टॉपर आईएएस शुभ्रा सक्सेना के चुनाव बैठक में तीखे तेवर, सीईओ झा की चुप्पी, परेशान एमपी के कलेक्टर

IAS शुभ्रा सक्सेना ने मध्यप्रदेश के चुनाव अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की। इस दौरान उन्होंने काम में देरी पर कलेक्टरों को फटकार लगाई है। वहीं, चुनाव आयोग के CEO संजीव कुमार झा चुप नजर आए।

author-image
Sanjay Gupta
New Update
indore-ias-shubhra-saxena-election-meetings-mp-ceo-jha
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

INDORE. यूपीएससी 2008 की टॉपर आईएएस शुभ्रा सक्सेना एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इन दिनों वह भारत निर्वाचन आयोग में डायरेक्टर के पद पर हैं। वे SIR यानी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के काम को देख रही हैं। इस दौरन वे लगातार SIR को लेकर बैठकें कर रही हैं।

इन बैठकों में उनके तीखे तेवर पूरे मप्र के प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। वहीं, इस मामले में मध्यप्रदेश चुनाव आयोग के सीईओ संजीव कुमार झा चुप हैं। उनकी चुप्पी पूरे प्रदेश के कलेक्टरों को खासी चुभ रही है। बता दें कि झा 1996 बैच के आईएएस हैं।

कौन हैं सक्सेना?

सक्सेना मूल रूप से बरेली, यूपी की हैं। उन्होंने आईआईटी रुड़की से बीटेक किया है। उन्होंने दूसरे अटेम्प्ट में ही यूपीएससी को क्लियर किया था।

इसके साथ ही उन्होंने पूरे देश में नंबर एक की रैंक हासिल की थी। उनके पति भी आईएएस रहे हैं, लेकिन अब तलाक हो चुका है। वह शुरू से ही अपनी तेज-तर्रार छवि के लिए पहचान रखती आई हैं।

ये खबर भी पढ़िए...इंदौर की रीना सैतिया बनी मप्र महिला कांग्रेस अध्यक्ष, अहिरवार का पत्ता कटा

सक्सेना से क्यों हो रही नाराजगी?

सक्सेना लगातार एसआईआर को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठकें ले रही हैं। इसमें काम में ढिलाई पर सार्वजनिक तौर पर कलेक्टरों को फटकार लगाई जा रही है। ऐसे में कलेक्टरों में सक्सेना के तेवरों को लेकर नाराजगी भी दिख रही है।

दरअसल, एमपी के कुछ कलेक्टर तो उनसे दो-तीन साल जूनियर हैं। जैसे भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह सबसे सीनियर हैं, जो 2010 बैच के हैं। ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान 2011 बैच की आईएएस हैं।

ऐसे में सक्सेना की चार-पांच मिनट तक चलने वाली लगातार फटकार सहनशीलता की परीक्षा ले रही है। बुधवार को बैठक में भी भोपाल, ग्वालियर, इंदौर जैसे शहरों के कलेक्टर सक्सेना के राडार पर रहे।

ये खबर भी पढ़िए...हे भगवान! 7500 करोड़ के इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट में ये चूक, यह बनाना ही भूल गए इंजीनियर

आयोग अधिकारियों की मैदानी समस्या सुनने को तैयार नहीं

प्रदेश के कलेक्टर व अन्य चुनाव अधिकारी चुनाव आयोग के पोर्टल में आ रही समस्याओं, देर से बंटे फार्म जैसी मैदानी समस्याएं बता रहे हैं। वहीं इसे सुना नहीं जा रहा है और आयोग हर दिन के लक्ष्य के साथ रिपोर्ट ले रहा है।

छोटे जिले जहां मतदाता ही कुल तीन-चार लाख हैं, वह आगे हैं। बैठकों में इनका उदाहरण दिया जा रहा है कि वह 50 फीसदी काम कर चुके हैं। इसके बावजूद यह नहीं सुना जा रहा है कि इंदौर में मतदाता ही 28 लाख हैं। यहां दस फीसदी काम हो चुका है।

इसका मतलब यह है कि करीब 3 लाख मतदाता को कर लिया गया है, जो किसी छोटे जिले की पूरी मतदाता आबादी है। साथ ही शहरी सीमा में मतदाताओं का मूवमेंट अधिक होता है। ऐसे में घर-पते मिलना आसान नहीं है।

ये खबर भी पढ़िए...इंदौर न्यूज: पार्षद कमलेश कालरा का जीतू के बहाने गौड़ गुट विरोधी 3 नेताओं पर निशाना

उधर झा की चुप्पी और परेशानी बढ़ा रही है

वहीं 6 माह पहले ही आईएएस संजीव कुमार झा को राजस्व बोर्ड से चुनाव आयोग सीईओ बनाया गया था। वे इन बैठकों में ज्यादातर समय शांत ही रहते हैं। वह अधिकारियों को तनाव नहीं दे रहे हैं।

वहीं, समस्या यह है कि आयोग डायरेक्टर सक्सेना व अन्य अधिकारी मप्र के अधिकारियों को फटकार लगा रहे हैं। ऐसे में झा उनका पक्ष भी नहीं रख रहे हैं कि मैदान में क्या समस्याएं आ रही हैं।

जैसे कलेक्टर अपने जिलों की टीम का पक्ष रख रहे हैं कि यह समस्याएं आ रही हैं और टीम लगी हुई है। वैसा ही झा से कलेक्टर उम्मीद कर रहे हैं कि वह उनका पक्ष रखें। वहीं, अभी तक बैठकों में ऐसा देखने को नहीं मिला है।

ये खबर भी पढ़िए...MP News: SIR पर चुनाव आयोग के सीधे बोल- इंदौर, भोपाल, ग्वालियर कलेक्टर और चुनाव अधिकारी कार्रवाई के लिए रहें तैयार

आने वाले दिनों में विवाद की आशंका

ऐसे में आने वाले दिनों में किसी भी समीक्षा बैठक में विवाद हो सकता है। इसकी आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। कई अधिकारी बैठकों में लगातार प्रताड़ना से नाराज हैं। ऐसे में किसी भी दिन कोई अधिकारी आयोग की शैली पर आपत्ति जता सकता है।

MP News मध्यप्रदेश इंदौर न्यूज एसआईआर यूपीएससी मतदाता सूची आईएएस संजीव कुमार झा आईएएस शुभ्रा सक्सेना
Advertisment