इंदौर में एक कैंटीन के लिए ऐसे बंटी 35 लाख की रिश्वत, 5 लाख की रिश्वत देने का एक और वीडियो आया सामने

चोइथराम मंडी कैंटीन संचालक गुप्ता ने द सूत्र को बताया कि यह कैंटीन विवेक शर्मा के नाम पर है। उनके साथ गुप्ता ने एग्रीमेंट किया था। इसके चलते शुरूआत में 10 लाख रुपए दिए थे। उसके बाद 11 लाख रुपए मंडी सचिव नरेश परमार के व्यक्तियों को दिए थे।

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Vishwanath Singh
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इंदौर की चोइथराम मंडी सचिव को मिठाई के डिब्बे में रिश्वत देने का आरोप लगाने वाला वीडियो सामने आने के बाद अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है। द सूत्र के हाथ एक और वीडियो लगा है जिसमें कैंटीन संचालक दो लोगों को 5 लाख रुपए देते हुए स्पष्ट रुपए से दिखाई दे रहा है।

इन दो लोगों को मंडी सचिव का ही व्यक्ति बताया जा रहा है। वहीं, इस मामले में अब मंडी बोर्ड के अफसरों द्वारा मामले की विभागीय जांच की जा रही है। इधर, मंडी सचिव नरेश परमार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनके मुताबिक अतिक्रमण हटाने के विरोध में वह यह सब कर रहा है। 

ऐसे बंटी 35 लाख की रिश्वत

चोइथराम मंडी कैंटीन संचालक गुप्ता ने द सूत्र को बताया कि यह कैंटीन विवेक शर्मा के नाम पर है। उनके साथ गुप्ता ने एग्रीमेंट किया था। जिसके चलते शुरूआत में 10 लाख रुपए दिए थे। उसने आरोप लगाया कि बाद में 11 लाख रुपए मंडी सचिव नरेश परमार के व्यक्तियों को दिए थे। उसके अलावा बाकी की राशि भी कैंटीन संचालन के लिए मंडी के ही अलग–अलग लोगों को दी थी। 

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इस तरह से 5 लाख रुपए दिए थे

5 लाख की रिश्वत देने का वीडियो भी आया

कैंटीन संचालक गुप्ता ने एक और खुलासा किया है। उसने द सूत्र को एक वीडियो उपलब्ध करवाया है। जिसमें उसका एक कर्मचारी हाथ में नोट की गड्‌डी वाली थैली लेकर कैंटीन में घुसता है। उसके बाद अंदर केबिन में चार लोग बैठे दिखते हैं। हाथ में थैली लेकर केबिन में पहुंचा व्यक्ति उसे पहले से बैठे दो व्यक्तियों को देता है। उसके बाद दोनों व्यक्ति थैली में से नोटों की गड्डियां निकालकर सामने बैठे व्यक्तियों को देते हैं। गुप्ता ने बताया कि ये दोनों व्यक्ति विवेक शर्मा के ही परिचित हैं। इनके नाम ब्रजेश मंत्री और मनीष बताए गए हैं। गुप्ता ने यह भी बताया कि कैंटीन लेने के एवज में ही यह राशि दी गई थी।

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यह पत्र लिखा था विवेक ने मंडी सचिव को

हर महीने 1 लाख 80 हजार खर्च

उसने आरोप लगाते हुए बताया कि हर महीने 50 हजार रुपए रिश्वत मिठाई के डिब्बे में रखकर मंडी सचिव को पहुंचाई जाती है। इसके अलावा कैंटीन का किराया और अन्य लोगाें को भी रिश्वत व खर्च सहित कुल मिलाकर 1 लाख 80 हजार रुपए हर महीने खर्च हो रहे हैं।

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शिकायत हुई तो बंद करवा दी कैंटीन

मंडी सचिव को मिठाई के डिब्बे में रिश्वत देने के आरोप वाला वीडियो जैसे ही सामने आया और फिर थाने में शिकायत हुई तो मंडी प्रशासन ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया। कैंटीन संचालक गुप्ता ने आरोप लगाया कि रात को ही मंडी सचिव ने कैंटीन को बंद करवाने के लिए अपने लोगों को भेज दिया। उसे अपने केबिन में बात करने के बहाने से बुलाया और कुछ लोगाें ने उसे धमकाया भी। जिसको लेकर उसने थाने में भी शिकायत की है।

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मंडी सचिव ने विवेक शर्मा को दिया था नोटिस

विवेक शर्मा ने लिखा मंडी सचिव को पत्र

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर एक और नया खुलासा हुआ है। जिसमें बताया गया है कि कैंटीन के मूल संचालक विवेक शर्मा ने तो सितंबर की शुरूआत में कैंटीन बंद करने के लिए मंडी प्रशासन को पत्र लिख दिया था। उसको लेकर एक और आदेश मंडी प्रशासन की तरफ से जारी किया गया था। जिसमें बताया जा रहा है कि विवेक शर्मा द्वारा कैंटीन का किराया नहीं भर पाने के कारण उसे कई बार नोटिस दिए गए। फिर भी उसने कैंटीन का किराया जमा नहीं किया। इसके चलते मंडी प्रशासन ने कैंटीन को बंद करने की कार्रवाई की है।

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मंडी सचिव बोले, अतिक्रमण तोड़ा इसलिए वीडियो बनाया

मंडी सचिव नरेश परमार ने बताया कि अकेले में खुद ने वीडियो बनाया और उसको रिश्वत देने के नाम से वायरल कर रहा है। इसमें कितनी सत्यता है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। जिसने वीडियो बनाया वह ना तो मंडी का कर्मचारी है और ना ही व्यापारी है। वह केवल अतिक्रमणकर्ता है। उसने अतिक्रमण कर लिया था तो मंडी प्रशासन ने उसे तोड़ दिया। बाद में उसने फिर अतिक्रमण कर लिया। इस पर हमने नोटिस दिया, लेकिन उसने नहीं लिया। अब हम उसे डाक से भिजवा रहे हैं। अब वह दोबारा अतिक्रमण करने की कोशिश करेगा तो हम उसे भी तोड़ देंगे। 

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इंदौर मंडी रिश्वत प्रशासन सचिव
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