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इंदौर बीजेपी नगराध्यक्ष और जिलाध्यक्ष दोनों के नाम की घोषण थ्रिलर वेबसीरिज बन गई है। बीजेपी मध्य प्रदेश में 62 जिलाध्यक्षों में से 59 के नाम घोषित कर चुकी है। कुल मिलाकर 6 नामों पर कहानी अटकी थी, जिसमें से चार दिन पहले एक नाम और फिर गुरुवार को दो और नाम जारी हो गए। लेकिन इंदौर के दोनों नाम और एक निवाड़ी जिलाध्यक्ष का नाम अटका हुआ है।
अटके नाम, इनके बीच घमासान
इंदौर के प्रभारी मंत्री खुद मुख्यमंत्री हैं, ऐसे में उनकी पसंद अहम होगी। उधर इंदौर में किसी भी हालत में अपनी पकड़ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कम नहीं करना चाहते हैं, उनकी भी जोर आजमाइश है। मंत्री तुलसी सिलावट ग्रामीण इंदौर में अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं, और इसके लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी जोर है। फिर इधर कुछ दिन पहले ताई सुमित्रा महाजन ने जोर दिखाया और दिल्ली में एक फोन घनघना दिया, इससे चीजें और उलझी है।
वहीं बड़ों की लड़ाई में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा एक माहिर राजनीतिज्ञ के रूप में सामने आए हैं, ऐसे में वह उनकी एक चाल दिग्गजों के प्यादों को निपटाने के लिए काफी है। यानी बात जो बनना चाहते हैं, उनकी नहीं है, किनका व्यक्ति, समर्थक बनेगा यह लड़ाई उसकी है।
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इन छह जगह के नाम अटके थे पहले
एक सप्ताह पहले बीजेपी के 62 में से 56 नाम एक-एक कर घोषित कर दिए गए। इसके बाद इंदौर ग्रामीण, इंदौर नगर, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़ और नरसिंहपुर, निवाड़ी रह गए थे। बीजेपी ने चार दिन पहले टीकमगढ़ का नाम दे दिया। फिर गुरुवार को छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर भी आ गया। लेकिन निवाड़ी और इंदौर के दोनों नाम रूक गए।
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डील पर गए तो अलग नाम, रायशुमारी में ये
यदि बात इंदौर में रायशुमारी की हो तो फिर इंदौर नगराध्यक्ष के लिए सुमित मिश्रा हावी है, वह इंदौर एक, दो और विधानसभा तीन सभी से जगह से आगे हैं। दूसरे नंबर पर दीपक टीनू जैन है। वहीं जिलाध्यक्ष ग्रामीण की बात करें तो फिर अंतर दयाल आगे हैं और वर्तमान जिलाध्यक्ष जो नौ माह पहले ही बने चिंटू वर्मा की कुर्सी चली जाएगी, जो मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खास है। अब यदि बात डील की करें तो फिर इंदौर में कहानी पलटेगी। डील किसके पक्ष में जाएगी यह कोई कहने की स्थिति में नहीं है।
हालांकि सात दिन पहले गुरुवार को ही बीजेपी दफ्तर में बंद कमरे में मंत्री विजयवर्गीय और संगठन महामंत्री मप्र बीजेपी हितानंद शर्मा की बात हो गई थी। इसमें टीनू जैन का नाम प्रमुखता से आया था। वहीं कयास यह भी लग रहे हैं कि मंत्री गुट में भी एक धड़ा सुमित के नाम पर अड़ा हुआ है। उधर, नगराध्यक्ष में तीसरे और चौथे दावेदारों में मुकेश राजावत और बबलू शर्मा है।
मंत्री विजयवर्गीय और संगठन महामंत्री हितानंद की बंद कमरे में बैठक, टीनू जैन आगे
मंत्री गुट को मिल रही चुनौतियां
दरअसल, जीतू कांड के बाद मंत्री गुट को भी कई चुनौतियां मिल रही है। ग्रामीण में पहले चिंटू वर्मा के लिए राह आसान मानी जा रही थी, लेकिन ग्रामीण विधायक मनोज पटेल, उषा ठाकुर के साथ मंत्री तुलसीराम सिलावट ने पेंच फंसा दिया और अंतर दयाल को आगे कर दिया, चिंटू पर ना बोल दिया। उधर नगराध्यक्ष में भी चुनौती मिल रही है, यहां भाई समान मित्र रमेश मेंदोला सुमित को चाहते हैं, विधायक गोलू भी उनके साथ है, लेकिन मंत्री के पुत्र व पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय का जोर टीनू जैन पर है। वहीं विधायक मालिनी गौड़, मधु वर्मा और महेंद्र हार्डिया की अपनी-अपनी पसंद अलग है।
ताई का एक फोन और चुनौतियां बढ़ गई
वहीं द सूत्र को मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ताई यानी सुमित्रा महाजन ने दिल्ली में बीजेपी के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी को फोन करके इंदौर की नियुक्तियों को लेकर अपने विचार व्यक्त किए और कुछ सलाह दी। यह सलाह क्या थी इसका खुलासा नहीं हुआ लेकिन फोन जरूर गया था। इससे भी कुछ समीकरण बदलेंगे, इसकी संभावना भी है।
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