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Photograph: (the sootr)
RAHUL DAVE@INDORE. इंदौर के चिड़ियाघर का शाही हाथी मोती अब इंदौर से कहीं नहीं जाएगा। अनंत अंबानी के वनतारा प्रोजेक्ट में मोती के ट्रांसफर की चर्चा थी। जनता के विरोध के बाद आखिरकार हाई पावर कमेटी ने बड़ा फैसला लिया है। मध्यप्रदेश शासन के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की ओर से एक चिट्ठी जारी की गई है। इसमें साफ लिखा गया है कि मोती का फिलहाल किसी भी अन्य स्थान पर ट्रांसफर नहीं किया जाएगा।
इंदौरवासियों की आवाज ने बदला फैसला
पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया से लेकर स्कूलों तक बच्चों, नागरिकों और पशुप्रेमियों ने मोती को इंदौर में ही रखने की मांग की थी। लोगों ने मोती के साथ गहरा भावनात्मक जुड़ाव दिखाया। आखिरकार, जनता की यह आवाज शासन तक पहुंची और अब इसका असर भी साफ दिखा।
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इंदौर जू में ही रहेगा मोती
मध्य प्रदेश शासन के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की ओर से आए पत्र में कहा गया है कि इंदौर जू में मौजूद हाथी मोती फिलहाल वहीं रहेगा। उसके स्वास्थ्य और आयु को देखते हुए ट्रांसफर उचित नहीं है। पत्र में आगे कहा गया कि मोती के अकेलेपन को दूर करने के लिए एक फीमेल हाथी की व्यवस्था की जाएगी, ताकि उसका मानसिक संतुलन बना रहे।
शाही हाथी मोती के ट्रांसफर और विरोध को ऐसे समझेंमोती का ट्रांसफर रोका: इंदौर के चिड़ियाघर का शाही हाथी मोती अब किसी अन्य स्थान पर ट्रांसफर नहीं होगा, हाई पावर कमेटी ने फैसला बदल दिया है। जनता का विरोध: इंदौरवासियों ने सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर मोती को इंदौर में ही रखने की मांग की, जिसे सरकार ने गंभीरता से लिया। मादा हाथी की व्यवस्था: मोती के अकेलेपन को दूर करने के लिए प्रशासन ने एक मादा हाथी की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। वनतारा प्रोजेक्ट से विवाद: मोती का नाम वनतारा प्रोजेक्ट से जुड़ने के कारण विवाद खड़ा हुआ था, लेकिन विशेषज्ञों ने ट्रांसफर को मानसिक और शारीरिक रूप से खतरनाक बताया। मोती इंदौर में ही रहेगा: मोती अब इंदौर के चिड़ियाघर में ही रहेगा, जहां उसे मानसिक शांति और सुरक्षा प्रदान की जाएगी। |
हाथी मोती की साथी की तलाश शुरू
इंदौर प्रशासन ने अब देश के विभिन्न चिड़ियाघरों को पत्र लिखकर एक मादा हाथी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। जू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने कहा मोती की सुरक्षा और मानसिक शांति हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जैसे ही उपयुक्त साथी हाथी उपलब्ध होगा, मोती की पेयरिंग की जाएगी।
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वनतारा विवाद पर फिलहाल विराम
वनतारा प्रोजेक्ट द्वारा देशभर से हाथियों को संरक्षण देने की योजना में मोती का नाम जुड़ने से विवाद खड़ा हुआ था। चार कमेटियों की जांच रिपोर्ट के बाद अब यह साफ है कि मोती पूरी तरह स्वस्थ, सुरक्षित और अपने परिचित माहौल में खुश है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि इस उम्र में ट्रांसफर उसके लिए मानसिक और शारीरिक रूप से खतरनाक हो सकता था।
मोती सिर्फ इंदौर जू का हिस्सा नहीं, बल्कि शहर के दिल की धड़कन है। जनता की भावना, मीडिया की आवाज़ और प्रशासन की संवेदनशीलता ने मिलकर इस फैसले को जन्म दिया है। अब सबकी निगाहें एक ही बात पर हैं कि इंदौर का मोती अब यहीं रहेगा, अपनी धरती पर, अपनी जनता के बीच।