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Photograph: (the sootr)
मध्यप्रदेश के मंडला (Mandla) जिले में शिक्षा विभाग (Education Department) के एक बड़े अधिकारी को इओडब्ल्यू की टीम ने अपनी पत्नी के सहयोग से रिश्वत लेते पकड़ा है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW - Economic Offenses Wing) की टीम ने मंडला के जिला प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर (DPC - District Project Coordinator) अरविंद विश्वकर्मा और उनकी पत्नी आरती विश्वकर्मा को 60 हजार रुपए की रिश्वत (Rishwat) लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
यह कार्रवाई उस समय की गई जब डीपीसी ने चतुराई से अपनी पत्नी को पैसे लेने के लिए आगे किया। इस हाई-प्रोफाइल मामले ने न केवल शिक्षा जगत में बल्कि सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार को उजागर किया है।
स्कूल संचालक की शिकायत पर EOW ने बिछाया जाल
पूरा मामला विद्या निकेतन ककैया स्कूल की मान्यता के नवीनीकरण (renewal) से जुड़ा है। स्कूल संचालक रविकांत नंदा को स्कूल की मान्यता को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी प्रक्रियाओं से गुजरना था। इसी क्रम में, डीपीसी अरविंद विश्वकर्मा ने कथित तौर पर स्कूल संचालक से 1.20 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की। यह रकम स्कूल के काम को बिना किसी अड़चन के पूरा करने के एवज में मांगी गई थी।
स्कूल संचालक रविकांत नंदा, भ्रष्टाचार के इस दबाव के आगे नहीं झुके और उन्होंने इसकी शिकायत जबलपुर EOW टीम से की। शिकायत की गंभीरता को समझते हुए EOW ने तत्काल मामले की जांच शुरू की और डीपीसी (DPC) को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई।
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एपीसी को बनाया गया सह-आरोपी
इस मामले में डीपीसी के अलावा एपीसी (APC - Assistant Project Coordinator) अवधेश नारायण पांडे को भी सह-आरोपी बनाया गया है। स्कूल संचालक ने EOW को बताया कि एपीसी ने भी उनसे रिश्वत की मांग की थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह भ्रष्टाचार की श्रृंखला केवल एक अधिकारी तक सीमित नहीं थी।
डीपीसी पति और पत्नी द्वारा रिश्वत लेने के मामले को ऐसे समझेंडीपीसी और पत्नी की गिरफ्तारी: मंडला में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने जिला प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर (डीपीसी) अरविंद विश्वकर्मा और उनकी पत्नी आरती को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। रिश्वत की मांग: डीपीसी ने विद्या निकेतन ककैया स्कूल की मान्यता नवीनीकरण के लिए स्कूल संचालक से 1.20 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। रकम की अदायगी: स्कूल संचालक ने पहले 50 हजार रुपए दिए थे, फिर 23 सितंबर को डीपीसी ने शेष 60 हजार रुपए की मांग की और पत्नी को लिफाफा लेने भेजा। ईओडब्ल्यू की कार्रवाई: जब पत्नी ने रिलायंस पेट्रोल पंप पर रिश्वत का लिफाफा लिया, ईओडब्ल्यू की टीम ने रंगे हाथ दोनों को गिरफ्तार कर लिया। आगे की जांच: गिरफ्तारी के बाद ईओडब्ल्यू की टीम पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में दोनों से पूछताछ कर रही है, और मामले की पूरी जांच की जा रही है। |
रिश्वत की पहली किश्त में ले चुके थे 50 हजार
EOW सूत्रों के मुताबिक, स्कूल संचालक रविकांत नंदा ने पांच दिन पहले ही डीपीसी को 50 हजार रुपए की पहली किश्त दे दी थी। लेकिन, रिश्वत की कुल राशि 1.20 लाख रुपए थी, इसलिए 23 सितंबर को डीपीसी ने शेष राशि की मांग की। गुरुवार की सुबह, डीपीसी अरविंद विश्वकर्मा ने शेष 60,000 रुपए की मांग करते हुए एक नया बहाना बनाया। उन्होंने स्कूल संचालक को बताया कि वह जबलपुर जा रहे हैं और इसी बहाने रिलायंस पेट्रोल पंप पर पैसे लाने को कहा।
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ऑपरेशन 'रिश्वत': EOW ने रंगे हाथों दबोचा
EOW (ईओडब्ल्यू) की टीम पहले से ही पूरी तैयारी के साथ रिलायंस पेट्रोल पंप (Reliance Petrol Pump) पर घात लगाए बैठी थी। जैसे ही स्कूल संचालक रविकांत नंदा लिफाफे में 60,000 रुपए की रिश्वत राशि लेकर मौके पर पहुंचे, EOW की नजरें डीपीसी की हर हरकत पर टिकी हुई थीं।
चालाकी दिखाते हुए डीपीसी अरविंद विश्वकर्मा ने रिश्वत का लिफाफा खुद न लेकर अपनी पत्नी आरती विश्वकर्मा को लेने के लिए कहा। जैसे ही उनकी पत्नी ने लिफाफे को हाथ में लिया, डीएसपी स्वर्ण जीत सिंह धामी के नेतृत्व में EOW की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए डीपीसी (DPC) और उनकी पत्नी दोनों को रंगे हाथों (Red-Handed) गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद, डीपीसी अरविंद विश्वकर्मा और उनकी पत्नी आरती विश्वकर्मा को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस (PWD Rest House) ले जाया गया, जहां EOW की टीम उनसे आगे की पूछताछ कर रही है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की धाराओं के तहत की गई है।