इंदौर गुरूसिंघ सभा चुनाव उलझे, सहजधारी सिख पहुंचे हाईकोर्ट

सहजधारी सिख को मतदाता सुची में शामिल नहीं किया गया है, चुनाव के पहले अभी तक मतदाता सूची भी जारी नहीं हुई है। इसे लेकर महेंद्र सिंह सलूजा, अंकित सिंह सलूजा, अमरजीत सिंह सलूजा, परमजीत कौर सलूजा, सन्नी सलूजा ने याचिका दायर की है।

Advertisment
author-image
Pooja Kumari
New Update
Indore Gurusingh
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश (madhyapradesh) के इंदौर गुरूसिंघ सभा के 12 साल बाद हो रहे चुनाव उलझ गए हैं। सहजधारी सिख को सदस्य नहीं बनाने का मुद्दा हाईकोर्ट इंदौर पहुंच गया है। इस मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और सुनवाई सात फरवरी को फिर होगी। इधर मामला कानूनी होने के बाद चुनाव अधिकारियों ने नाम वापसी की अंतिम तारीख 6 फरवरी से बढ़ाकर सात फरवरी की शाम चार बजे तक कर दिया है। हाईकोर्ट ने इस तरह मतदाता सूची बिना फाइनल के चुनाव कार्यक्रम इतने कम समय का घोषित करने पर आश्चर्य जताया तो साथ ही याचिकाकर्ता के ऐनवक्त पर याचिका दायर करने पर भी हैरानी जताते हुए पूछा कि उन्हें क्या भरोसा नहीं था कि चुनाव होंगे, वह इतनी देर से क्यों आए? हाईकोर्ट ने असिस्टेंट रजिस्ट्रार को भी कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है। 

https://thesootr.com/state/indore-gurusingh-sabha-elections-held-high-profile-bobby-rinku-and-monu-in-fray-for-post-of-pradhan/52639

इस मुद्दे को लेकर यह गए हाईकोर्ट


सहजधारी सिख को मतदाता सुची में शामिल नहीं किया गया है, चुनाव के पहले अभी तक मतदाता सूची भी जारी नहीं हुई है। इसे लेकर महेंद्र सिंह सलूजा, अंकित सिंह सलूजा, अमरजीत सिंह सलूजा, परमजीत कौर सलूजा, सन्नी सलूजा ने याचिका दायर की है और इसमें गुरूसिंघ सभा इंदौर, रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी, चुनाव अधिकारी को पक्षकार बनाया है। 

फर्म्स एंड सोसायटी ने भी दिया था नोटिस


इस मुद्दे को लेकर कुछ दिन पहले ही असिस्टें रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी ने भी गुरूसिंघ सभा और मुख्य चुनाव अधिकारी को नोटिस देकर सहजधारी सिख मामले में जवाब मांगा था। साथ ही चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति कैसे हुई? इसकी जानकारी मांगी ती और चुनाव नियमों के अनुसार ही कराने के आदेश भी दिए थे। लेकिन इसके बाद भी इस मामले में कुछ नहीं होने के चलते मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। 

कौन है सहजधारी सिख


जो कैश धारण नहीं करते हैं, लेकिन जो तंबाकू, गुटखा आदि का सेवन नहीं करें। जिसने सिख धर्म का मार्ग चुना है। एक सहजधारी सिख धर्म के सभी सिद्धांतों और सिख गुरुओं की शिक्षाओं में विश्वास करता है, लेकिन सिख धर्म के पांच प्रतीकों को सजा सकता है या नहीं भी।

गुरूसिंघ सभा के चुनाव को लेकर सहजधारी सिक्खों में नाराजगी, वोटिंग से किया वंचित, मोनू भाटिया की साजिश का खुलासा

madhyapradesh