इंदौर में ड्रग माफिया संरक्षण में 14 पुलिसकर्मी लाइन अटैच, विजयनगर टीआई भी रडार पर
ड्रग माफिया को संरक्षण देने वाले पुलिसकर्मियों पर पुलिस कमिश्नर ने गाज गिरा दी है। अपराध शाखा और अलग-अलग थानों के 14 पुलिस जवानों को लाइन अटैच कर दिया गया है। एक सिपाही की ड्रग माफिया से संलिप्तता मिलने पर उसे निलंबित कर दिया गया है।
इंदौर पुलिस के ड्रग माफियाओं से संबंध और उन्हें संरक्षण देने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इससे इंदौर पुलिस की बेदाग छवि खराब हो रही थी और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे थे। इस पर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने 4 मार्च 2025 को जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए पुलिस में ऑपरेशन क्लीन शुरू किया। इसकी पहली झलक में 14 ऐसे पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया गया, जिनकी कार्यशैली संदिग्ध थी और कहीं न कहीं वे ड्रग माफिया को संरक्षण देने में लिप्त पाए गए थे।
ड्रग माफिया की तलाश में मारे जा रहे छापे
ड्रग माफिया को संरक्षण देने वाले पुलिसकर्मियों पर पुलिस कमिश्नर ने गाज गिरा दी है। अपराध शाखा और अलग-अलग थानों के 14 पुलिस जवानों को लाइन अटैच कर दिया गया है। एक सिपाही की ड्रग माफिया से संलिप्तता मिलने पर उसे निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच आजाद नगर एसीपी को सौंपी गई है। 10 से ज्यादा पुलिस जवान अभी भी रडार पर हैं। वहीं, रिश्वत देकर थाने से छूटे ड्रग माफिया की तलाश में कई जगहों पर छापे मारे जा रहे हैं।
पुलिस कमिश्नर द्वारा जिन 14 पुलिस जवानों को लाइन अटैच किया गया है, उन पर गंभीर आरोप लगे हैं। असल में, न केवल वे ड्रग तस्करों को संरक्षण देते पाए गए, बल्कि वे पुलिस अफसरों के निर्देशों का भी पालन नहीं कर रहे थे। बताया गया है कि अपराध शाखा के सिपाही प्रमोद तोमर को सस्पेंड कर दिया गया है। उसका राजस्थान के तस्करों से कनेक्शन मिला है।
पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने ऑपरेशन क्लीन के तहत जिन 14 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया, उनमें सबसे ज्यादा अपराध शाखा के 6 पुलिस जवान हैं। इसके अलावा, जूनी इंदौर, संयोगितागंज, खजराना, सदर बाजार, गांधीनगर, राऊ और विजय नगर थाने के पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। वहीं, एडीशनल सीपी लॉ एंड ऑर्डर अमित सिंह का कहना है कि जिन दो टीआई के नाम आजाद नगर वाले मामले में आए हैं, उनकी अभी जांच की जा रही है। जो नाम सामने आ रहे हैं, उन्हें वेरिफाई किया जाएगा और उसके बाद ही कार्रवाई होगी।
इसमें देखें किस थाने के सिपाही हुए लाइन अटैच
जेल भेजा गया आरोपी लखन
तेजाजी नगर पुलिस ने मंगलवार दोपहर को ड्रग तस्करों को संरक्षण देने के मामले में आरोपी सिपाही लखन गुप्ता को कोर्ट में पेश कर दिया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने अब उन तस्करों की तलाश शुरू कर दी है, जो रुपये देकर थाने से छूटे थे। एक तस्कर भुरू बैंड को भी हिरासत में लिया गया है।
ड्रग माफिया से वसूली के दायरे में अब 10 पुलिस जवानों के साथ ही विजयनगर थाने के टीआई सी. के. पटेल भी आ गए हैं। पुलिसकर्मी विजयनगर क्षेत्र की होटलों में आरोपियों को बंधक बनाकर रखते थे। सूत्रों के मुताबिक, विजयनगर थाने के टीआई सी. के. पटेल ने पिछले दिनों श्रीनगर कांकड़ से अजहर पन्नी को एमडी ड्रग के साथ पकड़ा था। पन्नी ने यह ड्रग बड़ौद के ड्रग माफिया राजा से लेकर आने की बात बताई थी। सिपाहियों ने राजा को हिरासत में लिया और आरोप है कि उन्होंने राजा को तीन दिन तक विजयनगर क्षेत्र की होटल में बंधक बनाकर रखा था।
अपराध शाखा के सिपाही प्रमोद सिंह ने इसमें मध्यस्थता की और लाखों रुपये लेकर उसे छोड़ दिया। इस मामले में सिपाही मुकेश, प्रमोद, लोकेश और राधे की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। यह वही टीआई पटेल हैं, जिनकी थाने की पुलिस ने महाशिवरात्रि पर भजन बंद करवा दिए थे, जबकि वहीं देर रात तक बार-पब चलते रहे। इसे लेकर हिंदू संगठनों ने जमकर हंगामा किया था और बार-पब के बाहर भजन गाए थे।
सूत्रों के मुताबिक, विजयनगर पुलिस ने कुछ दिन पूर्व शाहरुख के पैडलर को भी हिरासत में लिया था। सिपाही लोकेन्द्र ने उसे ऑटो रिक्शा में घुमाया और बिना कोई कार्रवाई किए छोड़ दिया। इसी तरह भोला और उसके भाई से भी लेन-देन किया गया। सभी मामलों की जांच करवाई जा रही है। इससे पहले लखन गुप्ता कांड में भी दो टीआई की भूमिका की जांच की जा रही है, जिनमें से एक जिले में ही पदस्थ है, जबकि दूसरा जिले के बाहर है।