इंदौर में SIR से कैसे निपटेगी कांग्रेस, बूथ लेवल एजेंट ही नहीं, भुगतान पर ले रहे निजी सेवा

भारत निर्वाचन आयोग के SIR पुनरीक्षण के बाद कांग्रेस परेशान है। पार्टी के पास बूथ लेवल एजेंट नहीं हैं। शहर और ग्रामीण कार्यकारिणी की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है।

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Sanjay Gupta
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Photograph: (thesootr)

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Indore. भारत निर्वाचन आयोग के SIR विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस बैचेन है। अभी तक शहर, ग्रामीण कार्यकारिणी के ठिकाने तो ही नहीं। वहीं एसआईआर में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले बूथ लेवल एजेंट (बीएलए)  ही कांग्रेस के पास नहीं है। अब कांग्रेस मतदाता सूची फिल्टर के लिए निजी सेवाएं ले रही है। 

बीएलए क्यों अहम, कांग्रेस की क्या है हालत

हर राजनीतिक पार्टी को बूथ की मतदाता सूची पर आपत्ति का अधिकार है। सुधार और अन्य काम के लिए बीएलए की नियुक्ति होती है। बीजेपी में सभी बूथ कमेटी रहती है और यहां तक इसमें बूथ के लिए बनी मतदाता बुकलेट में हर पन्ने पर दर्ज मतदाताओं पर एक पन्ना प्रभारी तक होता है। लेकिन हमेशा संगठन के लिए तरसने वाली कांग्रेस के पास बीएलए नाम पर केवल दावे हैं, नाम नहीं है। इंदौर में 2625 मतदान केंद्र है यानी इतने बीएएल चाहिए, लेकिन मुश्किल से 20-30 फीसदी बूथ ही कवर है। 

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निजी सेवाएं इस तरह से ले रही कांग्रेस

उधर कांग्रेस के पास मतदाता सूची निरीक्षण, आपत्ति लेने के तरीके आदि के नाम पर अभी कोई मजबूत ढांचा नहीं है। ऐसे में रिटायर बैंककर्मी निर्मल कासलीवाल की सेवाएं ली जा रही है।

सूत्रों के अनुसार हर विधानसबावार करीब सवा लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा। हालांकि शहर कांग्रेस से चुनाव प्रभारी संजय बाकलीवाल का कहना है कि कासलीवालजी पीसी सेठी जी के समय से चुनाव संचालन देखते हैं। वह मतदाता सूची फिल्टर का काम देख रहे हैं। इसके लिए जो आईटी टीम लगती है, उसके लिए भुगतान किया जाता है। कासलीवाल को इसके लिए भुगतान नहीं होता है, वह सेवाएं दे रहे हैं। 

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बूथ लेवल एजेंट हम बड़े नेताओं को बनाएंगे

उधर बूथ लेवल एजेंट की नियुक्ति पर कांग्रेस के बाकलीवाल का कहना है कि 60 फीसदी बूथ लेवल नियुक्त हो गए हैं। कुछ बदलाव करना है वह कर रहे हैं।  वहीं संगठन ने तय किया है कि जो नेता जिस बूथ में मतदाता है, उसे उसी बूथ का बूथ लेवल एजेंट बनाया जाए। बड़े नेताओं, विविध मोर्चा प्रभारियों व सभी को इसी तरह जिम्मेदारी दी जाएगी। इससे संगठन स्तर पर इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से लिया जाएगा। हमे उम्मीद नहीं थी कि एसआईआर इतनी जल्दी लागू हो जाएगा, लेकिन हम बीएलए नियुक्त कर लेंगे। 

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राहुल गांधी को लिखा पत्र

उधर कांग्रेस नेता राकेश यादव ने कहा कि राहुल गांधी के वोट चोर गद्दी छोड़ नारे को सार्थक करने का समय आ गा गया है। पीसीसी को इंदौर सहित प्रदेश स्तर पर 65 हजार बीएलए तत्काल नियुक्त करना चाहिए। साथ ही हर बूथ पर 10 सदस्यीय टीम बनाना चाहिए। यही समय है वोट चोरी रोक सकते हैं। जो बीएलए घोषित हो वह फोटोयुक्त सूची, मोबाइल नंबर, बूथ नंबर के साथ हो। इसके लिए राहुल गांधी जी और प्रदेश संगठन प्रभारी संजय कामले को पत्र लिखा है।

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आयोग ने ली बैठक, इंदौर में है बड़ा काम

आयोग ने वहीं एसआईआर को लेकर बुधवार को वीडियो कांग्रेसिंग के जरिए बैठक ली। इसमें इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा के साथ ही सभी चुनाव अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर ने कहा कि सभी की ट्रेनिंग हो रही है, इसे पूरी गंभीरता से करने के निर्देश है, जिससे कोई भी योग्य मतदाता नहीं छूटे और गलत नाम नहीं जुड़े। चार नवंबर से BLO (बूथ लेवल आफिसर) घर-घर जाकर सत्यापन करेगा, फार्म भरवाए जाएंगे।

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