इंदौर वकील-खाकी कांड, TI तुकोगंज को दौड़ाया, पीटा, खुद फरियादी होकर 1 माह में नहीं कर पाए जांच
15 मार्च 2025 का वह दिन जब लगभग 150 से 200 वकील व अन्य के द्वारा हाईकोर्ट चौराहे पर चक्काजाम किया जा रहा था। उस दौरान तुकोगंज टीआई जितेंद्र यादव उन्हें समझाइश देने पहुंचे तो वकीलों ने उन्हें घेर लिया।
इंदौर में हाईकोर्ट चौराहे पर वकीलों के द्वारा किए गए चक्काजाम और तुकोगंज टीआई के साथ हुई मारपीट की घटना (15 मार्च) को हुए एक महीना पूरा हो गया है। इसमें टीआई को दिनदहाड़े भीड़ ने दौड़ाया, पीटा, वर्दी नोची। टीआई तुकोगंज ने खुद इस घटना की अपने ही थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। लेकिन वह खुद अपने ही थाने में इसकी एक महीने में जांच नहीं करा सके। इसमें वकीलों की तरफ से निष्पक्ष जांच कराए जाने को लेकर आए आवेदन के बाद वरिष्ठ अफसरों के निर्देशन में एक एसआईटी भी बनाई गई थी। उसने भी एक महीना गुजर जाने के बाद भी अपनी जांच पूरी नहीं की है।
यह हुआ था एक महीने पहले
15 मार्च 2025 का वह दिन जब लगभग 150 से 200 वकील व अन्य के द्वारा हाईकोर्ट चौराहे पर चक्काजाम किया जा रहा था। उस दौरान तुकोगंज टीआई जितेंद्र यादव उन्हें समझाइश देने पहुंचे तो वकीलों ने उन्हें घेर लिया। वकील अचानक टीआई पर भड़क गए और टीआई पर शराब के नशे में होने के आरोप लगाए थे। इसके बाद उनके साथ झूमाझटकी की, उन्हें दौड़ाया, वर्दी फाड़ी, घेरा और एसीपी विनोद दीक्षित की वर्दी पर लगे स्टार भी उखाड़े। जैसे–तैसे वकीलों की भीड़ से तुकोगंज टीआई को बचाकर पुलिस ले गई।
एसआईटी प्रमुख एसीपी विनोद दीक्षित स्वयं घटना के दौरान मौके पर थे। जांच को लेकर उनका कहना है कि अभी तक हमने काफी सारे वीडियो और फोटो देखे और उनमें से हम केवल तीन से चार आरोपियों को नामजद कर पाए हैं। आरोपियों के नाम बताने को लेकर एसीपी दीक्षित का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक हम आरोपियों के नाम ओपन नहीं कर सकते हैं, क्योंकि जिन्हें हमने नामजद किया है उन्हें अभी हम नोटिस देंगे और उनसे जवाब मांगेंगे। उसके बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। बाकी अभी जांच चल ही रही है, जल्दी ही इसे पूरा कर देंगे।
एसआईटी के जांच अधिकारी एमजी रोड टीआई विजय सिंह सिसोदिया का कहना है कि हमारे पास तो अभी तक केवल एक ही प्रकरण आया है, जिसमें तुकोगंज टीआई फरियादी हैं। वहीं, दो अन्य प्रकरण तो खुद उनके थाने में ही दर्ज हैं, जिनकी जांच भी उन्हें ही करनी है और आगे की कार्रवाई भी। उन्होंने भी अभी तक जांच पूरी करके रिपोर्ट हमें नहीं दी है। ऐसे में हम अकेले एक रिपोर्ट के आधार पर पूरी जांच कैसे करें?
घटना को लेकर एक मामले में फरियादी टीआई जितेंद्र यादव का कहना है कि मेरे से संबंधित जानकारी व रिपोर्ट मैं एसआईटी को सौंप चुका हूं। बाकी दोनों प्रकरण में लेटलतीफी पर उनका कहना है कि हमें जैसा समय मिल रहा है, वैसे उसे देख रहे हैं। काफी सारे वीडियो और फोटो हैं, उनमें से देखकर शिनाख्त करनी पड़ रही है। इसमें काफी समय लग रहा है। इसी के साथ ड्यूटी भी चल रही है, तो उसमें से टाइम निकालकर इस केस में लगना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। फिर भी मैं प्रयास कर रहा हूं। हालांकि एक प्रकरण जिसमें कि एक ही आरोपी है, उसमें आरोपी की शिनाख्त हो गई है। आरोपी हितेश शर्मा पिता देवप्रकाश शर्मा निवासी धर्मराज कॉलोनी है।
इस मामले में तीन एफआईआर कराई गई थीं, जिनमें से दो एफआईआर की जांच तो स्वयं टीआई जितेंद्र यादव को ही करनी थी। इसमें से एक एफआईआर में पीड़ित की तरफ से पुलिस ने लगभग 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ बिना अनुमति चक्काजाम और धरना प्रदर्शन करने का केस दर्ज किया है। वहीं, दूसरी में एक व्यक्ति के साथ भीड़ द्वारा की गई मारपीट और तीसरी में स्वयं टीआई फरियादी हैं।
धीमी गति से कर रहे जांच
इस घटना के बाद जहां तीन एफआईआर हुईं, तो वकीलों की मांग पर घटना की निष्पक्ष जांच के लिए एक एसआईटी का गठन भी कर दिया गया। इसके प्रमुख एसीपी कोतवाली विनोद दीक्षित को बनाया गया। साथ ही जांचकर्ता एमजी रोड टीआई विजय सिंह सिसोदिया हैं। एसआईटी की तरफ से हो रही जांच में अभी तक केवल तीन से चार आरोपियों की ही पहचान हो पाई है। पुलिस अफसरों ने बताया कि अभी जांच चल रही है।