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डिवाइन ज्वैलर्स के 7.34 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में सोनी परिवार बुरी तरह उलझ गया है। घोटाले में उलझे इस परिवार के सदस्य गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की कोशिश में लगे हैं। इसमें जिला कोर्ट से यह आवेदन खारिज हो चुके हैं। वहीं दो सदस्य हाईकोर्ट गए हैं। लेकिन इसी दौरान सुनवाई में कुछ ऐसा हुआ कि इंदौर एडिशनल एडवोकेट जनरल आफिस में ही जांच के आदेश हाईकोर्ट इंदौर ने दे दिए। संभवतः यह पहली बार है जब हाईकोर्ट ने एएजी आफिस को लेकर इस तरह के आदेश दिए हों।
एडिशनल DCP, ACP को बुलाया तो यह पता चला
इस घोटाले में कंचन देवी पति गौरीशंकर सोनी, नेहा सोनी पति राजेश कुमार सोनी दोनों निवासी 501 सफायर एवेन्यू 7 एमजी रोड की हाल ही में जिला कोर्ट से अग्रिम जमानत रद्द हुई। वह दोनों हाईकोर्ट पहुंचे। इस दौरान सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट ने केस डायरी बुलाई। डायरी नहीं आने पर उन्होंने तीन मार्च को एडिशनल डीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया और एसीपी क्राइम सौम्या अग्रवाल को पेश होने के आदेश दिए।
इसके बाद दोनों ने हाईकोर्ट को बताया कि वह कई दिन पहले ही केस डायरी दे चुके हैं और कोई अवमानना नहीं की गई है। इस पर हाईकोर्ट जस्टिस बीके द्विवेदी ने नाराजगी जताई और आदेश दिए कि अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय इंदौर के प्रशासनिक मामलों के अधिकारी इस मामले में जांच करें और सात दिन में रिपोर्ट पेश करें कि अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय (एएजी ऑफिस) में इस गड़बड़ी के लिए कौन जिम्मेदार है। जिससे जमानत जैसे जरूरी मामले में बाधा हो रही है।
क्या है यह बैंक लोन घोटाला?
गौरीशंकर सोनी, राजेश सोनी व जमानतदार कंचन देवी, मनोज सोनी, दिलीप कुमार सोनी, पूनम सोनी, नेहा सोनी, नीलेश सोनी द्वारा फ्रर्म बनाई गई और कर्नाटक बैंक शाखा इंदौर से 7.34 करोड़ रुपए का लोन लिया गया। डिवाइन ज्वैलर्स शॉप नंबर 210 गोल्डन प्लाजा 31-32 बड़ा सराफा इंदौर ने दिसंबर 2020 को स्टॉक स्टेटमेंट में बताया कि उनके पास 7.75 करोड़ की ज्वैलरी है। 2016-17 में बिक्री कम हुई तो 28 जनवरी 2021 को कर्नाटक बैंक हैडक्वार्टर मैंगलोर ने शक होने पर सीएम मिलिंद न्याती को डिवाइन ज्वैलर्स प्रालि का बैंक अधिकारियों के साथ ऑडिट कराने का आदेश दिया। इसमें सामने आया कि मात्र 3.35 करोड़ का ही स्टॉक स्टेटमेंट है।
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सोनी परिवार ने लोन राशि निजी उपयोग में ले ली
लोन राशि का निजी उपयोग पार्टनर ने किया। लोन राशि से 15 लोगों को 1.39 करोड़ रुपए संदिग्ध रूप से दिए गए। खाते में राशि नहीं थी फिर भी 52 लोगों को दिए गए चेक बाउंस हो गए। बैंक ने डिवाइन को दिवालिया घोषित कर दिया। शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच में पिछले साल केस किया। क्राइम ब्रांच इंदौर ने 42/2024 के तहत धारा 409, 420 औऱ 120बी में इन सभी पर केस किया।
पूनम सोनी की तरह अभी सभी को राहत
इस मामले में आरोपी पूनम पति दिलीप सोनी की पहले जिला कोर्ट से और फिर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत आवेदन खारिज हुए। हाल ही में फिर उन्हें सुप्रीम कोर्ट से यह राहत मिली। पूनम का ही हवाला देकर अन्य आरोंपियों ने भी हाईकोर्ट से मांग की है कि पूनम की तरह ही वह भी सहआरोपी हैं, तो उन्हें भी यह राहत दी जाए। इस पर सरकारी वकील ने आपत्ति ली। हालांकि केस डायरी विवाद के चलते अभी सभी को 25 मार्च तक पूनम सोनी की तरह ही कार्रवाई से राहत मिली है। आरोपियों का कहना है कि उन पर आरोप गलत हैं, लोन फर्म ने लिए थे और उनकी लोन राशि मॉर्टगेज प्रॉपर्टी से सुरक्षित है, वह सिर्फ गारंटर हैं।