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INDORE. बीजेपी की नगर कार्यकारिणी गणेश चतुर्थी पर आनी थी, लेकिन इंदौर के नाम पर हमेशा कुछ न कुछ अटक जाता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। विधानसभा दो और चार के बीच जमकर विवाद हुआ।
विधानसभा चार में हर नेता की घुसपैठ को लेकर विधायक मालिनी गौड़ ने कड़ी नाराजगी जताई। वहीं, मामला भोपाल तक पहुंच गया।
आखिरकार, विधानसभा दो के विधायक रमेश मेंदोला और गौड़ गुट के बीच बीजेपी नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा ने समन्वय बनाकर विवाद को शांत किया। अब सबकी नजरें घोषणा पर हैं।
सबसे बड़ी लड़ाई नगर महामंत्री पद पर
सबसे ज्यादा लड़ाई और जोर आजमाइश नगर महामंत्री पद पर हो रही है। ये पद सिर्फ तीन हैं, लेकिन दावेदार दर्जन भर से भी ज्यादा हैं। इनमें बड़े नेता, मंत्री और विधायक के करीबी लोग शामिल हैं।
अभी इन पदों पर संदीप दुबे, सुधीर कोल्हे और सविता अखंड़ हैं। अब इनमें से विधानसभा दो के विधायक मेंदोला के करीबी सुधीर कोल्हे को तय माना जा रहा है।
वहीं, विधानसभा चार को लेकर सबसे ज्यादा जोर था। यहां विधायक गौड़ की ओर से दो नाम महेश कुकरेजा और वीरेंद्र शेंडगे के सामने आए थे। फिलहाल, कुकरेजा रेस में आगे हैं।
इस तरह, महामंत्री के तीन पदों में से दो पर कोल्हे और कुकरेजा का नाम लगभग तय माना जा रहा है। एक पद पर अभी भी जोर जारी है। इसमें भूपेंद्र केसरी समेत कुछ और नाम चर्चा में हैं।
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उपाध्यक्ष और मंत्री पद पर करेंगे समायोजित
महामंत्री पद पर जो नहीं आएंगे, उनके लिए उपाध्यक्ष और मंत्री पद पर समायोजन की बात तय हुई है। इसमें महापौर के करीबी भरत पारिख, विधायक गोलू शुक्ला के करीबी दीपेंद्र सोलंकी, वासुदेव पाटीदार, भूपेंद्र केसरी, वरिष्ठ नेता सत्तन गुरू के समर्थक राकेश शर्मा और मेंदोला के करीबी हरप्रीत सूदन के नाम चर्चा में हैं।
इसके अलावा, सांसद शंकर लालवानी और विशाल गिदवानी भी अपने करीबी लोगों को आगे बढ़ा रहे हैं। वरिष्ठ नेता सत्तन गुरू के करीबी राकेश शर्मा का नाम उपाध्यक्ष के लिए भी आगे है।
मेंदोला के करीबी हरप्रीत बख्शी सूदन भी उपाध्यक्ष की रेस में हैं। वहीं, मंडल अध्यक्ष इंदू श्रीवास्तव मंत्री पद पर दिख सकते हैं। इनकी जगह राजेश तोमर मंडल अध्यक्ष हो सकते हैं।
सिंधिया और सिलावट के कैंप से किसे लेंगे
उधर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मंत्री तुलसी सिलावट का खेमा भी अपने समर्थकों को आगे ला रहा है। इनके नामों में पप्पू शर्मा, लक्की अवस्थी और पवन जायसवाल शामिल हैं। इनमें से शर्मा या अवस्थी को समायोजित किए जाने की बात है।
विधानसभावार यह हैं नेताओं के समर्थक दावेदार
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टीम में इतने रहेंगे पद पर
इस बार टीम में 8 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री, 8 मंत्री और 1 कोषाध्यक्ष होंगे। टीम में महिलाओं को भी जगह दी जाएगी। पहले आब्जर्वर विवेक जोशी और आशुतोष तिवारी नाम लेने आए थे, लेकिन जब बात हुई, तो नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा मौजूद थे। इसकी शिकायत प्रदेशाध्यक्ष तक पहुंची। फिर जोशी और तिवारी इंदौर आए। सुबह से शाम तक बंद कमरे में वन टू वन रायशुमारी की थी।
मिश्रा के आने के बाद से ही कार्यालय पर होने लगी जमावट
दरअसल, पार्टी के इंटरनल पत्र में साफ है कि कार्यकारिणी के गठन में कार्यालय मंत्री, कोषाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी पद पर निरंतरता जरूरी है। इसलिए इन पदों में बदलाव तब तक नहीं किया जाएगा, जब तक बहुत जरूरी न हो। लेकिन बीजेपी पार्टी दफ्तर पर नियंत्रण के लिए इन तीन पदों में बदलाव की तैयारी हो रही है।
मीडिया प्रभारी के लिए आलोक दुबे फिर सक्रिय हो गए हैं। कोषाध्यक्ष के लिए जवाहर मंगवानी का नाम सामने आ रहा है, जबकि अभी गुलाब ठाकुर हैं। कार्यालय मंत्री के लिए ऋषि सिंह खनूजा की जगह विशाल यादव या सरबजीत गौड़ को लाने की योजना बन रही है।