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Photograph: (THESOOTR)
INDORE. इंदौर में बिल्डर मनीष गोधा की नई कॉलोनी विवादों में घिरी है। गोधा एस सोलिटेयर कॉलोनी में सरकारी जमीन को शामिल कर प्लॉटिंग की गई है। नक्शे के विपरीत निर्माण करने की भी शिकायतें मिली हैं। इसके बाद संबंधित अधिकारियों ने नोटिस जारी किए हैं। बता दें कि बिल्डर मनीष गोधा अपनी निर्माणाधीन कॉलोनियों में जैन समाज के बड़े धार्मिक आयोजन कराकर इनकी मार्केटिंग करने के लिए प्रसिद्ध है।
निगम, टीएंडसीपी, प्रशासन को शिकायत
शिकायतकर्ता लोकेश जैन ने इस संबंध में नगर निगम इंदौर से लेकर टीएंडसीपी को और जिला प्रशासन एसडीएम मल्हारगंज को लिखित शिकायत की है। उनकी जमीन इस कॉलोनी से लगी हुई है इस पर भी अवैध रूप से कब्जा जमाया जा रहा है।
शिकायत में बताया गया है कि ग्राम छोटा बांगड़दा मल्हारगंज सर्वे नंबर 111/2, 111/3, 111/4, 111/5 कुल 2.024 हेक्टेयर पर देवेंद्र सोगानी, महेश सोगानी और अन्य ने बिल्डर मनीष गोधा के साथ रेशो डील गोधा एस सोलिटेयर कॉलोनी काटी जा रही है।
इसमें सरकारी जमीन का सर्वे नंबर 110/1 व 107 को भी ले लिया गया है, साथ ही नक्शे में तय 18 मीटर चौड़ी सड़क को संकरा बनाया जा रहा है और नक्शे के विपरीत भी। इससे भविष्य में रोड का एलाइमेंट बिगड़ेगा।
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निगम ने टीएडंसीपी को जांच के लिए लिखा, नोटिस जारी
इंदौर कॉलोनी विवाद के मामले में नगर निगम ने शिकायत के बाद अपनी तकनीकी सेल से जांच कराई और पाया कि नक्शे के विपरीत यहां काम होता पाया जा रहा है। इसके बाद इंदौर नगर निगम ने टीएडंसीपी को इस संबंध में रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
वहीं टीएंडसीपी ने शिकायतों और निगम के पत्र के बाद सपना गोधा, देवेंद्र कुमार सोगानी, महेश कुमार सोगानी, विशेष वेद, तेजकुमार जैन, डेवलपर्स मनीष गोधा और अन्य को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
इसमें कहा गया है कि आरोप है कि आपके द्वारा बेशकीमती सरकारी जमीन को हड़प कर निर्माण किया जा रहा है, तय 18 मीटर की जगह 6 मीटर संकरा रोड बनाया जा रहा है और वह भी नक्शे के विपरीत। इस संबध में अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए जाते हैं।
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जिला प्रशासन को भी गंभीर शिकायत
इस मामले में जिला प्रशासन को भी शिकायत हुई है कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर यह प्लाटिंग हो रही है, इसमें अवैध कॉलोनी का मामला बनता है। साथ ही आपत्तियों और जांच के बाद भी मौके पर निर्माण कार्य चालू है।
इस जमीन के सर्वे नंबर की फील्ड बुक राजस्व अधिकारियों ने घर बैठे बनाई है और फील्ड पर गए ही नहीं, मौके पर और मीसल बंदोबस्त के हिसाब से जमीन में अंतर है।
कॉलोनाइजर और डेवलपर्स अपनी सीमाएं तोड़कर उनकी और पास की जमीन में व शासकीय जमीन में घुस रहे हैं। इस संबंध में कार्रवाई की जाए। हालांकि, अभी प्रशासन की ओर से इसमें एक्शन नहीं हुआ है और वहीं आरोप है कि मौके पर आपत्तियों और जांच के दौरान भी काम जारी है।