इंदौर लोकायुक्त महिला अधिकारियों ने नवरात्रि में पकड़े 4 भ्रष्टाचारी, निगम का दरोगा भी धराया

इंदौर लोकायुक्त ने नवरात्रि के दौरान महिला अधिकारियों के नेतृत्व में दो महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार मामलों का खुलासा किया। इनमें इंदौर नगर निगम के दरोगा और सुपरवाइजर, वहीं दूसरे मामले में जिला आपूर्ति अधिकारी और सहायक सेल्समैन को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा।

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Sanjay Gupta
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Photograph: (THESOOTR)

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INDORE. इंदौर लोकायुक्त ने नई पहल की और नवरात्रि के पावन उत्सव के दौरान नारी शक्ति को आगे करते हुए उनके नेतृत्व में ट्रैप दल गठित किए। महिला अधिकारियों ने सफलतापूर्वक कार्रवाई को अंजाम दिया और चार अधिकारी एक साथ भ्रष्टाचार में पकड़े। महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के आदेश के तहत एसपी राजेश सहाय इंदौर लोकायुक्त द्वारा दल बनाकर कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

पहली कार्रवाई- इंदौर निगम में दरोगा धराया

पहली कार्रवाई इंदौर में हुई। आवेदक मनोज चौहान निवासी इंदौर की शिकायत पर कार्रवाई हुई और  गोपाल पटौना, दरोगा स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम जोन 22 और भरत मुराड़ियां, सुपरवाइजर,3 rd आई कंपनी को तीन हजार की रिश्वत में पकड़ा गया। 

दरोगा ने रिश्वत की राशि आने तक मोबाइल रख लिया

आवेदक मनोज चौहान ने एसपी सहाय को शिकायत में कहा कि उसका ट्रैक्टर C 21 मॉल का मलबा उसकी ही साइट पर ले जाकर डालता है। प्रति फेरा 500 रुपए मिलते हैं।

दिनांक 24/9/25 को जोन क्रमांक 22 के नगर निगम के दरोगा गोपाल और भारत ने उसका ट्रैक्टर पकड़ लिया है और बोला है कि मलबा के साथ कचरा भी है। ट्रैक्टर रोक रखा है और 10000/- रुपए ट्रैक्टर छोड़ने के मांग रहे है नहीं तो जप्त करने की धमकी दे रहे है। 

सत्यापन कराया तो भरत ने उसी समय 2000 रुपए ले लिए और बाकी 3000 रुपए आज दिनांक 25/9/25 को लेकर बुलाया।और आवेदक का मोबाइल भी लेकर रख लिया कि कल बाकी देकर ले जाना। गोपाल पटौना ने 3000 रुपए लिए और भरत को दे दिए।

गोपाल दरोगा ने अपने लिए मासिक बंदी की मांग आवेदक से रिश्वत लेन देन के दौरान की।रिश्वत राशि लेते ही आसपास तैनात लोकायुक्त दल ने रंगे हाथ दोनों आरोपियों को पकड़ लिया।

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इन महिला अधिकारी ने पकड़ा

लोकायुक्त ट्रैप कार्रवाई में ट्रैप दल को निरीक्षक प्रतिभा तोमर ने लीड किया। साथ ही रहीम खान, प्रधान आरक्षक आशीष शुक्ल, आरक्षक शैलेन्द्र बघेल, आदित्य भदौरिया, कमलेश परिहार, राकेश मिश्रा, शेरसिंह शामिल थे। 

दूसरी कार्रवाई झाबुआ में हुई

दूसरी कार्रवाई आवेदक मनोज ताहेड़ पिता जोरू ताहेड़, उम्र 32 वर्ष, निवासी ग्राम नेगड़िया पोस्ट अंतरवेलिया तहसील व जिला झाबुआ की शिकायत पर हुई। आरोपी  आशीष आजाद, प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी जिला झाबुआ और जितेन्द्र नायक, सहायक सेल्समैन, शासकीय उचित मूल्य की दुकान पीलिया खदान देवझिरी झाबुआ को पकड़ा गया। 

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यह थी इनकी शिकायत

डॉ. भीमराव अंबेडकर बहुउद्देशीय सहकारी साख संस्था मर्यादित पिटोल बड़ी जिला झाबुआ द्वारा मेंहदीखेड़ा में संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान (कोड कमांक-2104088) पर आवेदक मनोज सेल्समैन का काम करता था। दिनांक 19.09. 2025 को जिला आपूर्ति अधिकारी झाबुआ ने आवेदक की शासकीय उचित मूल्य की दुकान को बिना किसी सूचना दिए निलंबित कर, करूणा स्वयं सहायता नेगड़िया की शासकीय उचित मूल्य की दुकान (कोड कमांक-2104084) में संलग्न कर दिया था।

आवेदक को सहायक सैल्समैन जितेन्द्र नायक ने कहा कि मैं तुम्हारी दुकान का निलंबन हटवा दूंगा और FIR भी नही होने दूंगा, लेकिन इसके लिए तुम्हें जिला आपूर्ति अधिकारी आशीष आजाद को कुछ खर्चापानी देना पडेगा। उन्होंने एक लाख रुपए देने पर दुकान का निलंबन हटाने का बोला और FIR भी नहीं करेंगे। एसपी ने  ट्रैपदल का गठन किया। आरोपी आशीष आजाद एवं आरोपी जितेन्द्र नायक को 50,000/- रू. रिश्वत लेते हुए जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय झाबुआ में रंगे हाथों पकड़ा गया है।

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यह थे ट्रैप दल में महिला अधिकारी

ट्रैपदल को लीड निरीक्षक रेनू अग्रवाल ने किया। प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक पवन पटोरिया, आरक्षक मनीष माथुर, आरक्षक आशीष आर्य, आरक्षक कृष्णा अहिरवार शामिल थे।

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