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INDORE. इंदौर में सोने के बंगले से चर्चित हुए अनूप अग्रवाल की हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के शेयर धड़ाम हो चुके हैं। इस कंपनी का जब आईपीओ खुला था, तब यह इंदौर और एमपी में सबसे ज्यादा ओवर सब्सक्राइब होने वाला शेयर बना था। वह भी 316 गुना अधिक सब्सक्राइब हुआ था।
निवेशक को पहले दिन ही इस शेयर ने 70 प्रतिशत रिटर्न दिया था। वहीं अब तीन माह में ही ये शेयर धड़ाम हो चुका है। वह निवेशक जिन्होंने ऊंची कीमत में यह शेयर खरीद लिया था, वह भारी घाटे में हैं।
जब आईपीओ आया तब क्या हाल थे
यह शेयर 12 अगस्त को शेयर बाजार में लिस्ट हुआ था। इसकी कीमत 65-70 रुपए रखी गई थी। यह 316 गुना अधिक ओवर सब्सक्राइब हुआ था। यानी इसकी मार्केट में मांग अधिक थी और शेयर कम थे।
जब यह लिस्ट हुआ, तब पहले ही दिन यह 117 रुपए पर आया था। यह तय कीमत 70 रुपए से 47 रुपए ज्यादा था। यानी शेयर निवेशकों की बल्ले-बल्ले हो गई थी।
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फिर यह गया 135 रुपए तक
यह शेयर तेजी से छलांग मारने लगा था। ऐसे में यह 14 अगस्त को ही अभी तक के उच्चतम स्तर पर 134.89 रुपए प्रति शेयर पर पहुंच गया था। इसके बाद से ही यह शेयर लगातार नीचे आता रहा है। अब इसकी कीमत 68.50 रुपए प्रति शेयर पर आ चुकी है। यानी शेयर की जो मूल कीमत थी 70 रुपए, वह अब उससे भी नीचे आ चुकी है।
कंपनी का मार्केट कैप 376 करोड़ घट गया
जब कंपनी के शेयर की अधिकतम कीमत करीब 135 रुपए प्रति शेयर थी, तब कंपनी का मार्केट कैप 866 करोड़ रुपए से अधिक था। वहीं, अब जब शेयर 68.50 रुपए प्रति शेयर के करीब है, तो इसका मार्केट कैप घटकर 492 करोड़ रुपए के करीब आ चुका है। यानी मार्केट कैप में 376 करोड़ रुपए की कमी हुई है। ऐसे में इस कंपनी के ऊंची कीमत पर शेयर लेने वाले निवेशक फिलहाल भारी घाटे में हैं।
कंपनी में किस पद पर कौन
कंपनी के एमडी अरुण कुमार जैन हैं। वहीं होलटाइम डायरेक्टर व सीएफओ अनूप अग्रवाल हैं। इसके साथ ही रिद्दार्थ जैन डायरेक्टर हैं। इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स के तौर पर रितिका अग्रवाल, ओमप्रकाश श्रीवास्तव और उज्जवल कुमार घोष हैं। मैनेजमेंट टीम में सीईओ अंकित टंडन, ज्वाइंट सीईओ सौरभ मित्तल, सीएस पलक राठौर और ग्रुप कॉर्पोरेट लीगल ऑफिसर खुशबू पलोड़ हैं। (कंपनी की वेबसाइट के अनुसार)
कंपनी की यह है बैलेंस शीट
कंपनी की बैलेंस शीट के अनुसार साल 2024-25 में कुल आय 504 करोड़ रुपए थी। इसमें टैक्स के बाद नेट प्रॉफिट 22.40 करोड़ रुपए था। कंपनी का नेटवर्थ 118 करोड़ रुपए था। वहीं साल 2023-24 में कुल आय 577 करोड़ रुपए थी। साथ ही, प्रॉफिट टैक्स के बाद 21.41 करोड़ रुपए था। नेटवर्थ 100 करोड़ रुपए थी।
गोल्डन हाउस से विवादों में आए थे अग्रवाल
कंपनी के अनूप अग्रवाल जुलाई माह में चर्चा में आए थे। इसका कारण एक यूट्यूबर को अपने बंगले और उसमें सोने का काम, लग्जरी कारें दिखाना था। उन्होंने अपने गोल्डन हाउस को लेकर कहा था कि वह सरकारी ठेके में आए और इसके बाद उनकी तरक्की हुई थी।
इस वीडियो के बाद चर्चित उद्योगपति हर्ष गोयनका ने कहा था कि गोल्ड सीलिंग, गार्निश गोल्ड, स्टैच्यू, गोल्ड सॉकेट, कारों का बड़ा कलेक्शन। इस सबकी मोरल ऑफ द स्टोरी यह है कि स्टार्टअप भूल जाओ, इंदौर में सरकारी ठेकेदार बनो।
कंपनी ने मुख्य ठेके IDA, NHAI से लिए हुए
अग्रवाल ने अपने सोने के घर को दिखाते हुए कहा था, हमारे पास सिर्फ एक पेट्रोल पंप था। 25 लोगों का परिवार था। मुझे लगा कि इससे सर्वाइवल मुश्किल होगा, तो मैंने सरकारी ठेकेदारी शुरू की। सड़कें, पुल, इमारतें बनाईं। अब 300 कमरों वाला होटल बना रहे हैं। यही मेरी विकास यात्रा है।
वहीं कंपनी के काम को देखें तो मुख्य ठेके आईडीए, एनएचआईए से लिए हुए हैं। साथ ही, कंपनी टोल से कमाई करती है। वह मास्टर प्लान की रोड भी बना रहा है, खासकर एमआर 11 की एबी रोड देवास नाका से बायपास रोड।
यह है गोल्डन हाउस का पूरा मामला
उद्योगपति अनूप अग्रवाल के घर का एक वीडियो क्रिएटर प्रियम सारस्वत ने अपलोड किया था। वीडियो की शुरुआत में प्रियम, घर के मालिक अनूप अग्रवाल और उनकी पत्नी से पर्मिशन लेकर अंदर घुसता हैं।
जैसे ही वे बंगले में आते हैं, वे 1936 मॉडल की मर्सिडीज और लग्ज़री कारों की लाइन देखकर हैरान हो जाते हैं। घर में घुसते ही हर कोने में सोने की चमक दिखने लगती है। प्रियम जब कहते हैं, मुझे चारों ओर सोना दिख रहा है। ऐसे में अनूप अग्रवाल मुस्कराते हुए कहते हैं, यह सब असली 24 कैरेट सोना है।
सोने के सॉकेट और सजावटी झूमर
बंगले के अंदर 10 बड़े-बड़े बेडरूम, सुंदर झूमर और महंगे इंटीरियर्स हैं। हर कोने में सोने की परत दिखती है। यहां तक कि दीवारों में लगे बिजली के सॉकेट भी सोने से बने हैं। यह देखकर दर्शक और क्रिएटर दोनों हैरान हो जाते हैं। प्रियम हैरानी से कहते हैं, सॉकेट भी गोल्ड के? यह अविश्वसनीय है!
विवाद हुआ तो वीडियो डिलीट कराया, नोटिस दिया
बाद में इस वीडियो को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया था। अग्रवाल को लोगों ने समझाइश दी कि आईटी, ईडी जैसी एजेंसियों के निशाने पर आ सकते हैं। इसके बाद उन्होंने प्रियम को लीगल नोटिस दिया गया था। उनके वीडियो को झूठा बताया, बाद में प्रियम ने भी वीडियो डिलीट कर दिया था।
बाद में अग्रवाल ने दी सफाई
हम एक संयुक्त परिवार हैं, जो सादगी और आध्यात्मिकता से जीते हैं। हमारी बातचीत का मुख्य हिस्सा सस्ते मकान बनाने और गौ सेवा पर था। अफसोस की बात है कि वीडियो का वर्तमान रूप सनसनीखेज और एकतरफा है। इसने लोगों में गलतफहमी और अनावश्यक ध्यान पैदा किया है।
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