इंदौर में उद्योगपति की बहू वंदना गुप्ता को डिजिटल अरेस्ट बनाकर नवंबर में की गई 1.60 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने पता लगाया है कि यह ठगी मलेशिया में बैठी गैंग ने की है। इसके बाद अपने साथ जुड़े लोगों के खाते का उपयोग करके इसमें राशि ट्रांसफर कराई है। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को गुजरात से गिरफ्तार किया है।
यह लोग हुए गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार इस केस में अभी तक सिम देने वाले और खातों में राशि डलवाने वाले कुल 6 लोग गिरफ्तार हुए हैं। यह गुजरात के बड़ौदा, सूरत के साथ ही मप्र के सतना जिले के रहने वाले है। गिरफ्तार आरोपियों में विवेक, अल्ताफ, अभिषेक और प्रतीक शामिल है। क्राइम ब्रांच ने बताया कि वंदना गुप्ता को डिजिटल अरेस्ट कर ट्रांसफर किए गए रुपए आरोपियों के ही खाते में पहुंचे थे।
जिस नंबर से कॉल आया था वह सिम भी आरोपियों के पास पाई गई है।जानकारी के अनुसार वंदना को मलेशिया में बैठे ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया था।
यह हुआ मामला
इंदौर की महिला कारोबारी वंदना गुप्ता पति राजीव गुप्ता उद्योगपति सुभाष गुप्ता की बहू है। महिला ने सायबर सेल में शिकायत की है और बताया है कि 9 से 11 नवंबर को उसे वीडियो कॉल कर धमकाया गया था। राठी ग्रुप में काम करने वाली गुप्ता ने बताया कि आरोपियों ने वीडियो कॉल करते हुए पहले ईडी और फिर सीबीआई अधिकारी बनकर डराया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने के नाम पर बैंक खाते की जानकारी ली और फिर सत्यापन के नाम पर राशि ऑनलाइन ट्रांसफर कराई।
एफडी तुड़वाकर राशि दी
वंदना का शेयर व कमोडिटी का कारोबार है। उन्होंने बताया कि ईडी अधिकारी बनकर वीडियो कॉल पर किसी ने बात की और कहा कि खातों में अवैध ट्रांजेक्शन हुआ है, इसमें नरेश गोयल को हमने पकड़ा है। आपके खातों का सत्यापन करना है। आरोपियों ने ऑनलाइन केस में फंसाने का बोलकर इस कदर धमकाया कि पीड़िता ने 1 करोड़ की एफडी भी तोड़ दी।
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