोत्री और उनके मित्र तरुण श्रीवास्तव इस जांच के दायरे में आए थे। इसमें मिली अहम जानकारियों के बाद कई अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टा प्लेटफॉर्म्स की जांच ईडी ने शुरू कर दी थी।
इन प्लेटफॉर्म्स का संचालन व्हाइट लेबल एप के जरिए किया जाता था। इसमें प्रॉफिट में हिस्सेदारी एप के एडमिन को दी जाती थी। जांच में सामने आया कि विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री वी मनी और 11 स्टार्स एप के जरिए लाभ कमाने वालों में से एक है। गोलू ने लोटस बुक सट्टा प्लेटफॉर्म के एडमिन अधिकार 5 प्रतिशत लाभ के आधार पर हासिल किए थे।
गोलू ने फिर धवल जैन को अपने साथ जोड़ा
कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री ने बाद में यह एडमिन अधिकारी धवल देवराज जैन को ट्रांसफर किए थे। इसमें गोलू ने फिर अपने पास 0.125 फीसदी हिस्सा रखा और वहीं जैन को 4.875 फीसदी हिस्सा दे दिया था। फिर जैन ने अपने साथी जॉन स्टेट्स उर्फ पांडे के साथ एक व्हाइट-लेबल प्लेटफॉर्म तैयार किया था। इस प्लेटफॉर्म को उन्होंने गोलू को 11स्टार्स चलाने के लिए दिया था। इसके बदले में दोनों के बीच डील हुई थी।
जांच में यह सारे एप आए
ईडी की जांच में गोलू के वी मनी, 11 स्टार्स के साथ ही वीएम ट्रेडिंग, स्टैंडर्ड ट्रेड्स लिमिटेड, आईबुल कैपिटल, लोटसबुक, गेमबेट लीग ये सभी आए हैं। साथ ही ईडी अब इस पूरे नेटवर्क में शामिल हवाला संचालकों और फंड संचालकों की पहचान कर चुका है। इनके डिजिटल और वित्तीय रिकॉर्ड जांचे जा रहे हैं। हवाला कारोबारी के तौर पर मयूर पंड्या का नाम सामने आया है।
ईडी की इंदौर में कार्रवाई में यह मिला था
ईडी ने 18 दिसंबर को तरुण श्रीवास्तव के खिलाफ आमर्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। तरुण लसूडिया स्थित 511 सिंगापुर टाउनशिप का निवासी है। इनके घर पर ईडी अधिकारियों ने छापेमारी में एक देशी पिस्टल, दो मैगजीन और पांच जिंदा कारतूस बरामद किए थे।
ये सभी सामान एक लकड़ी की अलमारी में पीले थैले में रखे हुए थे और अवैध थे। इसके अलावा, 98 लाख रुपए नकद, 46 हजार की विदेशी मुद्राएं और 59.90 किलो वजन की दो चांदी की सिल्लियां मिलीं थी। इन चांदी की सिल्लियों की कीमत 54.38 लाख रुपए थी।
ईडी से तब यह जानकारी आई थी
ईडी के जरिए जांच में आया था कि तरुण द्वारा अपनी कंपनी के माध्यम से म्यूल खातों से लेन-देन किया जा रहा है। यह अवैध राशि क्रिकेट की सट्टेबाजी की है। ईडी की अहमदाबाद टीम ने क्रिकेट सट्टेबाजी को लेकर दिल्ली, मुंबई और पुणे में 10 से 12 दिसंबर तक 21 ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की थी। ये कार्रवाई Magicwin क्रिकेट बैटिंग साइट से जुड़ी थी।
इसकी लिंक इंदौर में गोलू और उनके साथियों विपुल अग्रवाल, तरुण श्रीवास्तव से जुड़ी थी। इसके बाद टीम गोलू के यहां पहुंची थी। जांच में यह भी सामने आया था कि Magicwin साइट चलाने वालों ने सट्टे में जमकर मुनाफा कमाने के लिए टी-20 वर्ल्ड कप मैच की गैर कानूनी तरीके से ब्रॉडकास्टिंग भी की थी।
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