INDORE. बिजली कंपनी की बिजली चोरी पकड़ने वाली विजिलेंस टीम ही वसूली के आरोपों में कठघरे में आ गई। इस मामले में इंजीनियर सस्पेंड हुआ है और बाकी टीम के चार अन्य पर भी कार्रवाई हुई है। मामला चोरी का केस बनाने के नाम पर धमकाने का है। जिसमें 73 हजार रुपए टीम ले चुकी थी और फिर ड्राइवर को दो हजार रुपए लेने और भेजा था, जिसमें धरा गए।
यह है मामला
विजयनगर थाने के पास स्थित होटल ए फाइव पर बिजली चोरी का केस बनाने के नाम पर विजिलेंस टीम के इंजीनियर विकास सिंह, मास्टरकर्मी लाइनमैन जुनैद, अंकित और मोहन अवैध वसूली के लिए पहुंचे थे। होटल मालिक अजय राठौर से मौके पर दबाव बनाकर 73 हजार रुपए लेकर टीम चली गई। बाद में होटल मालिक को शंका हुई, क्योंकि बिल नियमित भरा जा रहा था।
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फिर इस तरह दो हजार में पकड़ाया
होटल मालिक से पहले टीम ने 1.5 लाख मांगे थे, लेकिन फिर डील 75 हजार में हुई इसमें से गुरूवार को 73 हजार रुपए की राशि दे दी। लेकिन उन्हें शंका हुई क्योंकि होटल का बिल नियमित भरा जा रहा था। इस पर उन्होंने बिजली का बिल सत्यसांई जोन के सहायक इंजीनियर को भेजा और चेक कराया तो पता चला कि कोई सर्चिंग टीम नहीं गई है। सीसीटीवी फुटेज देखे तो पता चला कि विजिलेंस टीम ही आई थी, लेकिन चोरी का केस बनाने की जगह धमकाया और वसूली कर चली गई। शुक्रवार को विजिलेंस विंग की सरकारी गाड़ी लेकर ड्राइवर मोहन दो हजार रुपए लेने पहुंचा। होटल मालिक पहले ही इस मामले में पुलिस को शिकायत कर चुका था। क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि होटल मालिक की शिकायत पर ड्राइवर को मौके से पकड़ा है।
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बिजली कंपनी में मचा हड़कंप
पश्चिम विद्धुत वितरण कंपनी विजिलेंस विभाग की टीम के कर्मचारी को अवैध वसूली में पकड़ने की खबर के बाद मंडल में हड़कंप मच गया है। इंजीनियर विकास सिंह को निलंबित किया गया। मोहम्मद जुनैद रंगज़ेद को दोषी पाने पर कंपनी के कार्य से हटाया गया है। अन्य को बर्खास्त करने के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारी कामेश श्रीवास्तव ने पत्र लिखा है।
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