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Photograph: (THESOOTR)
INDORE. इंदौर विकास प्राधिकरण ( IDA ) की स्कीम 171 को लेकर शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा गया। जैसा कि द सूत्र ने बताया था कि इस मामले में रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है और इसके तहत सोसायटी की जमीन मुक्त की जाएगी और निजी जमीन पर नई स्कीम लाई जाएगी। ऐसी बोर्ड बैठक में चर्चा चली और इसी तरह का स्कीम को मोडिफाइ करने का विस्तृत प्रस्ताव बनाकर आईडीए द्वारा जल्द मप्र शासन को भेजा जाएगा।
यह निकला है रास्ता
संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में यह बोर्ड बैठक हुई इसमें कलेक्टर आशीष सिंह, सीईओ आरपी अहिरवार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। इसमें तय किया गया कि सालों से आईडीए स्कीम 171 के पीड़ित परेशान है और वह राशि भी दिसंबर 2024 में पूरी भर चुके हैं तो मप्र शासन के नोटिफिकेशन के तहत इस स्कीम को अप मुक्त करना चाहिए। लेकिन निजी भू स्वामियों की जमीन को लेकर भी बात उठी।
तय किया गया कि करीब 171 हेक्टेयर की इस स्कीम में 20 हेक्टेयर सरकारी जमीन है और 38 हेक्टेयर निजी भू स्वामी की जमीन है। ऐेसे में इनस 58 हेक्टेयर जमीन पर अलग से नई स्कीम लागू की जाए और बाकी सोसायटी की जमीन को मुक्त किया जाए।
अब इस संबंध में आईडीए द्वारा जमीन का पूरा सर्वे कराकर खसरे नंबर सहित पूरा नक्शा व प्रस्ताव, इस पर होने वाला खर्च, इससे होने वाली आय इन सभी की रिपोर्ट बनाकर मप्र शासन को भेजेगा।
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नियमानुसार क्या हो सकता है
मप्र शासन के गजट नोटिफिकेशन के अनुुसार जिस स्कीम में10 फीसदी से कम विकास काम हुआ हो वह आईडीए मुक्त कर सकता है। इसके लिए प्रारूप प्रकाशन करना है और विकास में लगी राशि संस्थाओं से लेना है। इसके बाद स्कीम लैप्स हो जाएगी। इसके तहत अभी तक राशि लेने तक का काम हो चुका है और बस अब स्कीम मुक्ति/लैप्स का नोटिफिकेशन होना है।
संभागायुक्त ने स्कीम मुक्ति पर यह बताया
संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि बोर्ड ने तय किया है कि- स्कीम 171 में जो सोसायटी की जमीन है, वहां पर आईडीए इम्पलीमेंटेशन (क्रियान्वयन) नहीं करेगा जो शासकीय व निजी भूधारकों की जमीन है, उस पर आईडीए क्रियान्वयन करेगा इसके लिए स्कीम को शासन से मोडीफाइ कराना होगी, उसके लिए प्रस्ताव भेज रहे हैं।
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पूरे समय डटे रहे सैंकड़ों पीड़ित
इस स्कीम के चलते 30 सालों से प्रभावित 13 सोसायटी के करीब 6000 भूखंड धारकों ने सुबह से ही मोर्चा खोला हुआ था। वह पहले आईडीए दफ्तर गए और वहां ज्ञापन दिया और फिर सैंकड़ों की संख्या में शांति से संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे और स्कीम मुक्ति की मांग रखी। बैठक के पूरे समय वह वहां डटे रहे। बाद में आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार ने उनसे बात की आश्वस्त किया कि उचित वैधानिक प्रक्रिया की जाएगी।
13 सोसायटी व निजी की 151 हेक्टेयर जमीन है
स्कीम 171 में 13 सोसायटी के साथ 211 निजी स्वामित्व की भी कुल 151 हेक्टेयर जमीन है। इसमें शासकीय जमीन 20 हेक्टेयर और निजी भूधारकों की 38 हेक्टेयर करीब है। इसमें पीड़ितों की संख्या करीब छह हजार प्लाट धारक है।
सोसायटी में देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था, इंदौर विकास गृह निर्माण संस्था, मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था, मारूति गृह निर्माण संस्था, सन्नी को आपरेटिव हाउसिंग सोसायटी, रजत गृह निर्माण संस्था, संजना गृह निर्माण संस्था, अप्सरा गृह निर्माण संस्था, न्याय विभाग कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था, श्रीकृपा गृह निर्माण सहकारी संस्था आदि है।
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बैठक में पीएम आवस योजना को लेकर अहम फैसला...
- बोर्ड ने तय किया है कि फूटी कोठी ब्रिज की सर्विस रोड निर्माण के लिए राशि निगम को देंगे।
- सिंहस्थ को देखते हुए एमआर 10 पर 48.80 करोड़ का नया फ्लयओवर बाएंगे, जिससे एमआर 10 से उज्जैन की ओर जाने वालों को सुगम होगा।
- मास्टर प्लान की जो रोड बनाई जा रही है, उन प्रभावितों के लिए और जो भी आईडीए की विविध स्कीम और व काम है यदि इसमें किसी को हटाकर पुनर्वास करना है तो इसके लिए बोर्ड ने तय किया है कि पीएम आवास योजना में आवासा बनाएंगे। इसका प्रस्ताव शासन को भेजेंगे। आईडीए की 5000 आवास तैयार करने की योजना है।
- दिव्यांग के लिए जो सुगम्य लाइब्रेरी बनाएंगे उसके लिए कंसलटेंट नियुक्त किया गया।
- इंद्रेशवर मंदिर की डीपीआर तैयार हो गई है, जिला कमेटी में विचाराधीन है, शासन से मंजूरी होते ही काम शुरू करेंगे, राशि उपलब्ध है।
कन्वेंशन सेंटर, स्टार्टअप पर यह है अपडेट
सुपर कॉरिडोर पर पीपीपी से अहम प्रोजेक्ट है, इसमें स्टार्टअप पार्क, कन्वेंशन सेंटर है, कमर्शियल प्रोजेक्ट है। इन सभी को बोर्ड से मंजूरी के बाद शासन से भी मंजूरी मिल चुकी है।
कनवेंशन सेंटर में वन विभाग का मुद्दा था इसमें भी शासन ने मंजूरी दे दी है, इसमें भी जल्द टेंडर प्रक्रिया पर आ जाएंगे। वहीं कुमेडी के आईएसबीटी के संचालन को लेकर तीन कंपनियों ने टेंडर भरा है, इसकी स्क्रूटनी चल रही है।
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अहिल्या पथ अब मास्टर प्लान के बाद ही आएगा
अहिल्या पथ को लेकर संभागायुक्त ने बताया कि पूर्व में यह प्रस्ताव भेजा था, तब शासन ने यह कहकर वापस लौटाया था कि इस रोड के दूसरी ओर भी स्कीम को लगाया जाए। इसमें आईडीए का तर्क यह था कि दूसरी और का लैंड यूज नियम से अलाउ नहीं करता है। आईडीए ने कंसल्टेंट लगाया है जो स्टडी कर रहा है लेकिन हम भी इसमें मास्टर प्लान का इंतजार कर रहे हैं, उसके बाद इसमें आगे फैसला करेंगे।
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