इंदौर में ऑडियो कांड- कांग्रेस नेता सुरजीत बोले दिग्विजय जी पिता तुल्य, चिंटू बोले- किसी के बाप के नौकर नहीं

इंदौर में कांग्रेस नेताओं के बीच एक नया विवाद सामने आया है, जिसे ऑडियो कांड कहा जा रहा है। यह ऑडियो इंदौर के पूर्व शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और वर्तमान शहराध्यक्ष चिंटू चौकसे के बीच की बातचीत है।

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Sanjay Gupta
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Indore Audio Controversy Surjeet Singh and Chintu Choukse Clash Over Digvijay Singh
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इंदौर में कांग्रेस की राजनीति में नया बवाल हो गया है। यह बवाल ऑडियो कांड के रूप में सामने आया है। यह ऑडियो तथाकथित रूप में इंदौर कांग्रेस के पूर्व शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और हाल ही में शहराध्यक्ष बनाए गए चिंटू चौकसे के बीच का है।

चौकसे 27-28 सितंबर को ही पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के दौरे से दूरी बनाने और बिना नाम लिए उन पर ताना मारने के लिए चर्चा में आ चुके हैं। यह ऑडियो भी दिग्विजय सिंह को लेकर ही है।

द सूत्र ने इस मामले में चिंटू चौकसे और सुरजीत सिंह चड्ढा दोनों से बात की और दोनों ने ही इसे फेक ऑडियो बताकर पल्ला झाड़ा है। हालांकि यह ऑडियो दिल्ली तक पहुंच गया है और इंदौर से भोपाल तक हड़कंप मच चुका है।

ऑडियो 20 दिन पुराना

यह ऑडियो करीब 20 दिन पुराना बताया जा रहा है। जब चौकसे ने विधानसभा प्रभारियों में बदलाव किया था। इसमें सुरजीत चड्ढा को विधानसभा चार से हटा दिया गया था और नकुल पाटौदी को नियुक्त किया था।

हालांकि बाद में शैलेष गर्ग को किया गया। इसी दौरान चिंटू ने तथाकथित तौर पर सुरजीत को फोन किया और इस दौरान 6 मिनट तक बात हुई।

क्या बोल रहे हैं चिंटू, दिग्गी को लेकर

इस ऑडियो में सुरजीत चड्ढा, चिंटू को समझाइश दे रहे हैं कि उन्हें समन्वय बैठक में दिग्विजय सिंह को लेकर यह नहीं बोलना था (तब चिंटू ने 28 सितंबर की बैठक में कहा था कि बिना सूचना दिए राष्ट्रीय नेता इंदौर आ जाते हैं और मनचाहे प्रोग्राम बना लेते हैं, यह नहीं चलेगा)।

सुरजीत ने इस दौरान कहा कि दिग्विजय सिंह जी पिता तुल्य हैं और बहुत बड़े और सम्मानित नेता हैं। इस पर चिंटू कहते हैं कि मैं किसी के बाप का नौकर नहीं हूं।

फिर सुरजीत बोलते हैं कि मैंने राजा साहब को बोला था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस है, वहीं बोल देंगे, शीतलामाता जाना चाहिए क्या। इस पर उन्होंने कहा कि अब नौकरियों पर भी अटैक किया जा रहा है। इस तरह तो बीजेपी रोड पर अटैक करेगी, क्यों करोगे? फिर मैं चुप हो गया।

इस पर चिंटू कहते हैं कि सभी लोगों से पहले ही हम मिल लिए थे। पटवारीजी संभागायुक्त से भी मिल लिए थे।

सुरजीत कहते हैं कि चलो आप बाजार गए या नहीं, लेकिन वह बहुत बड़े नेता हैं।

चिंटू कहते हैं कि उन्होंने कैसे बोल दिया। हम क्या बाप के नौकर हैं?

सुरजीत कहते हैं कि वह तो पिता तुल्य हैं।

चिंटू कहते हैं कि पिता तुल्य हैं तो क्या सार्वजनिक रूप से बोलेंगे, मत आना, क्या सार्वजनिक तौर पर…..(गालियां) करेंगे। नौकरी कर रहे हैं कि उनकी।

क्या राजनीति …. (गालियां) कराने के लिए आए हैं। एक-एक की …. (गालियां) कर देंगे। इस दौरान सुरजीत बीच-बीच में टोकते हैं कि यह गलत बात है और कहते हैं कि आपकी यह भाषा है तो फिर छोड़ो।

चिंटू कहते हैं कि राजू के खिलाफ कैसे बोल दिया। ऐसे कैसे बोल दिया कि जैसे हम आपके गुलाम हैं। हम क्या कमजोर हैं। जो हमारे साथ.. (गालियां) करेंगे, हम भी उनकी (गालियां) कर देंगे।

सुरजीत कहते हैं कि कोई गुलाम नहीं है। सब समन्वय से काम होता है।

इस तरह बढ़ी दोनों के बीच में तल्खी

शीतलामाता बाजार को लेकर बीजेपी और विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ के बयान के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह शीतलामाता बाजार गए।

पहले तो उन्हें जाने से रोका गया और जब नहीं रुके तो उनसे शहराध्यक्ष चिंटू चौकसे सहित सभी नेताओं ने दूरी बना ली।

फिर रविवार 28 सितंबर को हुई जिला स्तरीय समन्वय समिति में चिंटू ने बिना नाम लिए उन्हें खरी-खोटी सुनाई। यह सब बंद कमरे में हुआ था, लेकिन चिंटू चौकसे ने इस बैठक का अपना बोलने वाला वीडियो खुद ही सोशल मीडिया पर डाल दिया।

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वीडियो में यह बोलते दिखे थे चिंटू चौकसे

इंदौर शहर में कोई राष्ट्रीय नेता आए, बड़ा नेता आए, छोटा नेता आए, इंदौर के किसी इश्यू को लेकर यदि कोई चर्चा करना है। किस मूवमेंट में हमें क्या एक्शन लेना है, किस जगह लेना है, किस तरह से लेना है यह पहले तय होना चाहिए।

(इसी बीच सज्जन सिंह वर्मा भी इसे जरूरी बताते हैं)। फिर चिंटू कहते हैं- यह बहुत आवश्यक है कि इंदौर की क्या स्थिति है। कोई भी नेता आए और कहे कि यहां चलना, वहां चलना, यह करूंगा वो करूंगा। पहले शहर कांग्रेस से संबंधित विधानसभा प्रभारी से हम चर्चा करेंगे और इसके बाद ही उसे आगे बढ़ाएंगे।

 ना कि मेरी इच्छा हुई कि मुझे राजबाड़ा जाना है, मुझे परदेशीपुरा जाना है, तो मैं जाऊंगा। हमें लोकल स्थिति समझनी होगी। इस पर विचार होना चाहिए। यह गंभीर विषय है इस पर विचार होना चाहिए।

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वीडियो के साथ यह संदेश भी चिंटू ने सीधे लिखा था

संगठन के लिए आवश्यक है कि बड़े नेता हों या छोटे नेता या कार्यकर्ता अगर किसी विषय/मुद्दे पर कोई भी स्टैंड लेना है तो संगठन की सहमति लेना जरूरी है। संगठन आवश्यक है, संगठन को मजबूत करने के लिए यही हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस पटवारी और चिंटू दोनों की दिग्गी से दूरी

चिंटू को शहराध्यक्ष बनवाने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (एमपी कांग्रेस) की अहम भूमिका रही है। अब इस पूरे में पटवारी और चिंटू की राह दिग्गी से पूरी अलग दिख रही है और दूरी भी। दिग्विजय सिंह के कार्यक्रम की भनक लगते ही पटवारी और सज्जन सिंह वर्मा एक दिन पहले ही 26 सितंबर शाम को संभागायुक्त से मिल आए और यह मुद्दा उठाते हुए एकलव्य गौड़ पर केस दर्ज करने की मांग की। इसके बाद कोई भी नेता शनिवार 27 सितंबर को दिग्विजय सिंह के साथ नहीं गया। उधर चिंटू अपने करीबी मित्र राजू भदौरिया को डांट पड़ने से भी दिग्विजय सिंह से नाराज है। दिग्विजय ऑडियो कांड इंदौर

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