इंदौर का गैंगस्टर हेमंत यादव कोर्ट में हुआ सरेंडर, जेल भेजा, शराब कारोबारी की कनपटी पर लगाई थी पिस्टल
परदेशीपुरा के कुख्यात गैंगस्टर यादव पर साल 2000 में अवैध हथियार मामले में पांच साल की सजा हुई थी। इसके बाद वह बीमारी के सर्टिफिकेट पर कोर्ट से जमानत मिलती रही।
इंदौर का गैंगस्टर और नामी गुंडा हेमंत यादव ने बुधवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उसके कोर्ट में सरेंडर करने के बाद उसका वारंट काट दिया है। साथ ही तुकोगंज पुलिस को बुलाया गया है, जो कि हेमंत का मेडिकल करवा कर जेल छोड़कर आएगी। हेमंत के सरेंडर को लेकर 'द सूत्र’ ने मंगलवार को ही खबर प्रकाशित कर दी थी और उसमें खुलासा भी कर दिया था कि वह कोर्ट में सरेंडर करने वाला है और बुधवार को कोर्ट में ही सरेंडर करेगा। असल में हेमंत पहले मंगलवार शाम को कोर्ट में पेश होने वाला था, लेकिन केस की जुड़ी फाइल कोर्ट में नहीं होने से अब उसने बुधवार सुबह कोर्ट में सरेंडर किया है। हाल ही में यादव पर शराब कारोबारी राजकुमार तिवारी को कार में बैठाकर अपहरण करने और कनपटी पर पिस्टल लगाकर धमकाने के मामले में केस दर्ज हुआ था।
परदेशीपुरा के कुख्यात गैंगस्टर यादव पर साल 2000 में अवैध हथियार मामले में पांच साल की सजा हुई थी। इसके बाद वह बीमारी के सर्टिफिकेट पर कोर्ट से जमानत मिलती रही। एक बार फिर उसने अस्थाई जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन किया। इस पर शराब ठेकेदार राजकुमार तिवारी ने अधिवक्ता के जरिए आपत्ति ली और कोर्ट को बताया कि हेमंत यादव बार-बार जमानत लेकर अपराध कर रहा है। कोर्ट ने इसके बाद याचिका निरस्त कर दी और जिला कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए।
गुंडे हेमंत यादव के खिलाफ शराब कारोबारी राजकुमार तिवारी ने जूनी इंदौर था में केस दर्ज कराया था। इसमें बताया कि यादव हथियारबंद साथियों के साथ कार में बैठाकर मुझे ले गया। वह अपने ड्राइवर रितेश ठाकुर के साथ राजवाड़ा पर बैंक की गारंटी बनवाने गया था, तभी बैंक से बाहर आने पर एक युवक ने कहा कि काले रंग की कार में आपके परिचित बुला रहे हैं, मैं वहां गया तो धक्का देकर कार में बैठा लिया। कार में हेमंत यादव था। वह धमका रहा था कि यदि शराब का कारोबार करना है तो मुझे पार्टनर बनाना होगा। मैंने इस पर इंकार किया तो हथियारों के दम पर धमकाया। कनपटी पर पिस्टल रख दी और मारा। गुंडा यादव यहीं नहीं रूका वह फिर एक वकील के पास भी ले गया और पार्टनर बनाने के लिए दस्तावेज तैयार कराने लगा। बाद में हाईकोर्ट के सामने उतार कर चला गया।
उधर यह भी बात सामने आई है कि तिवारी और यादव का शराब दुकान को लेकर समझौता हुआ था और इसमें यादव ने करीब 25 लाख तिवारी को दिए थे। ठेका मिलने के बाद औपचारिका पार्टनरशिप की बात थी और ठेका दिलाने में भी यादव ने तिवारी की मदद की थी। लेकिन ठेका मिलने के बाद तिवारी बदल गया। इसके बाद दोनों के बीच विवाद बढ़ गया और इसी के चलते यादव ने उसे कार में बैठाकर पहले समझाइश दी और नहीं माना तो पीटा और कनपटी पर पिस्टल अड़ा दी थी।
बिल्डर अनिल डोसी की कनपटी पर भी हेमंत यादव् द्वारा पिस्टल अड़ाने की शिकायत हुई थी। इसमें भी मामला यही आया था कि जमीन को लेकर डोसी और यादव के बीच पहले समझौता हुआ, लेकिन बाद में मामला डोसी ने अपने पाले में कर लिया और यादव कतो बाहर कर दिया गया, इसके बाद यादव ने डोसी के दफ्तर में जाकर कनपटी पर पिस्टल अडाई थी।