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इंदौर लोकायुक्त ने बुधवार, 10 सितंबर को सांवेर के उत्कृष्ट बालक उच्चतर माध्यमिक स्कूल की प्राचार्य मनीषा पहाड़िया को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। लेकिन इसमें अहम बात एक शिक्षक की प्रतिक्रिया से आई। उनके द्वारा सोशल मीडिया पर कहा गया कि यदि यह मैम रिश्वत ले सकती हैं तो फिर सभी ले सकते हैं। क्योंकि मैं तो उन्हें सबसे ज्यादा ईमानदार शिक्षक मानता था।
इस तरह हुई कार्रवाई
महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के आदेश के तहत इंदौर टीम ने कार्रवाई की है। फरियादी आशीष मारू, पिता श्री शिवप्रसाद मारू, उम्र 40 वर्ष, उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग-1, शासकीय सांदीपनी मॉडल स्कूल कछालिया सांवेर, जिला इंदौर द्वारा मनीषा पहाड़िया, प्राचार्य, शासकीय उत्कृष्ट बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सांवेर, जिला इंदौर के खिलाफ शिकायत की गई थी।
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लोकायुक्त टीम ने इस तरह पकड़ा
आवेदक मारू की उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग-1 के पद पर नियुक्ति 13.10.2021 को शासकीय सांदीपनी मॉडल स्कूल कछालिया सांवेर, जिला इंदौर में हुई थी। आवेदक की परिवीक्षा अवधि 13.10.2024 को पूर्ण हो चुकी थी, परिवीक्षा अवधि पूर्ण होने से आवेदक की स्थाई नियुक्ति हेतु फाइल संकुल प्राचार्य के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय इंदौर भेजी जानी थी। आवेदक की शिक्षण संस्था द्वारा 27.01.2025 को आवेदक की फाइल संकुल प्राचार्य श्रीमती मनीषा पहाड़िया के पास भेज दी गई थी। संकुल प्राचार्य मनीषा पहाड़िया द्वारा आवेदक और आवेदक के साथी शिक्षक महेश गोयल की फाइल को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय इंदौर अग्रेषित करने के एवज में 2,000 रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही थी, जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय, इंदौर को की गई। सत्यापन में शिकायत सही पाए जाने पर 10 सितंबर को ट्रैप दल का गठन कर आरोपिता को आवेदक से 2,000/- रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
ट्रैप दल में यह थे
ट्रैप दल- निरीक्षक रेनू अग्रवाल, सहायक उपनिरीक्षक रहीम खान, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक चन्द्रमोहन बिष्ट, आरक्षक कमलेश परिहार, महिला आरक्षक कंचन राजपूत, महिला आरक्षक गोपाल कंवर, चालक शेरसिंह शामिल थे।
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एक शिक्षक ने प्राचार्य के पकड़े जाने पर लिखा
वहीं एक शिक्षक ने दुखी होकर सोशल मीडिया पर कहा कि- मैं इंदौर के 10-12 प्राचार्यों में से एक मनीषा मैम को भी ईमानदार और अच्छा प्राचार्य मानता था और जब मनीषा मैम भी रिश्वत लेते पकड़ी गईं तो फिर तो सबको लेने का अधिकार है। अब इस शिक्षा विभाग का भविष्य पता नहीं क्या होगा। अधिकारी से लेकर प्राचार्य, और बाबू भी रिश्वत लें तो फिर अंजाम तो यही होगा। ये पुराने शिक्षक नहीं हैं, जो देकर भी बात को हजम कर जाते थे। यह नया वर्ग है, जो कुछ भी सहन करने को तैयार नहीं है और ऐसे ही विभाग सुधरेगा भी। आज बहुत दुख हो रहा है।