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राहुल दवे @ Indore. बुधवार की रात एक साथ 24 किन्नरों ने आत्महत्या का प्रयास करते हुए फिनायल पी लिया था। इस घटना के बाद जवाहर मार्ग से लगे नंदलालपुरा और एमवाय अस्पताल के सामने देर रात तक हंगामा चलता रहा। विवाद की जड़ करोड़ों रुपए की संपत्ति बताई जा रही है। घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चार लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। साथ ही किन्नरों के एक गुट के सदस्य सपना हाजी को गिरफ्तार कर लिया।
इस पूरे विवाद में अब राजनीति बी शुरू हो गई है। गुरुवार को भाजपा के सांसद, विधायक और नगराध्यक्ष समेत कई नेता पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह से मिले और मामले पर चर्चा की। महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने भी वीडियो जारी कर मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है।
किन्नरों का प्रॉपर्टी विवाद
नंदलालपुरा के किन्नरों के पास कुल मिलाकर लगभग 150 करोड़ रुपए की संपत्ति होने का अनुमान है। यही संपत्ति विवाद की जड़ बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि महाराजा यशवंतराव होलकर ने क्षेत्र में किन्नरों को बसाया था। जवाहर मार्ग पर दो बड़े मकान और मस्जिद के लिए दी गई जगह आज लगभग 100 करोड़ रुपए के मूल्य की मानी जाती है। वहीं, दोनों डेरों में रहने वालों के पास अन्य संपत्ति करीब 50 करोड़ बताई जा रही है। इन डेरों में करीब 100 किन्नर रहते हैं।
विवाद में महामंडलेश्वर का एंट्री
विवाद और एक किन्नर से यौन शोषण को लेकर महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने वीडियो के जरिए कहा कि खुद को पत्रकार बताने वाले पंकज जैन और अक्षय कुमायू के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने ब्लैकमेल एवं यौन शोषण के आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की। साथ ही कहा कि कुछ लोग पत्रकारिता को बदनाम कर रहे हैं।
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भाजपा नेता पुलिस कमिश्नर से मिले
भाजपा नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा के नेतृत्व में सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, विधायक गोलू शुक्ला, विधायक महेंद्र हार्डिया, विधायक मालिनी गौड़ व अन्य पदाधिकारी पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह से मिले। नेताओं ने कहा कि बुधवार रात हुए विवाद और हंगामे से इंदौर की छवि प्रभावित हुई है। प्रदेश व शहर में भाजपा की सरकार और प्रतिनिधि होने के कारण इस तरह की घटनाओं का राजनीतिक असर भी पड़ सकता है, इसलिए समय पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है।
विवाद का कारण पता लगाने की मांग
बीजेपी नेताओं ने पुलिस कमिश्नर सिंह से कड़ी जांच की मांग की है। उन्होंने पूछा कि विवाद कब से चल रहा है। इसके असली कारण का पता लगाना जरूरी है। एसआईटी को सक्रिय कर मुद्दे की जड़ तक पहुंचना होगा।
सभी का पंजीकरण व स्वास्थ्य परीक्षण करें
नेताओं ने प्रस्ताव रखा कि किन्नरों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। उनका पंजीकरण भी किया जाए, ताकि वास्तविक और नकली किन्नरों में फर्क किया जा सके।
मनमाने वसूली पर अंकुश
नेताओं ने कहा कि अक्सर मांगलिक आयोजनों के नाम पर किन्नरों द्वारा मनमाने रुपए वसूले जाते हैं। उन्होंने पुलिस से कहा कि इस मनमानी पर रोक लगाई जाए। इसके साथ ही किन्नरों के क्षेत्र (जोन) निर्धारित कराए जाएं ताकि नियंत्रण संभव हो।
जिला कलेक्टर-पुलिस कमिश्नर रहे सक्रिय
घटना के बाद कलेक्टर शिवम वर्मा और पुलिस कमिश्नर सक्रिय हो गए थे। उन्होंने सभी प्रभावित किन्नरों को अस्पताल में भर्ती कराया था। नंदलालपुरा और एमवाय अस्पताल में हंगामा हुआ। दोनों अधिकारी लगातार संपर्क में रहे और स्थिति नियंत्रित की। उनकी त्वरित प्रतिक्रिया से बड़ा हादसा टल गया।
सपना हाजी गिरफ्तार, अन्य फरार
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने इस मामले में कई जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिकायत के बाद सपना हाजी, राजा हाशमी, अक्षय कुमायू और पंकज जैन के खिलाफ FIR दर्ज की गई। हीरानगर पुलिस टीम ने सपना के घर दो बार छापा मारा। पहली बार संवाद के बाद लौट आई, फिर सपना को हिरासत में लिया गया। उसे महिला थाने भेजा गया और न्यायालय में पेश किया गया। बाद में उसे जेल भेजा गया। राजा हाशमी कुछ महीनों से इंदौर में नहीं हैं। अक्षय कुमायू और पंकज जैन फरार हो गए हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
तत्कालीन कलेक्टर ने पहले लगाई थी लगाम
पूर्व जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने पहले ऐसे सामने आने वाले जोर-जबरदस्ती और वसूली के मामलों पर कड़ी कार्रवाई कराई थी। उन्होंने सभी किन्नरों को बुलाकर कहा था कि उन्हें सुविधाएं दी जाएंगी लेकिन किसी भी तरह की जबरन वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मनीष सिंह के ट्रांसफर के बाद प्रशासनिक सतर्कता कम होती गई। इससे इन गतिविधियों में फिर से इजाफा होने लगा है।
दूसरे राज्यों से भी आते हैं किन्नर
पहले जहां नंदलालपुरा के डेरों में मुख्यतः मालवा क्षेत्र के किन्नर आते थे। अब बिहार, ओडिशा (उड़ीसा), उत्तर प्रदेश और बंगाल के किन्नर भी यहां बसने लगे हैं। इनकी जीवनशैली में शानो-शौकत दिखती है। महंगी गाड़ियां, ज्वेलरी, एसी, महंगी घड़ियां और ब्रांडेड कपड़े। कुछ डेरों ने सुरक्षा के लिए निजी एजेंसियों के 5-10 बाउंसर भी तैनात कर रखे हैं।