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सतना में सरकारी राशि के भुगतान में 2.59 करोड़ की गड़बड़ी मामले में EOW ने एक्शन लिया है। दरअसल
PWD सतना के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मनोज द्विवेदी और दिल्ली स्थित कॉन्ट्रैक्टर एम/एस एच.आर. कंस्ट्रक्शन के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप लगे थे।
इस मामले में ईओडब्ल्यू ने दोनों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया। जांच में पाया गया कि 2 करोड़ 59 लाख 66 हजार 580 रुपए का फर्जी भुगतान माइल स्टोन कार्य के नाम पर दिखाया गया। संबंधित निर्माण कार्य कभी किया ही नहीं गया।
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माइल स्टोन कार्य का फर्जी भुगतान
यह मामला 2017 से 2022 के बीच के सड़क निर्माण कार्यों का है। इन निर्माण कार्यों का अंतिम देयक 27 जुलाई 2021 को पास हुआ था, इसके बाद कॉन्ट्रैक्टर द्वारा माइल स्टोन का भुगतान दिखाने के लिए संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मनोज द्विवेदी ने इन दस्तावेजों को सही मानकर कलेक्टर कार्यालय सतना को भेज दिया। लेकिन जब जांच की गई, तो पता चला कि ये दस्तावेज फर्जी प्रमाण पत्र थे।
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EOW की जांच
ईओडब्ल्यू की जांच में यह पाया गया कि इस धोखाधड़ी से शासन को 2 करोड़ से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ। आरोपी पक्ष द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज फर्जी थे, जिससे सरकारी राशि का दुरुपयोग हुआ। जांच में शामिल अधिकारियों के अनुसार, यह मामला भ्रष्टाचार और सरकारी पैसे के गबन का गंभीर उदाहरण है।
मध्यप्रदेश सरकार को नुकसान
जांच में यह भी सामने आया कि उक्त धोखाधड़ी के कारण राज्य सरकार को 2 करोड़ रुपए से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में आरोपी अधिकारियों और कॉन्ट्रैक्टर के खिलाफ जांच शुरू कर दी है और जल्द ही मामले की गहरी पड़ताल की जाएगी।
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इन धाराओं में मामला दर्ज
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए लोक निर्माण विभाग सतना के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और कॉन्ट्रैक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आईपीसी की धारा 120-बी (साजिश), 409 (भ्रष्टाचार), 420 (धोखाधड़ी), 467 (फर्जी दस्तावेज), 468 (धोखाधड़ी के लिए दस्तावेज तैयार करना), 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग) और 34 (साझी मंशा) के तहत कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।