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INDORE. इंदौर बीजेपी की ग्रामीण जिला कमेटी मंगलवार 16 दिसंबर को घोषित हुई थी। इसमें मंत्री तुलसी सिलावट के साथ ही मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के समर्थकों को खासी जगह मिली है। वहीं, इसमें महू विधायक उषा ठाकुर और देपालपुर विधायक मनोज पटेल के समर्थकों के हाथ ज्यादा कुछ नहीं लगा था।
इससे अंदरूनी नाराजगी शुरू हो चुकी है। वहीं इस कमेटी में पार्टी ने अपनी ही लाड़ली बहनों/नेत्रियों को दरकिनार कर दिया है। केवल तीन महिलाओं को ही जगह मिली है। जबकि बात 33 प्रतिशत पद देने की थी।
वहीं जिन्हें पद दिया गया, उनकी जगह पति दावेदार थे। इसके बवजूद, उन्हें जगह नहीं दे पाए तो पत्नी को पद देकर संतुष्ट किया गया है।
लाड़ली बहनें इस तरह दरकिनार
पार्टी गाइडलाइन के हिसाब से आठ उपाध्यक्ष, आठ मंत्री, तीन महामंत्री और एक-एक कोषाध्यक्ष व कार्यालय मंत्री के पद अहम थे। बाकी एक मीडिया प्रभारी, एक आईटी प्रभारी व एक सोशल मीडिया प्रभारी का पद बनाया गया था। इस तरह कुल 24 पद थे।
यानी महिलाओं को सात से आठ पद मिलने थे। इसक बवजूद, बीजेपी ग्रामीण जिला कमेटी इंदौर में उपाध्यक्ष पद पर लीला संतोष पाटीदार नियुक्त किया गया है। साथ ही, मंत्री पद पर कुसुम रूपसिंह चौहान व उषा लोकेंद्र सिंह पंवार को नियुक्त किया गया है।
कहने को सह कोषाध्यक्ष पद पर पिंकी रोहित मंडलोई और सह आईटी प्रभारी के तौर पर मोनिका अभिलेष ठाकुर को भी जगह दी है। वहीं, यह सह प्रभार पार्टी गाइडलाइन से तय कोई औपचारिक पद नहीं है।
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चौहान ने तो लिखकर दे दिया
दरअसल उपाध्यक्ष बनी लीला की जगह उनके पति संतोष पाटीदार अधिक सक्रिय हैं। यह मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के करीबी हैं। वहीं, जब उन्हें समायोजित नहीं किया जा सका तो पत्नी के नाम पर पद दिया गया था। इसी तरह रुपसिंह चौहान को पद मिलना था, लेकिन पत्नी कुसुम को लिया गया था।
उन्होंने तो जिलाध्यक्ष श्रवण चावड़ा को लिखकर ही दे दिया है कि उनकी जगह किसी और को पद दे दिया जाए। यह कहा है कि मेरी पत्नी सक्रिय सदस्य नहीं हैं। उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है। ऐसे में वह काम नहीं कर सकेंगी। उनकी जगह किसी अन्य को जगह दे दी जाए।
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यह सभी ग्रामीण नेत्रियां थीं दावेदार
ग्रामीण में कई महिला नेत्रियां हैं जो खासी सक्रिय हैं और कमेटी में दावेदार थीं। जैसे किरण सूर्यवंशी, आरती शर्मा, हेमलता नागर, भारती पाटीदार, कृष्णा विजयवर्गीय, बबीता शर्मा, संगीता कौलते व अन्य।
इन सभी की दावेदारी को दरकिनार कर दिया गया है। वहीं जिन्हें जगह भी मिली तो वह खुद कम सक्रिय हैं और पति अधिक सक्रिय हैं। ऐसे में ग्रामीण विधानसभाओं में महिलाओं को पार्टी अपनी ओर कैसे जोड़ेगी यह बड़ी चुनौती होगी।
नगर की कमेटी में आई थीं इतनी महिलाएं
बीजेपी की इंदौर नगर कमेटी में उपाध्यक्ष पद पर डॉ. दीप्ति हाड़ा को और मंत्री पद पर कंचन गिदवानी को जगह दी गई थी। साथ ही, नेहा शर्मा, मंजू ठाकुर, इंदु श्रीवास्तव और स्वाति युवराज काशिद को भी जगह दी गई थी। इस तरह अहम पदों में 6 पद महिलाओं के खाते में गए थे।
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इधर उषा और मनोज नाराज
वहीं इस कार्यकारिणी से महू विधायक उषा ठाकुर और देपालपुर विधायक मनोज पटेल खासे नाराज हैं। महू में उषा की ज्यादा नहीं चली और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक अधिक आए। जबकि उषा और कैलाश विजयवर्गीय के बीच में पटरी नहीं बैठ रही है।
वहीं खुद जिलाध्यक्ष श्रवण चावड़ा देपालपुर के हैं और निश्चित तौर पर नजरें अगले विधानसभा चुनाव 2028 में टिकट पर होंगी। ऐसे में यहीं से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं। अभी विधायक मनोज पटेल को काटने में कसर नहीं रखी गई है। उनके समर्थकों को कोई खास तवज्जो नहीं मिली है।
अभी दो पद खाली रखे हैं
पार्टी गाइडलाइन के अनुसार कार्यकारिणी में 8-8 उपाध्यक्ष और मंत्री बनाना है। वही, अभी सात-सात ही बनाए गए हैं। दोनों जगह एक-एक पद रिक्त है।
बताया जा रहा है कि मंत्री विजयवर्गीय मनोज ठाकुर को लाना चाहते हैं और उषा ठाकुर विरोध में हैं। इसी के चलते एक पद होल्ड है। इसी तरह एक पद और अंदरूनी लड़ाई के चलते होल्ड किया गया है। जिसे बाद में समायोजित किया जाएगा।
जिनका कोई गॉडफादर नहीं वह घर बैठे
जैसे पार्टी की सक्रिय लाड़ली बहना/नेत्रियां दरकिनार हुई हैं। इसी तरह कई ग्रामीण नेता भी दरकिनार हो गए हैं। यह वह लोग हैं जिनका उच्च स्तर पर नाम आगे बढ़ाने वाला कोई नहीं है।
यानी वह पार्टी के लिए तो काम करते हैं लेकिन कोई गॉडफादर मौजूद नहीं है। इसमें मुकेश पटेल, मुकेश चौहान, माखन चौधरी, भरत आंजना, सुनील गेहलोत जैसे कई नाम हैं। वही, इन सभी को खारिज कर दिया गया है।
महामंत्री के तीन अहम पद इनके समर्थक
महामंत्री पद पर अंतदयाल हैं। इनका नाम ग्रामीण जिलाध्यक्ष के लिए मंत्री सिलावट ने बढ़ाया था। वहीं, तब बात नहीं बनी तो अब महामंत्री पद पर समायोजन हुआ है। रामस्वरूप गेहलोत भी महामंत्री बने हैं जो राउ विधायक मधु वर्मा के करीबी हैं। साथ ही, विधानसभा संयोजक भी रहे हैं।
यह श्रवण चावड़ा के भी करीबी हैं। अंतरदयाल और गेहलोत दोनों ही कलौता समाज से आते हैं। वहीं तीसरे महामंत्री पूंजालाल निनामा हैं, जो पूर्व में मंडल अध्यक्ष रहे हैं। संघ पृष्ठभूमि से भी हैं और विधायक उषा ठाकुर के करीबी हैं और एसटी वर्ग से हैं।
उपाध्यक्ष पद के लिए कौन किसका समर्थक
उपाध्यक्ष बनाए गए भारत सिंह चौहान सांवेर से हैं और सिलावट के करीबी हैं। दिलीप चौधरी भी सांवेर के हैं और सिलावट के ही करीबी हैं। विनोद जाट मानपुर के होकर सांसद कविता पाटीदार के करीबी हैं।
लीला संतोष पाटीदार मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की करीबी हैं। पवन सिंह पटेल देपालपुर से होकर मंत्री विजयवर्गीय और श्रवण चावड़ा के करीबी हैं। वहीं सत्यनारायण पटेल देपालपुर के होकर मनोज पटेल के समर्थक हैं। वहीं धर्मेंद्र वर्मा राउ विधानसभा से होकर मधु वर्मा के समर्थक हैं।
मंत्री पद पर आए नेताओं के यह समीकरण
वहीं मंत्री पद पर आए कुसुम रूपसिंह चौहान श्रवण चावड़ा के करीबी होकर हातोद से हैं। जलमसिंह सोलंकी, विधायक मनोज पटेल से जुड़े हैं। राजकपुर वर्मा मानपुर के हैं और विधायक ठाकुर से जुड़े हैं।
वहीं अजय यादव व अश्विन पटेल पूर्व विधायक जीतू जिराती के समर्थक हैं। उषा लोकेंद्र सिंह पंवार सांवेर से हैं और मंत्री पद पर घनश्याम पाटीदार को भी जगह मिली है।
बाकी पदों पर यह स्थिति
हेमचंद मित्तल एक बार फिर कोषाध्यक्ष बने हैं। यह पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर के समय से ही इस पद पर थे। कार्यालय मंत्री पर मुकेश जरिया हैं जो उषा ठाकुर के करीबी हैं। वहीं मीडिया प्रभारी विनोद चंदानी हैं जो सांसद शंकर लालवानी से जुड़े हुए हैं।
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