खाकी का मान नहीं रखने की कीमत 5000 रुपए, DCP ने द्वारकापुरी TI सप्रे पर लगाया जुर्माना

इंदौर में द्वारकापुरी थाना प्रभारी आशीष सप्रे के खिलाफ कार्रवाई की गई है। डीसीपी ऋषिकेश मीना ने उनकी कार्यप्रणाली और कार्यक्षमता में खामी मानते हुए 5 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है। जानें क्यों हुई कार्रवाई...

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Sanjay gupta
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Indore Dwarkapuri police station incharge Ashish Sapre fined

द्वारकापुरी पुलिस थाना इंदौर। Photograph: (the sootr)

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INDORE. खाकी का मान नहीं रखने वाले द्वारकापुरी थाना प्रभारी आशीष सप्रे खिलाफ आखिरकार सीपी संतोष सिंह की पुलिस ने सख्ती दिखाई। उनकी कार्यप्रणाली व कार्यक्षमता में खामी मानते हुए डीसीपी ऋषिकेश मीना ने उन पर पांच हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है। टीआई साहब ने चायनीज मांझे से हुई 20 साल के युवक की मौत को लेकर कार्रवाई में लापरवाही की थी। पहले भी टीआई की गलत कार्यप्रणाली सामने आ चुकी है। वहीं थाने के एचसीएम प्रताप पटेल और सउनि कमलेश डाबर पर लापरवाही के लिए एक-एक हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। कुल मिलाकर गंभीर मामले में अर्थदंड लगाकर इतिश्री कर ली है, यानी खाकी का मान नहीं रखने की कीमत टीआई के लिए पांच हजार रुपए और अधीनस्थ के लिए एक-एक हजार रुपए है।

टीआई के लिए आदेश में यह लिखा

टीआई सप्रे को लेकर डीसीपी डॉ. मीना की रिपोर्ट में लिखा है कि गंभीर प्रकृति की घटना संज्ञान में आने पर भी अधीनस्थों द्वारा टीआई को इसकी जानकारी नहीं देना बताता है कि टीआई सप्रे का अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं है और परस्पर संवाद की कमी है। इसके पहले भी टीआई द्वारा थाने पर आने वाले फरियादी, सूचनाकर्ता को इसी प्रकार संवादहीनता की कमी से टाला गया। इनके इस असंवेदनशील बर्ताव की वजह से बीते 15 दिनो में थाना क्षेत्र में दो बार चक्काजाम की स्थिति व कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई। जो ना केवल पुलिस की छवि को धूमिल करती है बल्कि टीआई की कार्यप्रणाली व कार्यक्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। उनके द्वारा पदीय कर्त्तव्य में लापरवाही बरती गई है।

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अधीनस्थों के लिए आदेश में यह लिखा

वहीं डीसीपी ने द्वारकापुरी थाने के एचसीएम प्रताप पटेल व सउनि कमलेश डाबर के खिलाफ एक-एक हजार अर्थदंड का आदेश दिया है। इनकी कमी पाई गई कि गंभीर मामले में भी मौके पर जाकर तस्दीक नहीं की गई। जबकि सूचना पाई गई थी कि घटना गोपुर चौराहे से फूटी कोठी के बीच हुई है और युवक की मौत हुई है। इनके द्वारा काम में लापरवाही बरती गई।

Indore Dwarkapuri police station

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इस तरह था टीआई साहब का व्यवहार

घटना के बाद परिजन हिमांशु के खून के सने कपड़े लेकर केस दर्ज कराने के लिए चंदननगर थाने गए। वहां से उन्हें अन्नपूर्णा थाना जाने के लिए बोल दिया गया। वहां गए तो वहां से उन्हें कहा गया यह घटनास्थल तो द्वारकापुरी में आता है और इसके बाद जब परिजन गुस्सा हुए और हंगामा हुआ तब द्वारकापुरी थाने में यह केस अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुआ।

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मांझे को लेकर ही बहस करती रही पुलिस

उधर, द्वारकापुरी टीआई आशीष सप्रे तो पहले परिजनों से ही बहस करते रहे कि यह चाइनीज मांझा नहीं था। वह कह रह थे कि जिस मांझे से हिमांशु की मौत हुई वह सामान्य पतंग की डोर थी। सादी डोर से गला कटने का केस करने पर परिजनों ने हंगामा किया और वहीं थाने पर ही शव रखकर प्रदर्शन किया। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात पर बीएनएस की धारा 206 में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया।

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