Ida की स्कीम 171 को मुक्त करने के लिए बोर्ड का लिखित संकल्प आया सामने, यह लिखा विस्तार से

इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) की योजना 171 में सहकारी संस्थाओं की भूमि को मुक्ति मिल रही है। लेकिन निजी और सरकारी भूमि पर कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। जानें विस्तार से पूरा मामला...

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Sanjay Gupta
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इंदौर न्यूज: इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) की 8 अगस्त को हुई अहम बोर्ड बैठक के लिखित संकल्प सामने आ गए हैं। इसमें सबसे अहम था स्कीम 171 को आईडीए से मुक्ति का। इसमें हालांकि पूरी तरह से स्कीम को मुक्त करने का प्रस्ताव नहीं था, लेकिन बीच का रास्ता निकाला गया था। इस मामले में स्पष्ट रूप से लिखित संकल्प सामने आ गया है।

यह है लिखित संकल्प में-

आईडीए (Indore Development Authority) की योजना 171 के संबंध में संकल्प क्रमांक 227, तारीख 5 दिसंबर 2024 के तहत गठित समिति द्वारा आपत्तियों का परीक्षण कर दिए गए प्रतिवेदन के संबंध में।
संकल्प क्रमांक- 169, तारीख 8 अगस्त 2025- प्राधिकारी की योजना 171 के संबंध में आपत्तियों के संबंध में गठित समिति की रिपोर्ट प्राप्त हुई। इसमें विचार करने के बाद यह फैसला लिया जाता है-

  1. स्कीम 171 में शामिल कुल 151.33 हेक्टेयर भूमि में से रकबा 115.828 हेक्टेयर निजी भूमि स्वामियों की है और 35.725 हेक्टेयर सरकारी भूमि है। कुल भूधारकों की संख्या 221 है। इसमें से 13 सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं की कुल 78.443 हेक्टेयर भूमि है।
  2. प्राधिकारी बोर्ड का मत है कि योजना के तहत स्थित निजी भूमि (संस्थाओं की भूमि छोड़कर) व शासकीय भूमियों का सर्वेक्षण कराकर नियोजन किया जाना उचित होगा। इससे क्षेत्र का नियोजित विकास किया जा सकेगा और प्राधिकारी के भी हित संरक्षित रहेंगे।
  3. योजना के तहत सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं की भूमियों की वैधानिक स्थिति को संस्थावार स्पष्ट किया जाए। संस्थाओं की भूमियों को योजना से मुक्त करने के संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन भू अर्जन शाखा, नियोजन शाखा और तकनीकी शाखा से संयुक्त रूप से प्राप्त किया जाए। इसमें वैधानिक स्थिति व प्राधिकरण के हित को दृष्टिगत रखते हुए प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।

(उपरोक्तानुसार योजना क्रमांक 171 की भूमियों के संबंध में ऊपर वर्णित स्थितियों के अनुसार आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाए)

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Ida की स्कीम 171 को मुक्त करने की खबर पर एक नजर

  • इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) ने 8 अगस्त की बोर्ड बैठक में स्कीम 171 के बारे में अहम निर्णय लिया, जिसमें निजी और सरकारी भूमि को स्कीम से मुक्त नहीं किया जाएगा, केवल सहकारी संस्थाओं की भूमि को मुक्ति मिलेगी।

  • स्कीम 171 में कुल 151.33 हेक्टेयर भूमि शामिल है, जिसमें से 115.828 हेक्टेयर निजी स्वामित्व वाली भूमि और 35.725 हेक्टेयर सरकारी भूमि है। इसमें 13 सहकारी संस्थाओं की 78.443 हेक्टेयर भूमि है।

  • 13 सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं की भूमि को स्कीम से मुक्त किया जाएगा, लेकिन इससे पहले इनकी वैधानिक स्थिति पर एक और रिपोर्ट ली जाएगी।

  • संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि आईडीए केवल शासकीय और निजी भूधारकों की भूमि पर क्रियान्वयन करेगा, जबकि सोसाइटियों की भूमि पर काम नहीं होगा।

  • 13 सोसाइटियों के करीब 6000 प्लॉटधारक 30 वर्षों से प्रभावित हैं, जिनमें विभिन्न संस्थाओं जैसे देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था, इंदौर विकास गृह निर्माण संस्था आदि शामिल हैं।

इस संकल्प के क्या मायने हैं-

इस संकल्प से तय हो गया है कि इसमें से निजी भूस्वामियों की जमीन और सरकारी जमीन को स्कीम से मुक्त नहीं किया जाएगा और केवल 13 सहकारी संस्थाओं के पीड़ितों को ही इसका लाभ मिलेगा। उनकी जमीन को स्कीम से मुक्त किया जाएगा। हालांकि मुक्ति से पहले एक बार फिर इनकी जमीन की वैधानिक स्थिति को लेकर एक बार और रिपोर्ट ली जा रही है।

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संभागायुक्त ने स्कीम मुक्ति पर यह बताया था

संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा बोर्ड बैठक के बाद कहा था कि - तय किया है कि स्कीम 171 में जो सोसायटी की जमीन है, वहां पर आईडीए इम्प्लीमेंटेशन (क्रियान्वयन) नहीं करेगा। जो शासकीय व निजी भूधारकों की जमीन है, उस पर आईडीए क्रियान्वयन करेगा। इसके लिए स्कीम को शासन से मोडिफाई कराना होगा, उसके लिए प्रस्ताव भेज रहे हैं।

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13 सोसायटी में 6000 प्लॉटधारक हैं

इस स्कीम के चलते 30 सालों से प्रभावित 13 सोसायटी के करीब 6000 भूखंडधारक परेशान हैं। सोसायटी में देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था, इंदौर विकास गृह निर्माण संस्था, मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था, मारूति गृह निर्माण संस्था, सन्नी कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी, रजत गृह निर्माण संस्था, संजना गृह निर्माण संस्था, अप्सरा गृह निर्माण संस्था, न्याय विभाग कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था, श्रीकृपा गृह निर्माण सहकारी संस्था आदि हैं।

इंदौर सरकारी भूमि

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