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Indore. मध्य प्रदेश में सोयाबीन के उचित रेट के लिए भावांतर योजना लागू की गई। इस योजना को लेकर इंदौर में किसानों का विरोध और समर्थन दोनों तरह के प्रदर्शन जारी है। बुधवार 15 अक्टूबर को सात दिन में किसानों का चौथा प्रदर्शन हुआ। इसमें दो धन्यवाद रैली निकली जो बीजेपी नेताओं द्वारा निकाली गई और दो विरोध में निकली जो किसान मोर्चे द्वारा हुई।
भावांतर को लेकर अभी तक की यह रैलियां
8 अक्टूबर- यह रैली ग्रामीण जिलाध्यक्ष बीजेपी श्रवण चावड़ा द्वारा दशहरा मैदान पर ट्रैक्टर रैली के रूप में हुई। इसमें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित अन्य नेता शामिल हुए। इसमें लक्ष्य तो दो हजार किसानों को ट्रैक्टर से लाने का था लेकिन 300 ट्रैक्टर ही मुश्किल से पहुंचे। इसमें भावांतर के लिए बीजेपी सरकार को धन्यवाद दिया गया।
10 अक्टूबर- इसके विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा ट्रैक्टर निकाली गई। हालांकि, इस रैली को दशहरा मैदान तक नहीं आने दिया गया और बीच में रोक दी गई। यहां किसानों ने इस योजना को रद्द कर सोयाबीन के लिए तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने सहित अन्य मांग रखी।
12 अक्टूबर- इसके बाद यह विशाल ट्रैक्टर रैली विधायक देपालपुर मनोज पटेल के नेतृत्व में निकली, इसमें किसान सुपर कॉरिडोर पर जमा हुए और सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी इसे वर्चुअली संबोधित किया। इसमें भावांतर के लिए किसानों ने सीएम और प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया।
15 अक्टूबर- अब किसानों ने भावांतर योजना सहित विविध मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले कलेक्टोरेट का घेराव और प्रदर्शन किया। इसमें फिर से भावांतर रद्द कर एमएसपी देने सहित अन्य मांग रखी गई।
इंदौर में किसानों की ट्रैक्टर रैली-ग्रीनफील्ड कॉरिडोर व भावांतर योजना का विरोध
15 अक्टूबर की रैली में यह मांग रखी गई
संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर किसानों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया। संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने किसानों की समस्याओं के प्रति बेरुखी कायम रखी तो 27 अक्टूबर को प्रदेश के कोने-कोने से हजारों किसान भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे। किसानों का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री ,बबलू जाधव ,अरुण चौहान, शैलेंद्र पटेल, चंदन सिंह बड़वाया और सोनू शर्मा ने किया। प्रदर्शन में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े संगठन किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान मजदूर सेना, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन आदिवासी किसान सभा और किसान सभा अजय भवन से जुड़े किसानों ने भागीदारी की।
1- ए ज्ञापन में मांग की गई है कि भावांतर योजना की समाप्ति कर, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सीधी खरीदी सुनिश्चित की जाए। सभी फसलों की MSP पर खरीदी को अनिवार्य किया जाए।
2- धान की MSP 3300 रुपए प्रति क्विंटल घोषित की जाए।
3- अतिवृष्टि क्षति का उचित सर्वे कर मुआवजा दिया जाए। सेटेलाइट सर्वे की बजाय पटवारी हलके को इकाई मानते हुए औसत उपज में आई कमी के आधार पर मुआवजा सुनिश्चित किया जाए। बीमा कंपनियों की अनियमितताओं पर नियंत्रण कर वास्तविक नुकसान की भरपाई की जाए।
4- खाद संकट की पुनरावृत्ति रोकी जाए। मौसम पूर्व भंडारण एवं सभी किसानों को उनकी आवश्यकता अनुसार खाद उपलब्ध कराया जाए।
5- नकली खाद एवं बीज पर कठोर कार्यवाही की जाए।
6- किसी भी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण किसान की सहमति और ग्रामसभा की स्वीकृति से हो। पुनर्वास और उचित मुआवजा दिए बिना अधिग्रहण न किया जाए।
7- किसानों को टैरिफ के प्रभाव से बचाने के लिए मूल्य अंतर की भरपाई की जाए। विशेषकर कपास उत्पादक किसानों को हुए घाटे की भरपाई की जाए।
8- रबी फसलों के लिए घोषित MSP दरों की समीक्षा की जाए।
9- वर्तमान दरें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों से कम हैं, जिससे देश के किसानों को 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होगा।
10- लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी, इंदौर में वर्ष 2019 से लंबित 2.74 करोड़ की राशि का भुगतान तत्काल मंडी निधि से किया जाए।
11- किसानों को नो-एंट्री जोन में ट्रैक्टर-ट्रॉली के प्रवेश की अनुमति दी जाए ताकि वे फसल मंडी तक ला सकें।
12- वर्ष 2017–18 की बकाया भावांतर राशि किसानों के खातों में तत्काल जमा की जाए।
यह सभी किसान रहे शामिल
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से रामस्वरूप मत्री, रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव, अरुण चौहान, शैलेंद्र पटेल, चंदन सिंह बड़वाया, सोनू शर्मा, प्रमोद नामदेव, बहादुर सिंह, काशीराम नायक, हर्षद पटेल, रामप्रसाद पटेल, मुकेश सिसोदिया, विनोद सिसोदिया, अरशद पटेल, सोहन सिंह, अमित सिसोदिया, पप्पू यादव शाहिद बड़ी संख्या में इंदौर समीर देपालपुर आदि तहसीलों के किसान शामिल थे।
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इधर भावांतर में पंजीयन जारी
उधर भावांतर के तहत इंदौर संभाग व जिले में किसानों का पंजीयन जारी है। इंदौर संभाग के आठों जिलों में 13 अक्टूबर तक कृषकों के पंजीयन की संख्या 82822 है। इनके द्वारा कुल 210790 हेक्टेयर रकबे के सोयाबीन फसल का पंजीयन कराया जा चुका है। सबसे अधिक इंदौर जिले में 35895 किसानों ने कुल 97119 हेक्टेयर रकबे के सोयाबीन फसल का पंजीयन कराया है।
इसी तरह धार जिले में 20676 किसानों द्वारा 59229 हेक्टेयर रकबा, खरगोन जिले में 8316 किसानों द्वारा 15622 हेक्टेयर रकबा, खण्डवा जिले में 8365 किसानों द्वारा 19753 हेक्टेयर रकबा, बड़वानी जिले में 8248 किसानों द्वारा 8721 हेक्टेयर रकबा, झाबुआ जिले में 4713 किसानों द्वारा 7341 हेक्टेयर रकबा, बुरहानपुर जिले में 1322 किसानों द्वारा 2310 हेक्टेयर रकबा और आलीराजपुर जिले में 757 किसानों द्वारा 695 हेक्टेयर रकबे के सोयाबीन फसल का पंजीयन अब तक कराया गया है।
भावांतर योजना के तहत सोयाबीन फसल के पंजीयन का कार्य 17 अक्टूबर तक चलेगा। किसानों से अपील की गई है कि वे निर्धारित पंजीयन केन्द्रों पर जाकर शीघ्र अपनी फसल का पंजीयन कराएं। सोयाबीन विक्रय करने की अवधि 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 तक निर्धारित की गई है।