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कांग्रेस के इंदौर कार्यवाहक शहराध्यक्ष विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री (Golu Agnihotri) ईडी में उलझ गए हैं। ईडी ने उन्हें औपचारिक तौर पर डिब्बा कारोबारी बताया है। साथ ही उनकी और सहयोगियों की 34 करोड़ 26 लाख की प्रॉपर्टी अटैच कर ली है।
ईडी ने की इनकी प्रॉपर्टी अटैच
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मुख्यालय जांच इकाई, नई दिल्ली ने डब्बा ट्रेडिंग मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की है। इसमें विशाल अग्निहोत्री, तरुण श्रीवास्तव, हितेश अग्रवाल, धर्मेश रजनीकांत त्रिवेदी, श्रीनिवासन रामासामी, करण सोलंकी, धवल देवराज जैन और उनके परिवार के सदस्यों की 34.26 करोड़ रुपए मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को अटैच किया है।
क्रिप्टोकरेंसी से कर रहे रुपए का हेर-फेर
ईडी ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत लसूडिया पुलिस स्टेशन, इंदौर (मध्य प्रदेश) में दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। ईडी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि उपरोक्त व्यक्ति वी मनी/वीएम ट्रेडिंग (मेसर्स स्टैंडर्ड ट्रेड्स लिमिटेड), 11स्टार्स, लोटसबुक 247, 8 स्टॉक हाइट्स, गोल्डमाइन, वर्टेक्स, गेमबेटलीग, आईबुल कैपिटल लिमिटेड, प्लेबुक, टारगेटएफएक्स, वर्ल्ड777 और अन्य जैसी कई संस्थाओं और प्लेटफार्मों का संचालन कर रहे थे, जो अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी में शामिल थे। निवेशकों और प्रतिभागियों से एकत्रित धन को म्यूल बैंक खातों, हवाला चैनलों और क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के माध्यम से भेजा जाता था।
छापे के दौरान यह मिला था
ईडी ने बताया कि दिसंबर 2024, जून और जुलाई 2025 में इंदौर, भोपाल, मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद में चलाए गए तलाशी अभियानों में भारी मात्रा में आपत्तिजनक रिकॉर्ड, डिजिटल उपकरण, नकदी, चांदी, सोना और क्रिप्टोकरेंसी जब्त की गई। पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज बयानों से प्रमोटरों, परिवार के सदस्यों और संबंधित संस्थाओं के नाम पर संपत्ति अर्जित करने में धन के प्रवाह और उसके उपयोग का पता चला।
पहले भी 24 करोड़ की प्रॉपर्टी कर चुका अटैच
ईडी ने यह भी बताया कि इसके अलावा, इस मामले में नकदी, लग्ज़री घड़ियाँ, सोने/हीरे के आभूषण, बैंक खाते और डीमैट खातों के रूप में 24.13 करोड़ रुपए मूल्य की अपराध आय (पीओसी) पहले ही ज़ब्त/फ्रीज कर दी गई है। इस प्रकार, वर्तमान मामले में ज़ब्त/अटैच की गई कुल पीओसी राशि 58.39 करोड़ रुपए है। अभी भी आगे की जांच जारी है।
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गोलू इस तरह ईडी में घिरते चले गए
ईडी मुंबई ने जुलाई में डिब्बा कारोबारियों और ऑनलाइन सट्टेबाजों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई की लिंक इंदौर के कांग्रेस नेता विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री से जुड़ गई थी। गोलू पर दिसंबर 2024 में इंदौर में ईडी ने छापे मारे थे। इसके बाद लसूडिया थाने में 9 जनवरी 2025 को एफआईआर भी हुई थी। इसी छापे और एफआईआर के आधार पर ही मुंबई में ईडी ने छापे मारे और डिब्बा कारोबार और दुबई लिंक पर बड़ी कार्रवाई की थी।
कार्रवाई में 3.3 करोड़ के साथ लग्जरी कार, घड़ियां मिली
ईडी द्वारा मुंबई में अवैध डिब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी में चार ठिकानों पर मारे गए छापे में ईडी ने 3.3 करोड़ की नकदी के साथ ही लग्जरी कारें, घड़ियां, विदेशी मुद्रा, ज्वेलरी भी जब्त की और नोट गिनने की मशीन भी मिली थी।
गोलू ने 5 फीसदी हिस्सेदारी में लिए इसके एप
दिसंबर 2024 में गोलू अग्निहोत्री और उनके मित्र तरूण श्रीवास्तव इस जांच के दायरे में आए थे। इसमें मिली अहम जानकारियों के बाद कई अवैध डिब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टा प्लेटफॉर्म्स की जांच ईडी ने शुरू कर दी। इन प्लेटफॉर्म्स का संचालन व्हाइट लेबल एप के जरिए किया जाता था। इसमें प्रॉफिट में हिस्सेदारी एप के एडमिन को दी जाती थी। जांच में सामने आया कि विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री वी मनी और 11 स्टार्स एप के जरिए लाभ कमाने वालों में से एक है। गोलू ने लोटस बुक सट्टा प्लेटफॉर्म के एडमिन अधिकार 5 प्रतिशत लाभ के आधार पर हासिल किए थे।
गोलू ने फिर धवल जैन को अपने साथ जोड़ा
गोलू ने बाद में यह एडमिन अधिकार धवल देवराज जैन को ट्रांसफर किए। इसमें गोलू ने फिर अपने पास 0.125 फीसदी हिस्सा रखा और वहीं जैन को 4.875 फीसदी हिस्सा दे दिया। फिर जैन ने अपने सहयोगी जॉन स्टेट्स उर्फ पांडे के साथ मिलकर एक व्हाइट-लेबल प्लेटफॉर्म तैयार किया और उसे 11स्टार्स चलाने के लिए गोलू को उपलब्ध कराया और इसके लिए डील की।
जांच में यह सारे एप आए
ईडी की जांच में गोलू के वी मनी, 11 स्टार्स के साथ ही वीएम ट्रेडिंग, स्टैंडर्ड ट्रेड्स लिमिटेड, आईबुल कैपिटल, लोटसबुक, गेमबेट लीग यह सभी आए हैं। साथ ही ईडी अब इस पूरे नेटवर्क में शामिल हवाला संचालकों और फंड संचालकों की पहचान कर चुका है और उनके डिजिटल और वित्तीय रिकॉर्ड जांचे जा रहे हैं। हवाला कारोबारी के तौर पर मयूर पंड्या का नाम सामने आया है।
क्या है डिब्बा कारोबार
यह ट्रेडिंग शेयर बाजार जैसा ही है लेकिन पूरी तरह अवैध और सट्टे का रूप है। ट्रेडिंग का एक अनौपचारिक तरीका है, जो गैरकानूनी है। इसके लिए कोई आधिकारिक एक्सचेंज और कोई रेगुलेटरी बोर्ड नहीं है। यह बस एक पैरेलल गैरकानूनी सट्टा कारोबार है। यहां केवल बोलचाल में सौदे होते हैं और ऑन रिकॉर्ड कुछ नहीं होता है।
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ईडी की इंदौर में कार्रवाई में यह मिला था
ईडी ने 18 दिसंबर को 511 सिंगापुर टाउनशिप लसूडिया निवासी तरूण पिता राजेंद्र श्रीवास्तव के खिलाफ आमर्स एक्ट के तहत केस भी दर्ज कराया था। क्योंकि उनके घर पर ईडी अधिकारियों (एडी प्रियांकुश रावत व अन्य) द्वारा की गई छापेमारी में एक देशी पिस्टल, दो मैगजीन व पांच जिंदा कारतूस मिले थे। जो एक लकड़ी की अलमारी में एक पीले थैले में रखे हुए थे और अवैध थे। ईडी अधिकारियों ने तरूण के यहां से 98 लाख रुपए नकद, 46 हजार की विदेशी मुद्राएं, 54.38 लाख कीमत की दो चांदी की सिल्लियां जिनका वजन 59.90 किलो था वह भी मिली थी।
ईडी से तब यह जानकारी आई थी
ईडी द्वारा जांच में आया था कि तरूण द्वारा अपनी कंपनी के माध्यम से म्यूल खातों से लेन-देन किया जा रहा है। यह अवैध राशि क्रिकेट की सट्टेबाजी से संबंधित थी। ईडी की अहमदाबाद टीम ने क्रिकेट सट्टेबाजी को लेकर दिल्ली, मुंबई और पुणे में 10 से 12 दिसंबर तक 21 ठिकानों पर छापा मारा था। ये कार्रवाई Magicwin क्रिकेट बैटिंग साइट से जुड़ी थी। इसकी लिंक इंदौर में गोलू और उनके साथियों विपुल अग्रवाल, तरुण श्रीवास्तव से जुड़ी थी। इसके बाद टीम गोलू के यहां पहुंची थी। जांच में यह भी सामने आया था कि Magicwin साइट चलाने वालों ने सट्टे में जमकर मुनाफा कमाने के लिए टी-20 वर्ल्ड कप मैच की गैरकानूनी तरीके से ब्रॉडकास्टिंग भी की थी।