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INDORE. इंंदौर के बीजेपी पार्षदों को संगठन ने चेतावनी दे दी है। संगठन ने साफ कहा है कि पार्षद खुद को संगठन से अलग नहीं समझें, उनके कामों पर भी नजर रखी जा रही है। संगठन से ही पार्षद हैं। यह बात बीजेपी दफ्तर में हुई बैठक में शहराध्यक्ष सुमित मिश्रा द्वारा कही गई। उधर पार्षदों ने फिर निगम अधिकारियों को लेकर कहा कि वे सुनते नहीं हैं और लगातार बैठक में होने की बात कहते हैं, पता नहीं इन बैठकों में क्या होता है।
कांग्रेस पार्षद डकैत की जाएगी पार्षदी
बीजेपी नेताओं के साथ हुई पार्षदों की बैठक में सामूहिक तौर पर तय हुआ कि कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी उर्फ डकैत को नौ अक्टूबर को होने वाले निगम परिषद सम्मेलन में दो तिहाई बहुमत से बाहर किया जाएगा। इसके लिए पार्टी ने सभी पार्षदों को उपस्थित रहने का व्हिप जारी कर दिया है। यह मामला उधर संभागायुक्त के पास भी चल रहा है लेकिन इसमें अभी तक कादरी ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है। वहीं, इसकी सुनवाई अगले सप्ताह लगी है। लेकिन इसके पहले ही परिषद से ही उसकी पार्षदी चली जाएगी।
बीजेपी पार्षदों को यह दी गई हिदायत
नेताओं ने पार्षदों से कहा कि पार्षद सावधान रहें और संगठन को महत्व दें। कई पार्षद हैं जो संगठन की बैठकों से दूरी बनाए रखते हैं। बैठक में इंदौर बीजेपी नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा के साथ ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव, निगम सभापति मुन्नालाल यादव और एमआईसी सदस्य भी थे। मिश्रा ने कहा कि कोई सोचता है कि वह किसी के कारण पार्षद बना है तो यह सही नहीं है, संगठन के कारण वह है। संगठन के पास हर व्यक्ति का मूल्यांकन है कि वह क्या कर रहा है।
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इंदौर के पार्षदों से बीजेपी संगठन नाराज की खबर पर एक नजर...
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पार्षदों ने अधिकारियों को लेकर फिर की शिकायतें
उधर पार्षदों ने एक बार फिर निगम अधिकारियों को लेकर बात रखी और कहा कि वे सुनते ही नहीं हैं। पार्षदों ने कहा कि जोनल अधिकारी कहते हैं कि मुख्यालय पर बैठक हो रही है तो वे वहां पर हैं। हमेशा यही वे कहते हैं। ऐसे में वे हमें मिलते ही नहीं हैं। अधिकारी भी वार्ड में हमें बिना बताए दौरे कर लेते हैं, बाद में लोग हमें घेरते हैं, जवाब तो हमें ही देना होता है।
अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं, बाद में कहते हैं मीटिंग में थे। उधर पार्षदों ने कहा कि 180 करोड़ के विकास कार्य रोक दिए गए हैं। महापौर ने सभी पार्षदों के 5-5 विकास कार्य मंजूर किए थे, लेकिन अब भोपाल से आए आदेश का हवाला देकर इन्हें रोक दिया गया है। हम मैदान में क्या जवाब देंगे। महापौर ने इस मामले में भोपाल बात करने का आश्वासन दिया है।