इंदौर में आईसीआईसीआई (Indore ICICI Bank) में करोड़ों की धोखाधड़ी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। विजनयगर थाना क्षेत्र के इस बैंक में ग्राहकों के खाते से राशि निकालकर इस राशि से जमकर अय्याशी की गई। इस मामले में कुल 6 आरोपी है, जिसमें से दो तो बैंक के ही रिलेशनशिप मैनेजर है। सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह धोखाधड़ी एक करोड से ज्यादा की है, जिसमें आरोपियों ने आनलाइन शापिंग करते हुए अय्याशी की और मोबाइल आदि खरीदी की। बाकी राशि विविध खातों में शिफ्ट किए, जिसे पुलिस ने वापस खातों में डलवाया है।
इस तरह किया पूरा खेल
इंदौर आईसीआईसीआई ब्रांच में पदस्थ कमल कुमावत और मंदसौर के मानस ब्रांच में पदस्थ स्टालिन जैकब मुख्य आरोपी है। दोनों रिलेशनशिप मैनेजर ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर बैंक के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी का फायदा उठाया। इसके जरिए ग्राहकों के खाते से राशि निकाली और फिर 52 लाख रुपए तो केवल अय्याशी में उड़ाए।
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इस तरह किया पूरा खेल
साफ्टेवयर की गड़बड़ी के कारण ग्राहकों को भेजा जाने वाला ओटीपी बैंक के कर्मचारियों के लॉग इन पर दिखने लगा था। दोनों आरोपियों ने इसी का फायदा उठाया और ओटीपी के जरिए आरोपी मैनेजर कमल कुमावत ने 52 लाख रुपए के गिफ्ट वाउचर, मोबाइल फोन और अन्य सामान खरीद मारे। आरोपी कमल कुमावत, स्टालिन जैकब, अभिषेक मालवीय, लवदीप, अरुनु और कृष्ण ठाकुर ने फर्जी सिम कार्ड का भी यूज किया।
सर्वर से मिले सबूत, पुलिस ने यह बताया
पुलिस ने बुधवार को बताया कि यह सभी आऱोपी ज्यादा पैसा कमाने की लालच में धोखाधड़ी में शामिल हुए। बैंक के सर्वर से पुलिस ने डिजिटल सबूत और अन्य जानकारी मिल गई। वहीं अभी और खुलासे संभव है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।
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यह खरीदी की ग्राहकों की राशि से
आरोपियों ने ऑनलाइन शॉपिंग से 16 एप्पल मोबाइल, 24 सैमसंग अल्ट्रा और E गोल्ड खरीदा था। इसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। वहीं करोड़ रुपए की धनराशि साइबर सेल के जरिए ग्राहकों के खाते में वापस लौटाई गई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि देश के सबसे बड़े निजी बैंकों में से एक आईसीआईसीआई में इस तरह साफ्टेवयर गड़बड़ कैसे हुआ, इसके चलते ओटीपी लेकर भारी राशि निकाल ली गई।