इंदौर-खंडवा रेल लाइन : वन विभाग की मिली NOC, उत्तर से दक्षिण भारत को जोड़ेगा रेल मार्ग

इंदौर-खंडवा रेल लाइन को वन विभाग से एनओसी मिलने के बाद अब इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। यह रेल लाइन उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने वाला सबसे छोटा और सीधा मार्ग बनेगा, जो यात्रियों को समय और दूरी में राहत देगा।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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इंदौर-खंडवा रेल परियोजना भारतीय रेलवे के नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी। यह रेल लाइन उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने वाली सबसे छोटी और सीधी होगी। इसके चालू होने से इंदौर और खंडवा के बीच यात्रा समय और दूरी में कमी आएगी।

यह परियोजना इंदौर के व्यापारिक और औद्योगिक विकास को गति देगी। रेल मार्ग के माध्यम से इंदौर को दक्षिण भारत के राज्यों से जोड़ा जाएगा, जिससे परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा।

इंदौर-खंडवा रेल परियोजना में आएगी तेजी

इंदौर-खंडवा रेल परियोजना में सबसे बड़ी बाधा वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करना था। अब इस महत्वपूर्ण बाधा के दूर होने से इस परियोजना को गति मिलेगी। वन विभाग ने इंदौर-खंडवा रेल मार्ग के लिए एनओसी जारी कर दी है, जिससे अब परियोजना के निर्माण कार्य में तेजी आ सकेगी। 

यह परियोजना पर्यावरण के नजरिए से भी महत्वपूर्ण थी। यह कागजी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद अब किसी भी अतिरिक्त रुकावट के बिना काम को जल्द से जल्द शुरू किया जा सकेगा। इस एनओसी से रेल विभाग और परियोजना से जुड़े अन्य संस्थानों को भी एक नई दिशा मिली है।

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सांसद शंकर लालवानी का योगदान

इंदौर-खंडवा रेल परियोजना में आने वाली अड़चनों को दूर करने में सांसद शंकर लालवानी का योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने रेलवे अधिकारियों और वन विभाग के बीच संयुक्त बैठकें करवाईं, जिससे इस परियोजना को लेकर आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाए जा सके।
सांसद शंकर लालवानी ने इस परियोजना को प्राथमिकता देने के लिए मुख्यमंत्री से मिलकर इस मुद्दे पर जोर दिया था। उनके निरंतर प्रयासों के कारण ही इस परियोजना को वन विभाग से अनुमति मिल पाई। उनके समर्पण और नेतृत्व के कारण ही यह परियोजना अब वास्तविकता में बदलने के करीब है।

उत्तर से दक्षिण तक व्यापार में विस्तार

इंदौर-खंडवा रेल लाइन के पूरा होने के बाद यह मार्ग शहर का संपर्क सीधे खंडवा-भुसावल-नासिक-मुंबई (Mumbai) और दक्षिण भारत के राज्यों जैसे तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल (Kerala) से जोड़ देगा। यह नया रेल मार्ग यात्रियों के लिए तेज, किफायती और सुविधाजनक सफर सुनिश्चित करेगा।

इस रेल परियोजना से व्यापारिक अवसरों का भी विस्तार होगा। इंदौर जैसे प्रमुख औद्योगिक शहर को दक्षिण भारत के विभिन्न हिस्सों से सीधे जोड़ने के कारण माल परिवहन में भी तेजी आएगी। इससे माल ढुलाई की लागत कम होगी और समय की बचत होगी।

इससे जुड़े नए अवसर न केवल इंदौर और खंडवा बल्कि पूरे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और इसके आसपास के क्षेत्रों के लिए लाभकारी होंगे। रेलवे नेटवर्क के इस विस्तार से पर्यटन उद्योग को भी फायदा होगा, क्योंकि लोग अब आसानी से दक्षिण भारत और पश्चिमी भारत के विभिन्न स्थानों पर यात्रा कर सकेंगे।

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मुख्यमंत्री मोहन यादव की भूमिका

प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इस परियोजना को प्राथमिकता में लेकर वन विभाग से अनुमति दिलवाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री के समर्थन और दिशा-निर्देशों से यह परियोजना अब पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है। मुख्यमंत्री के साथ की गई बैठक में इस परियोजना को राज्य सरकार की ओर से आवश्यक सहायता और सहयोग दिया गया। 

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