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द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया यानी ICAI की इंदौर सीए ब्रांच में मैनेजिंग कमेटी के पदाधिकारी चुनने के लिए हुई बैठक में जमकर राजनीति हो गई। गुटीय वोटिंग का शिकार महिला सीए निधि बंग हुईं, यह वही निधि हैं जो 15 फरवरी को हुए सीए एसोसिएशन चुनाव में 15 उम्मीदवारों में सर्वाधिक वोट से चुनाव जीती थीं।
यह होती है प्रक्रिया
दरअसल, CA एसोसिएशन ब्रांच में मैनेजिंग कमेटी के 9 पदों के लिए चुनाव होते हैं, जिसमें इस बार 15 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें CA निधि बंग को सबसे अधिक वोट मिले, दूसरे स्थान पर CA मिलिंद वाधवानी रहे, और कुल 9 उम्मीदवारों का चयन हुआ।
नियमों के अनुसार, चुने गए 9 सदस्य एक बैठक करते हैं और फिर आपसी सहमति से चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, सचिव, कोषाध्यक्ष और सिकासा चेयरमैन का चयन करते हैं, जबकि शेष सदस्य कार्यकारी समिति में रहते हैं। इनका कार्यकाल एक वर्ष का होता है और अगले वर्ष पुनः इसी प्रक्रिया के तहत नए पदाधिकारी चुने जाते हैं।
एक अन्य नियम यह भी है कि वाइस चेयरमैन को अगले साल चेयरमैन बनाया जाता है, जब तक कि उसके खिलाफ दो-तिहाई बहुमत से मत नहीं पड़ते।
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अब पदाधिकारी चुनाव के समय यह हो गया
सीए रजत धानुका बीती कमेटी में वाइस चेयरमैन थे, ऐसे में वह चेयरमैन बने और उनके खिलाफ कोई नहीं आया। वहीं दो गुटों के बीच आपसी रजामंदी से तय हुआ कि यदि चेयरमैन पर कोई विरोध नहीं आता है तो फिर आपके लिए वाइस चेयरमैन पद रखा जएगा और इसके तहत सीए समकित भंडारी को वाइस चेयरमैन चुना गया। दोनों ही जगह बिना विरोध के शांति से पदाधिकारी चुन लिए गए। सीए निधि बंग ने फिर सचिव के लिए दावेदारी की और उनके खिलाफ सीए मिलिंद वाधवानी मैदान में आए। यहां तक तो ठीक था, इस दौरान वोटिंग हुई थी और जो अभी तक नहीं हुआ वह हो गया। सीए सेंट्रल काउंसिल के मेंबर सीए पंकज शाह और रीजनल काउंसिल के मेंबर अंकुश जैन और आनंद जैन ने भी पदाधिकारी चुनने की प्रक्रिया में वोट डाले। सामान्य तौर पर सेंट्रल काउंसिल और रीजनल काउंसिल मेंबर वोट नहीं डालते हैं, लेकिन निधि बंग को रोकने के लिए यह वोटिंग की गई। इसमें नतीजा यह रहा है कि वह 7-5 वोट से सचिव पद का इंटरनल चुनाव हार गईं। बता दें कि इसके पहले 2017 में सेंट्रल काउंसिल मेंबर कैमिषा सोनी ने भी वोट डाला था।
इसके बाद इन पर भी यही हुआ
बात यही नहीं रुकी। इसके बाद बात आई कि निधि को कोषाध्यक्ष कर लेते हैं, लेकिन यहां पर लविश तांतेड़ आ गए और फिर वोटिंग हुई और वही नतीजा रहा। फिर बात सिकासा चेयरमैन पद के लिए आई और इसमें भी यही हुआ और तीनों ही जगह निधि 7-5 वोट से हार गईं और वह केवल एग्जीक्यूटिव कमेटी मेंबर बन कर रह गई।
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इंदौर सीए ब्रांच दो गुटों में बंटने लगी
इस पूरे चुनाव से इंदौर सीए दो फाड़ हो चुका है। एक सीए गुट में नॉन सीए यानी एक कर सलाहकार की एंट्री है और वह मिशन 2025 के तहत इस चुनाव के लिए लगे हुए थे। वहीं एक गुट सीए का जो इनकी दखल को गलत बता रहा है। इसके चलते पूरे चुनाव के दौरान गहमागहमी बनी रही। इसका शिकार सबसे ज्यादा वोट से जीती महिला सीए निधि बंग हो गईं।
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इन पदों पर यह आए
आईसीएआई की इंदौर सीए शाखा की मैनेजिंग कमेटी के 2025-2026 के लिए सीए. रजत धनुका को अध्यक्ष, सीए. समकित भंडारी को उपाध्यक्ष, सीए. मिलिंद वाधवानी को सचिव, सीए. लविश तांतेड़ को कोषाध्यक्ष और सीए. मेघा जैन को सीकासा चेयरपर्सन के रूप में चुना गया। सीए. स्वर्णिम गुप्ता, सीए. निधि बंग एवं सीए. सर्वज्ञ जैन, सीए. नारायण सोमानी कार्यकारिणी समिति के सदस्य होंगे।
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