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Photograph: (THESOOTR)
INDORE. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश में SIR के तहत मतदाता सूची की जांच चल रही है। इस SIR के खिलाफ हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर हो गई है। इसमें मप्र शासन, चुनाव आयोग के साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी, सहायक निर्वाचन अधिकारियों को पक्षकार बनाया गया है। याचिका कांग्रेस के पूर्व पार्षद दिलीप कौशल द्वारा लगाई गई है।
याचिका में इन बातों को उठाया गया है
पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने अभिभाषक विभोर खंडेलवाल एवं अभिभाषक जयेश गुरनानी के मध्यम से उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में याचिका दायर की है। इसमें मुख्य रूप से मध्यप्रदेश निर्वाचन नियम 1994 के उपनियमों को त्रुटीपूर्ण बताया है। इसमें कहा गया है कि पुनिरिक्षण कार्यक्रम के दौरान जुड़ने- घटाने वाले मतदाताओं के आवेदनों को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
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हजारों मकान नंबर 0 होने पर आपत्ति
साथ ही इसमें केवल इंदौर नगर निगम क्षेत्र में भवन क्रमांक "0" पर हजारों मतदाताओं के नाम होने की बात कही गई है। इन आधारों पर मतदाता-सूची पुनिरिक्षण कार्यक्रम यानी SIR निरस्त करने की मांग की है। याचिका की सुनवाई उच्च न्यायालय कि युगलपीठ जस्टिस विजय कुमार शुक्ला एवं जस्टिस बिनोद कुमार द्रिवेदी द्वारा कर रहे हैं।
याचिका में उल्लेखित तथ्यों से सहमत होकर मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग ( Madhya Pradesh Election Commission), मध्यप्रदेश सरकार नगरीय प्रसाशन विभाग, इंदौर कलेक्टर और इंदौर के सभी विधानसभा क्षेत्रों के रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को आगामी सुनवाई दिनांक 26-11-25 को जवाब देने का कहा है।
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याचिका में यह भी कहा गया है
याचिकाकर्ता कौशल ने बताया वह वर्ष 2020 से निरंतर मतदाता-सूची से सम्बंधित कार्य हो रहे हैं। नागरिक आपत्तियां नहीं दे पाए हैं, जिसकी सुनवाई नहीं करते हुए सीधे मतदाता सूची में संशोधन करना वोट-चोरी के प्रबल प्रमाण है।
वही इंदौर की मतदाता-सूची में हजारों मतदाताओं का पता भवन क्रमांक "0" दर्शाया है जिसकी आपत्ति के बाद भी सुधर नहीं किया गया है। तथा भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के विपरीत 1761 मतदान केंडो पर मतदातों की संख्या 1200 के अनुपात में नहीं है।
लगभग 475 मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की संख्या 500 से भी कम है। विधानसभा 5 अंतर्गत ब्रजेश्वरी वार्ड 50 का मतदान केंद्र क्रमांक 34 में तो मात्र 40 ही वोट है, जिसके साथ-साथ बनाए गए BLO भी योग्यता अनुसार नहीं है।
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