Akshay bam leave Congress : इंदौर सीट पर कांग्रेस के अक्षय बम ने मैदान छोड़ा, लालवानी की जीत तय

पूरी प्लानिंग इतने गोपनीय ढंग से की गई कि कांग्रेस को कानोकान खबर नहीं मिली। सूत्रों के अनुसार प्लान को एक होटल में एग्जीक्यूट किया गया। जब कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम अपना नामांकन वापस लेने के लिए राजी हो गए तो...

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एक तस्वीर कह रही है पूरी कहानी...

कैलाश विजयवर्गीय के साथ कांग्रेस के अक्षय बम

अब BJP की गाड़ी में सवारी... 

 

रविकांत दीक्षित @  भोपाल

बीजेपी ने गुजरात के सूरत जैसा खेला MP में दोहरा दिया है। इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने नामांकन वापस ले लिया है। अब बीजेपी के शंकर लालवानी की राह आसान हो गई है। इंदौर के इस घटनाक्रम की पूरी पटकथा एमपी में बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय ने लिखी। सूरत के सियासी घटनाक्रम के बाद ही उन्होंने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने सभी प्रत्याशियों से बात की और लालवानी का रास्ता साफ कर दिया।

मोहन सरकार में नगरीय आवास एवं विकास तथा संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सभी गोटियां फिट करने के बाद केंद्रीय नेतृत्व को सूचना दी। वहां से हरीझंडी मिलने के बाद प्लान को अमलीजामा पहनाया गया।

कांग्रेस को भनक तक नहीं लगी

पूरी प्लानिंग इतने गोपनीय ढंग से की गई कि कांग्रेस को कानों कान खबर नहीं मिली। सूत्रों के अनुसार प्लान को एक होटल में एग्जीक्यूट किया गया। अक्षय बम ने नामांकन वापस लेने की स्तिथि में अपने साथ अनहोनी की आशंका जताई। उनका कहना था कि कांग्रेस नेता बवाल काट देंगे। इसके बाद घटनाक्रम में विधायक रमेश मेंदोला की एंट्री हुई। अक्षय बम आश्वस्त किया गया कि ठीक होगा। इसी के साथ कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम अपना नामांकन वापस लेने के लिए राजी हो गए। अब बाकी  प्रत्याशियों से संपर्क साधकर उन्हें भी मना लिया गया। संभावना यह है कि दूसरी पार्टियों के साथ निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना नाम वापस ले लेंगे। यदि कोई रह भी जाता तो भी लालवानी की रिकॉर्ड जीत तय है

13 मई को होना है मतदान

इंदौर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए 26 प्रत्याशियों ने नामांकन फार्म जमा किए थे। जांच के बाद कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने तीन उम्मीदवारों सुनील तिवारी (निर्दलीय), रविंद्र लोखंडे (निर्दलीय) तथा मोती सिंह (इंडियन नेशनल कांग्रेस) के नामांकन निरस्त कर दिए थे। इसके बाद 23 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। आपको बता दें कि इंदौर में 13 मई को वोटिंग होना है।

पटवारी के खास हैं अक्षय

ऑपरेशन लोटस से एमपी कांग्रेस को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के खास माने जाते हैं। पटवारी की पैरवी के बाद ही अक्षय को टिकट मिला था। ऑपरेशन लोटस ने कांग्रेस के खेमे में एक बार फिर चिंता खड़ी कर दी है।

कई खेमों में बंटी कांग्रेस

इंदौर के उलटफेर के बाद जीतू पटवारी के नेतृत्व पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। द सूत्र से बातचीत में एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पटवारी के पीसीसी चीफ बनने के बाद एमपी कांग्रेस कई खेमों में बंट गई है। जीतू अपनी लाइन बड़ी करने में जुटे हैं तो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की अलग लॉबी बन गई है। एक धड़ा कमलनाथ के साथ है तो बचे हुए जमीनी नेता दिग्विजय सिंह, अजय सिंह और अरुण यादव के साथ अपनी टीम बनाए हुए हैं। 

क्या हुआ था खजुराहो में 

खजुराहो लोकसभा सीट का चुनाव दिलचस्प हो गया है। यहां से बीजेपी प्रत्याशी और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मैदान में हैं। वहीं, उनके सामने कोई दमदार प्रत्याशी नहीं है। दरअसल, यह सीट कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के खाते में दी थी, लेकिन गठबंधन कोई ऐसा प्रत्याशी खड़ा नहीं कर पाया, जो वीडी को टक्कर दे सका। इसकी बड़ी वजह समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन निरस्त हो जाना है। यहां अब कुल 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से आरबी प्रजापति को कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन ने समर्थन दिया है। पूरे चुनाव में आरबी न तो कोई रणनीति नजर आई और ना ही उल्लेखनीय प्रचार। लिहाजा, वीडी की जीत पक्की मानी जा रही है। 

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