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INDORE. आयकर विभाग (आईटी) के मंगलवार को इंदौर में हुए छापे में मुख्य केंद्र में दीक्षित परिवार है। प्रदेश टुडे ग्रुप के हृदयेश दीक्षित, उनके भाई अवधेश दीक्षित व दीक्षित परिवार के भक्त प्रह्लाद नगर में आईटी की प्रारंभिक जांच के बाद शाम होते-होते मामला अवधेश की ओर अधिक चला गया है। सूत्रों के अनुसार मामला 28 करोड़ के ट्रांजेक्शन का भी आ रहा है। इसे लेकर अवधेश के साथ आयकर विभाग के अधिकारियों ने अलग से लंबी पूछताछ भी की है।
यह है 28 करोड़ का मामला
सूत्रों के अनुसार आयकर की जांच की जद में मुख्य तौर पर अवधेश दीक्षित और काटन कारोबारी हर्ष जैन के बीच का 28 करोड़ का लेन-देन का मुद्दा है। इस एंट्री लेकर जैन और अवधेश दीक्षित दोनों ही जांच के दायरे में आ गए हैं। इसलिए आयकर विभाग की एक टीम खरगोन भी पहुंची और कुछ टीम इंदौर में सक्रिय हुई। जिन्होंने इन इंट्री के खेल की जांच के लिए अलग-अलग दस्तावेज खंगाले।
हृदयेश दीक्षित कागजों पर नहीं
हृदयेश दीक्षित पर दो बार पहले आईटी का छापा हो चुका है। लेकिन इस छापे में उनकी जगह उनके भाई अवधेश पर जांच केंद्रित है। वैसे भी हृदयेश किसी भी कंपनी में कागजों पर नहीं है, और इस 28 करोड़ के ट्रांजेक्शन में आईटी ने उनकी भूमिका नहीं पाई है। इसलिए आयकर विभाग इस मामले में उन्हें जांच में नहीं ले रहा है, बस दस्तावेज जरूर खंगाले गए हैं कि कहीं यह राशि हर्ष जैन, अवधेश से होते हुए अन्य किसी परिजन या अन्य कंपनी में ट्रांसफर नहीं हुई।
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फिलहाल दुबई व अन्य कंपनियों की जांच नहीं
जांच के बाद आईटी टीम ने शाम होते-होते पूरा ध्यान 28 करोड़ पर ही लगा दिया और वह उनके दुबई स्थित कंपनियों, व अन्य ट्रांजेक्शन की जांच नहीं कर रही है। फिलहाल काटन कारोबारियों से मिली इंट्री और लेन-देन पर ही फोकस है जो मुख्य तौर पर अवधेश दीक्षित से जुड़ी हुई है।
8 दिसंबर को आयकर विभाग ने हुंडी, हवाला के कई कारोबारियों पर इंदौर, मनावर, धार क्षेत्र में छापे मारे थे। इसमें एक कॉटन कारोबारी इंदौर के कालानी नगर में सुरेश मेहता भी थे, जिनके यहां 100 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन मिला था। सूत्रों के अनुसार मेहता के यहां ही दीक्षित के कंपनियों से जमकर इंट्री मिली है। इसके जरिए सामने आया कि काफी रुपया हवाला के जरिए यहां से वहां खपाया जा रहा है। इस राशि को कंपनियों में इंट्री के नाम पर खपा कर खेल किया जा रहा है।
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बड़ी मात्रा में ज्वेलरी मिलने की खबर
दीक्षित के घर के साथ ही आयकर टीम पास में 178 बालाजी विहार भक्त प्रह्लाद नगर स्थित मेसर्स ग्लोबल ट्रेड वेंचर्स कंपनी के यहां भी गई। यह दीक्षित परिवार की कंपनी है। इसमें शांतनु दीक्षित, सुरेखा दीक्षित और कौस्तुभ दीक्षित डायरेक्टर हैं। शांतनु व अन्य के नाम पर आठ कंपनियां लिस्टेड हैं। इसमें प्रदेश टुडे ग्रुप भी शामिल है। उनके भाई अवधेश दीक्षित भी कंपनियों में लिंक है। उनसे भी पूछताछ की जा रही है।
रात दो बजे तक तो पार्टी में थे...
दीक्षित की शादी की 25वीं सालगिरह थी, एक उद्योगपति के यहां कॉकटेल पार्टी का आयोजन हुआ था। इसमें सभी लोग उपस्थित थे। पार्टी के बाद रात दो बजे करीब दीक्षित घर पहुंचे थे और अलसुबह पांच बजे आयकर टीम ने छापा मार दिया। दीक्षित के यहां पहले भी दो बार 2009 व 2016 में छापे मारे जा चुके हैं।
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दुबई से भी जुड़े तार, घर पर मिली ज्वेलरी, कैश
इसमें कुछ लेन-देन दुबई से भी सामने आ रहा है। वहां भी इनकी कंपनियों के कामकाज है। वहीं घर पर छापे के दौरान भारी मात्रा में ज्वैलरी मिलने की बात सामने आई है, बताया जा रहा है कि किस आयोजन के चलते उनके यहां यह ज्वेलरी आई थी। वहीं कैश भी मिला है। हालांकि अभी अधिकृत खुलासा इसे लेकर नहीं किया गया है।
हर्ष जैन से भी उनके संबंध
भीकनगांव के कॉटन कारोबारी हर्ष जैन के यहां भी टीम इसलिए पहुंची है। इनका भी दीक्षित की कंपनियों में लेन-देन का हिसाब मिला है और इसी मामले में आयकर विभाग ने जैन और उनके करीबियों को घेरा है। यहां भी सारी एंट्रियां जांची जा रही है।
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शाश्वत ग्रुप वाले भी घिरे
इसके साथ ही आयकर की टीम अमित व नितिन अग्रवाल के शाश्वत ग्रुप व अनंत एग्रो पर भी पहुंची है। इनके ऑफिस नौलखा चौराहे पर पुखराज कॉर्पोरेट में टीम 301 नंबर ऑफिस में सर्च कर रही है। इनका गिट्टी की खदान का भी काम है। इनके यहां टीम इसी मामले में पहुंची या अन्य अभी इसकी पुष्टि होना बाकी है।