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Indore. इंदौर कांग्रेस में शहराध्यक्ष चिंटू चौकसे के ऑडियो विवाद पर सभी पक्ष नरमी दिखा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर आपत्तिजनक शब्दों वाले इस ऑडियो पर अब मामला शांत किया जा रहा है। प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ऑडियो की सत्यता पर सवाल उठाए थे। वे विवाद को ठंडा करने में लगे हैं। शिकायतकर्ता देवेंद्र सिंह यादव और चिंटू चौकसे की सुलह बैठक शोभा ओझा के घर हुई। इसके बाद चिंटू चौकसे भोपाल पहुंचे और दिग्विजय सिंह से मिलकर सफाई दी।
भोपाल में केवल मिनटों में खत्म हुई बात
सूत्रों के अनुसार यह मुलाकात सोमवार शाम को भोपाल में हुई। उनके साथ सबसे करीबी पार्षद राजू भदौरिया भी थे। उल्लेखनीय है कि ऑडियो में राजू भदौरिया का भी जिक्र था। दिग्विजय सिंह की तरफ से इन्हें डांटने के कारण ही मामले ने तूल पकड़ा। सिंह के बंगले पर यह मुलाकात हुई। लेकिन यह केवल कुछ मिनट चली।
इस दौरान चौकसे ने सफाई दी। ऑडियो को एआई जेनरेटेड बताते हुए इसे झूठा करार दिया। साथ ही कहा कि आप जानते हैं कि मैं अपना काम ईमानदारी से करता हूं। पूरी बात सुनने के बाद सिंह ने इतना ही कहा कि ठीक है, तुम बस अपना काम करो। इसके बाद सिंह अन्य से मुलाकात के लिए चले गए और मिलने वाले चाय पीकर रवाना हो गए।
इसके पहले भी सफाई दे चुके चिंटू
इसके पहले भी बवाल होने के बाद चिंटू ने सफाई दी थी। उन्होंने दिग्विजय सिंह को आदरणीय राजा साहब कहकर संबोधित किया था। साथ ही कहा था कि यह ऑडियो झूठ है। मैं कभी इस तरह का सपने में भी नहीं सोच सकता हूं। आप आदरणीय और सम्मानीय है।
क्या है ऑडियो कांड
ऑडियो कांड तथाकथित तौर पर शहराध्यक्ष चिंटू चौकसे और पूर्व शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत का है। इसमें चौकसे खुलकर दिग्विजय सिंह को गालियां दे रहे हैं। कह रहे हैं कि किसी के बाप के नौकर नहीं हैं। पिता तुल्य हैं तो अपने बेटे जयवर्धन सिंह को ऐसे सार्वजनिक डांटे। हालांकि, चौकसे और चड्ढा दोनों ही इसे फेक बता रहे हैं।
इस पर यह बोले थे संगठन प्रभारी
मप्र संगठन प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि जांच से पहले यह देखना जरूरी है कि ऑडियो सही है या नहीं। उन्होंने कहा, जो ऐसी रिकॉर्डिंग कर रहा है, वह कांग्रेसी नहीं है और बीजेपी का स्लीपर सेल है। उनका कहना था कि संगठन की आंतरिक बातें सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए और पार्टी फोरम में रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी इस पर कुछ नहीं कह सकता। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।
क्या है 6 मिनट के ऑडियो कांड में
इस ऑडियो में सुरजीत चड्ढा चिंटू को समझाइश दे रहे हैं कि उन्हें समन्वय बैठक में दिग्विजय सिंह को लेकर यह नहीं बोलना था। इससे पहले चिंटू ने 28 सितंबर की बैठक में कहा था कि बिना सूचना दिए राष्ट्रीय नेता इंदौर आ जाते हैं। मनचाहे प्रोग्राम बना लेते हैं, यह नहीं चलेगा। सुरजीत ने इस दौरान कहा कि दिग्विजय सिंह जी पिता तुल्य है। बहुत बड़े और सम्मानित नेता है। इस पर चिंटू कहते हैं कि मैं किसी के बाप का नौकर नहीं हूं।
सुरजीत बोलते हैं- मैंने राजा साहब को बोला था कि प्रेस कांफ्रेंस है। वहीं बोल देंगे, शीतलामाता जाना चाहिए क्या। इस पर उन्होंने कहा कि अब नौकरियों पर भी अटैक किया जा रहा है। इस तरह तो बीजेपी रोड पर अटैक करेगी क्यो करोगे, फिर मैं चुप हो गया।
उन्होंने कहा कि अब नौकरियों पर भी अटैक किया जा रहा है। इस तरह तो बीजेपी रोड पर अटैक करेगी क्यो करोगे, फिर मैं चुप हो गया।
इस पर चिंटू कहते हैं कि सभी लोगों से पहले ही हम मिल लिए थे पटवारीजी संभागायुक्त से भी मिल लिए थे।
सुरजीत कहते हैं कि चलो आप बाजार गए या नहीं, लेकिन वह बहुत बड़े नेता है।
चिंटू कहते हैं कि उन्होंने कैसे बोल दिया। हम क्या बाप के नौकर है।
सुरजीत कहते हैं कि वह तो पिता तुल्य है।
चिंटू कहते हैं कि पिता तुल्य है तो क्या सार्वजनिक रूप से बोलेंगे मत आना, क्या सार्वजनिक तौर पर…..(गालियां) करेंगे। वह अपने बेटे जयवर्धन सिंह को भी ऐसे बोलेंगे, हम क्या नौकरी कर रहे हैं कि उनकी। क्या राजनीति में …. (गालियां) कराने के लिए आए हैं। एक-एक की …. (गालियां) कर देंगे। … इस दौरान सुरजीत बीच-बीच में टोकते हैं कि यह गलत बात है और कहते हैं कि आपकी यह भाषा है तो फिर छोड़ो।
चिंटू कहते हैं कि राजू के खिलाफ कैसे बोल दिया। ऐसे कैसे बोल दिया कि जैसे हम आपके गुलाम है। हम क्या कमजोर है। जो हमारे साथ.. (गालियां) करेंगे, हम भी उनकी (गालियां) कर देंगे।
सुरजीत कहते हैं कि कोई गुलाम नहीं है सब समन्वय से काम होता है।
इस तरह कांग्रेस में दिग्गी को लेकर चला बवाल
शीतलामाता बाजार को लेकर बीजेपी और विधायक पुत्र एकलव्य गौड़ के बयान के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सीतलामाता बाजार गए। पहले तो उन्हें जाने से रोका गया और जब नहीं रूके तो उनसे शहराधय्क्ष चिंटू चौकसे सहित सभी नेताओं ने दूरी बना ली। फिर रविवार 28 सितंबर को हुई जिला स्तरीय समन्वय समिति में चिंटू ने बिना नाम लिए उन्हें खरी खोटी सुनाई। यह सब बंद कमरे में हुआ था। लेकिन चिंटू चौकसे ने इस बैठक का अपना बोलने वाला वीडियो खुद ही सोशल मीडिया पर डाल दिया।
वीडियो में यह बोलते दिखे थे चिंटू चौकसे
इंदौर शहर में किसी राष्ट्रीय या स्थानीय नेता के आने पर यह तय होना चाहिए कि शहर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कैसे और कहां होगी। हर आंदोलन या कार्यक्रम से पहले यह स्पष्ट होना चाहिए कि कार्रवाई किस स्तर पर और किस तरह की जाएगी। (इसी बीच सज्जन सिंह वर्मा भी इसे जरूरी बताते हैं)। फिर चिंटू कहते हैं- यह बहुत आवश्यक है कि इंदौर की क्या स्थिति है, कोई भी नेता आए और कहे कि यहां चलना, वहां चलना, यह करूंगा वो करूंगा।
पहले शहर कांग्रेस से संबंधित विधानसभा प्रभारी से हम चर्चा करेंगे। इसके बाद ही उसे आगे बढ़ाएंगे। ना कि मेरी इच्छा हुई कि मुझे राजबाड़ा जाना है मुझे परदेशीपुरा जाना है, तो मैं जाउंगा। हमे लोकल स्थिति समझना होगी, इस पर विचार होना चाहिए, यह गंभीर विषय है इस पर विचार होना चाहिए।
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