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Photograph: (the sootr)
INDORE. इंदौर में वाहन चालकों को चौराहों पर छांव देने के नाम पर लगाए गए हुए होर्डिंग्स घोटाले पर द सूत्र द्वारा लगातार मुद्दा उठाने के बाद आखिरकार नगर निगम ने सभी होर्डिंग्स लगाने वालों को बुलाकर संयुक्त बैठक की। इसमें महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ ही निगमायुक्त शिवम वर्मा व अन्य अधिकारियों के साथ मानव कल्याण संगठन के सदस्य व अन्य उपस्थित थे। जो कमियां द सूत्र ने बताई थी उन्हीं पर बैठक हुई और यह तय हुआ।
यह हुआ तय
1- बड़े-ब़डे विज्ञापन लगे हैं, इस पर क्या होगा
तय- यह हटेंगे, इन होर्डिंग्स में जो संगठन सौजन्य से यह काम कर रहा है, केवल उनका नाम रहेगा और इसकी भी एक जगह एक पट्टी अलग तय होगी। इसमें विज्ञापन नहीं होंगे।
2- स्ट्रक्चर की मजबूती का क्या होगा
तय- इसकी जांच होगी, निगम का इंजीनियर इसे देखेगा, साथ ही एक पांच सदस्यीय कमेटी रहेगी, इसमें निगम के अधिकारी, इंजीनियर के साथ मानव कल्याण संगठन के विनी बड़जात्या व अन्य होंगे। जो सभी मुद्दे को समझकर नियमों के तहत आगे बढ़ेगी
3- ट्रैफिक को लेकर क्या स्थिति होगी
तय- कमेटी ही देखेगी कि स्ट्रक्चर इस तरह से होकि ट्रैफिक प्रभावित नहीं हो. यह स्ट्रक्चर लगने से रोड की चौड़ाई प्रभावित नहीं हो।
बैठक के बाद बोले महापौर- होर्डिंग्स ठीक करेंगे
महापौर ने कहा कि - जनहित में मानव कल्याण संस्था, उनके साथ तीन-चार शेड़ बनाकर सेवा की दृष्टि से यह काम आगे बढ़ाया था. संयुक्त बैठक में तय हुआ यह काम सौजन्य से हो, विज्ञापन के आधार पर नहीं हों, यह बात पहले भी हुई थी जहां लगे हैं, वहां ठीक करेंगे। उसका इन्फ्रास्ट्रक्चर, ट्रैफिक की दृष्टि से सही हो इसके लिए कमेटी बनाई है। कहां स्ट्रक्चर लगेगा, कैसे लगेगा, कितना सौजन्य से विज्ञापन होगा, यह तय होगी। लेकिन जनता को इससे सुविधा मिल रही है, सेवा हो रही है, लाभ हो रहा है, इसे आगे बढ़ाएंगे। निगमायुकत् ने भी विज्ञापन हटाने की बात कही थी, वही बात हमने बैठक में भी हुई और सहमति बनी।
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निगमायुक्त शिवम वर्मा बोले- विज्ञापन नहीं होंगे
निगमायुक्त ने कहा कि महापौरजी की अध्यक्षता में बैठक हुई और यही तय हुआ कि नियमों का पालन करते हुए काम करें और जो भी स्ट्रक्चर लग रहे हैं उसकी मजबूती रहे, ताकि किसी भी अनहोनी घटना से बचा जा सके। साथ ही लगने से रोड की चौड़ाई प्रभावित नहीं हो, ट्रैफिक में समस्या नहीं आए। अच्छी पहल है, वाहन चालकों को राहत मिलेगी और पूरी तरह जनसेवा का काम है। विज्ञापन को लेकर साफ तय किया है कि एक पट्टी तय रहेगी और उसका पालन करना होगा, विज्ञापन मान्य नहीं करेंगे, केवल जो शहरहित में काम कर रहा है उसका नाम लिख सकेंगे, बाकी विज्ञापन नहीं होंगे।
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मानव कल्याण संगठन के प्रतिनिधि क्या बोले
पलासिया चौराहे पर डोम बनाने वाले विनी बड़जात्या ने कहा कि यह काम जनहित के लिए किया गया है। विज्ञापन और सुरक्षा संबंधी मुद्दे देखे जा सकते हैं लेकिन हमारा काम जनहित के लिए था। महापौर ने भी हमे समर्थन किया था, कि यह अच्छा काम है, किया जाए। यदि खामिया है, तो हम दूर करेंगे। विज्ञापन ज्यादा है तो हम बता देंगे हम ठीक करेंगे। एक चौराहे पर एक लेन की ओर खर्चा पांच लाख रुपए आ रहा है, कम से कम। एक चौराहा चारों ओर लगाने पर 20 लाख का आता है। जो लगाएगा वह कम से कम कमर्शियल एक्टीविटि करना चाहेगी। हमारा उद्देश्य तो लोगों को राहत देने का था। खुद विनी ने माना कि जो राशि लगा रहे हैं वह कमर्शियल एक्टिविटी कर लाभ चाहेंगे, यह नहीं होन पर जोमेटो जैसी कई 40 कंपनियां पीछे गई है। यानी साफ है कि इन कंपनियों की मंशा जनसेवा नहीं बल्कि मुफ्त की एडवरटाइजिंग थी।
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इसमें लाभ देख कई कंपनियां आ गई थी आगे
जनसेवा के नाम पर हो रहे होर्डिंग्स घोटाले में फायदा देख कई कंपनियां इसमें आगे आ गई थी। यह उनके लिए बहुत ही सस्ता सौदा हो रहा था। क्योंकि पलासिया चौराहे पर एक विज्ञापन औसतन पांच-छह लाख रुपए का पड़ता है और यहां पूरा चौराहा ही हमेशा के लिए मिल रहा था और इसमें डोम भी 300-400 वर्गफीट का मिल रहा था। जोमेटो जैसी कंपनियां भी इसमे आगे आ गई थी। लेकिन द सूत्र द्वारा इस घोटाले का खुलासा करने के बाद जागे नगर निगम ने सख्ती दिखाई और इसमें विज्ञापन पर रोक लगाने के आदेश दे दिए, इसके बाद अब अपना कमर्शियल लाभ नहीं देखते हुए यह कंपनियां पीछे हटने लगी है, यानी साफ है कि इनकी मंशा जनसेवा नहीं व्यावसायिक लाभ की ही थी। महापौर और निगमायुक्त ने साफ कर दिया है कि जो जनसेवा के लिए आना चाहते है वह ही आगे आएं, विज्ञापन मंजूरी नहीं देगे और इसकी जगह तय होगी।
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मध्य प्रदेश | इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव | इंदौर कमिश्नर | एमपी न्यूज हिंदी