इंदौर में गंदे पानी से 150 बीमार, 1 की मौत, कई अस्पतालों में भर्ती, शिकायतों के बाद भी नहीं जागे अधिकारी

इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने से पांच दिन में 150 से ज्यादा लोग बीमार हो गए। देर रात मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी दिल्ली का दौरा छोड़कर इंदौर लौटे और अस्पताल जाकर लोगों से मिले।

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Sanjay Gupta
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INDORE: इंदौर विधानसभा एक के भागीरथपुरा में गंदे पानी के चलते पांच दिन में 150 से ज्यादा लोग बीमार हो गए। वहीं 70 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई।सोमवार को हालत तब खराब हो गई जब एक के बाद एक रहवासी बीमार होकर अस्पतालों में पहुंचने लगे। रात होते-होते अस्पतालों में भर्ती लोगों की संख्या 34 पर पहुंच गई।

इसके बाद नगर निगम और प्रशासन सक्रिय हुआ। देर रात मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी दिल्ली दौरा छोड़कर इंदौर लौटे और सीधे लोगों से मिलने अस्पताल गए। सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी चिंता जताते हुए इसके लिए प्रशासन, निगम को सभी के उपचार की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। 

भागीरथपुरा हादसे में बुजुर्ग की मौत

भागीरथपुरा निवासी 70 वर्षीय नंदलाल पाल की दूषित पानी पीने से तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते एक सप्ताह से इलाके में लगातार लोग बीमार हो रहे थे। समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय यह बोले

मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि गंदे पानी के कारण 34 लोग भर्ती हैं। यह क्यों हुआ यह जांच का विषय है। अभी दोषारोपण की बात नहीं है, किसी ने कोई जानबूझकर नहीं किया है। सैंपल की जांच करा रहे हैं और रिपोर्ट मंगलवार को आएगी। यह कोई तकनीकी गलती है इसे देखा जा रहा है।

उपचार के लिए कोई राशि अस्पतालों द्वारा नहीं ली जाएगी। बीमार लोगों को उल्टी, दस्त, पेट दर्द और मतली की शिकायत के बाद वर्मा हॉस्पिटल, अरविंदो, शैल्बी, त्रिवेणी हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। मंत्री के साथ महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला व अन्य जनप्रतिनिधि साथ थे। 

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महापौर और निगायुक्त के यह जवाब

वहीं महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि सूचना मिलते ही निगम की टीम सक्रिय हो गई थी। सभी जगह से सैंपल लिए गए हैं। इसकी जांच की जा रही है। जिस टंकी से पानी वितरण हुआ उसकी भी जांच की गई है, लेकिन वहां ठीक मिला है।

वहीं निगमायुक्त दिलीप यादव ने कहा कि सैंपल की जांच करा रहे हैं। लोगों को पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है। हर जगह से सैंपल कलेक्ट कर गंभीरता से जांच कर वजह जानी जा रही है।

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पार्षद ने कार्यशैली पर उठाए सवाल

वहीं क्षेत्रीय पार्षद कमल वाघेला ने इस मामले में कहा कि लंबे समय से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। गंदा पानी टंकी से सप्लाई हुआ है।

इस पर निगम के इंजीनियर संजीव श्रीवास्तव ने इस बात से इनकार किया है। वहीं पार्षद का कहना है कि टंकी से पानी नहीं गया तो फिर कैसे सप्लाय हो गया। 

लोग बोल रहे लगातार कर रहे थे शिकायतें

अस्पताल में भर्ती लोगों और रहवासियों का कहना है कि लगातार इस संबंध में हम शिकायतें कर रहे थे। इसी वार्ड के जोन से पानी को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें हैं। इसके बाद भी निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की है। 

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मुख्यमंत्री ने यह दिए निर्देश

मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि सभी मरीजों का समुचित और उपचार सुनिश्चित किया जाए। इलाज में कोई कमी नहीं हो और मरीजों को आवश्यक दवाइयां, विशेषज्ञ सभी जरूरी संसाधन तुरंत उपलब्ध कराए जाएं।

जलकर 50 फीसदी बढ़ाने के बाद भी ये हाल

इंदौर नगर निगम ने इसी वित्तीय साल से जलकर में सीधे 50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। जलकर को 200 से बढ़ाकर 300 रुपए प्रति माह कर दिया गया था।

इसका खुद जनप्रतिनिधियों के बीच में भारी विरोध था और कहा था कि जब हम साफ पानी नहीं दे पा रहे थे जो फिर जलकर क्यों बढ़ाया जा रहा है। तब निगम ने आर्थिक हालात की बात कहते हुए इसे मनवा लिया। लगातार निगम परिषद में कांग्रेस गंदे पानी का मुद्धा उठाती रही है लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला।

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नेता प्रतिपक्ष भी पहुंचे अस्पताल

मंगलवार सुबह नगर निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे भी अस्पताल में पहुंचे और मरीजों से बात कही। चिंटू ने आरोप लगाए कि हम लंबे समय से गंदे पानी की शिकायत कर रहे हैं।

इसे लेकर लंबे समय से मांग उठाई जा रही है लेकिन कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है। पूरी निगम भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है।

इंदौर स्वास्थ्य विभाग | इंदौर जिला प्रशासन

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